Online Booking of Paddy: बिहार में शुरू हो गयी है धान की ख़रीदारी, यहां जाने ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
धान की ख़रीदारी के लिए बुकिंग शुरू
Online Booking of Paddy: बिहार (Bihar) में सभी किसानों के लिए धान की ख़रीदारी हेतु ऑनलाइन एडवांस बुकिंग की सेवा शुरू कर दी गयी है. बता दें कि राज्य में धान की ख़रीदारी 15 नवंबर से लेकर 15 फरवरी तक होती है. पैक्स में किसान अपनी धान को बेचने के लिए सहकारिता विभाग के आधिकारिक पोर्टल पर पहले ही बुकिंग करवा सकते हैं. इस व्यवस्था को ख़ासतौर से धान की ख़रीद में पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है. इसमें सबसे अनोखी बात यह है कि किसान अपनी इच्छानुसार कोई भी तारीख़ चुनकर धान को बेच सकते हैं. धान के ख़रीद की बुकिंग हो जाने के बाद इसकी जानकारी सम्बंधित पैक्स व अन्य पदाधिकारियों के पास पहुंच जायेगी. साथ ही, पदाधिकारियों को यह भी सूचना मिल जाएगी कि कौन सा किसान, किस तारीख़ पर अपना धान बेच रहा है. इसके लिए बिहार सरकार ने राजधानी पटना में एक कंट्रोल रूम को भी स्थापित कर दिया है.
सहकारिता विभाग द्वारा ई-सहकारी पोर्टल
सहकारिता विभाग ने एक ई–सहकारी पोर्टल जारी किया है. इस ई–सहकारी पोर्टल पर किसान धान की बिक्री योग्य उसकी मात्रा एवं विक्रय की तारीख़ या फ़िर अपनी इच्छानुसार कोई भी तारीख़ डालकर बुकिंग करवा सकते हैं. इस तरह से हुई बुकिंग की मात्रा और विक्रय की तारीख़ इससे सम्बंधित समिति यानी पैक्स या व्यापार मंडल, सम्बंधित सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, सहायक निबंधक सहयोग समितियां एवं जिला सहकारिता पदाधिकारी के लॉग इन में दिखाई देगी. इससे यह होगा कि पैक्स उसी तारीख़ पर किसान से धान ख़रीद सकेगा. इन तमाम प्रक्रियाओं से धान की ख़रीदारी पर नज़र रखी जा सकेगी. केवल इतना ही नहीं, इससे पैक्स के द्वारा धान नहीं ख़रीदे जाने वाली शिक़ायतों पर रोक भी लगाया जा सकेगा. इसके अंतर्गत विभागीय स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गयी है. किसान की सहायता के लिए सरकार ने एक नंबर भी जारी किया है. यह नंबर है 0612-220693. किसी भी तरह की सहायता के लिए किसान इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.
ऑनलाइन एडवांस बुकिंग की प्रक्रिया
धान की ख़रीद के लिए ऑनलाइन आवेदन आसानी से किया जा सकता है. धान की ख़रीद की ऑनलाइन एडवांस बुकिंग के लिए पहले किसान को निबंधन संख्या डालना होगा. इसके बाद आवेदन के फॉर्म को भरना होगा. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जो रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर है, उसको साथ रखना है. चूंकि, ओटीपी उसी नंबर पर आएगा और उसको पोर्टल पर भी दर्ज करना होगा. यदि किसी किसान का पंजीकरण नहीं हो पाया है तो, पहले उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होगा. क्यूंकि यह सभी किसानों के लिए अनिवार्य है.