Paper Cup: आजकल हम सबने देखा है कि चाय या कॉफी लेने के लिए पेपर कप का इस्तेमाल कितनी तेजी से बढ़ रहा है। चाहे ऑफिस हो, रेलवे स्टेशन, कॉलेज कैंटीन या सड़क किनारे की चाय की दुकान – हर जगह पेपर कप का बोलबाला है। हमें लगता है कि ये कप “इको–फ्रेंडली” होते हैं और पर्यावरण के लिए अच्छे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन पेपर कपों में चाय या कॉफी पीना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है?
पेपर कप में छिपा ज़हर
1. केमिकल्स का ज़हर
पेपर कप को सिर्फ कागज़ से नहीं बनाया जाता। इन्हें वाटरप्रूफ और हीट–रेसिस्टेंट बनाने के लिए इन पर केमिकल्स की कोटिंग की जाती है। इसमें शामिल होते हैं:
- फॉर्मलाडेहाइड (Formaldehyde)
- डायोक्सिन (Dioxins)
- पॉलीक्लोरीनेटेड बाइफेनिल्स (PCBs)
ये सभी रसायन गर्म पेय पदार्थों के संपर्क में आते ही धीरे–धीरे पेय में घुलने लगते हैं और हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं।
2. प्लास्टिक की परत – माइक्रोप्लास्टिक का खतरा
हालांकि यह कप दिखने में पेपर के लगते हैं, लेकिन असल में इनमें एक पतली प्लास्टिक की परत होती है, जो आमतौर पर पॉलीथीन या एक्सट्रूडेड पॉलीस्टायरीन (EPS) की होती है।
जब हम इन कपों में गरम चाय या कॉफी डालते हैं, तो यह प्लास्टिक धीरे–धीरे टूटने लगती है और उसमें से माइक्रोप्लास्टिक व BPA (बिस्फेनॉल-A) जैसे हानिकारक रसायन हमारे पेय में मिल जाते हैं।
स्वास्थ्य पर गंभीर असर
1. हार्मोनल गड़बड़ी
इन रसायनों का प्रभाव शरीर के हार्मोन सिस्टम पर भी पड़ता है। BPA जैसे केमिकल थायराइड ग्रंथि और प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं। महिलाओं में हार्मोन असंतुलन और पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर बुरा असर देखा गया है।
2. कैंसर का खतरा
कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि पेपर कप में इस्तेमाल होने वाले कुछ केमिकल्स कैंसर जैसे गंभीर रोगों का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक इनके संपर्क में आने से शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव होता है जो कैंसर की संभावना बढ़ाता है।
3. लीवर और किडनी पर असर
रिसर्च के अनुसार, प्लास्टिक के टुकड़े और रसायन शरीर के अंदर जाकर लीवर और किडनी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या है समाधान?
अब सवाल ये उठता है – क्या करें?
हम चाय–कॉफी तो छोड़ नहीं सकते, लेकिन इन खतरों से कैसे बचा जाए?
1. स्टील या मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करें
जहां तक हो सके, चाय या कॉफी स्टील, तांबे या मिट्टी के कुल्हड़ में ही पिएं। ये प्राकृतिक होते हैं और स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित।
2. पेपर कप का सीमित प्रयोग
अगर मजबूरी में पेपर कप का इस्तेमाल करना पड़े, तो ध्यान रखें कि वह खासतौर पर गर्म पेय पदार्थों के लिए बना हो।
इसके अलावा चाय को कप में डालकर ज्यादा देर तक न रखें। जितना जल्दी हो सके पी लें।
3. थर्मल मग या टंबलर साथ रखें
आप चाहें तो एक री–यूजेबल स्टील या ग्लास थर्मस अपने साथ रखें, जिससे आप बाहर की चाय या कॉफी उसमें ले सकें। ये तरीका पर्यावरण और स्वास्थ्य – दोनों के लिए बेहतर है।
4. पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी
पेपर कप सिर्फ स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरा हैं। लाखों कप हर दिन कचरे में फेंक दिए जाते हैं, जिनका पुनः उपयोग या नष्ट करना मुश्किल होता है। प्लास्टिक कोटिंग वाले ये कप बायोडिग्रेडेबल नहीं होते।
तो दोस्तों, अगली बार जब आप पेपर कप में चाय पीने जाएं, तो एक बार ज़रूर सोचें कि कहीं आप अपने शरीर में ज़हर तो नहीं भर रहे हैं।
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है – इसे बचाइए, समझदारी से चुनिए।
disclaimer: इस वीडियो में बतायी गयी सभी जानकारियाँ इंटरनेट के माध्यम से दी गयी है.
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