parali burning: पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ होगी ये कार्रवाई

बिहार में पराली जलाने के मामले में कृषि विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदेश में कई जगहों पर खेतों में पराली जलाने के आरोप में कई किसानों पर कार्रवाई की गई और कई किसानों पर कार्रवाई की योजना बन रही है। पराली जलाने की इस घटना पर सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है. अभी तक सॅटॅलाइट के जरिये हीं इन किसानों के खेतों में पराली जलते हुए पकड़ा गया है, जिसके बाद जिला अधिकारियों द्वारा इन किसानों की सूची भेजी गई। जिला कृषि पदाधिकारी ने इसके बाद कृषि कर्मियों को निर्देश दिया कि वे अक्षांश और देशांतर (Latitude and Longitude) के आधार पर पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित करें।

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पराली जलाने का यह मामला सबसे ज्यादा पश्चिमी चंपारण से सामने आया है. इनमें मैनाटांड़, बगहा , नरकटियागंज और गौनाहा क्षेत्रों के किसान प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन किसानों को चिन्हित करके कृषि विभाग उनका निबंधन निलंबित करेगा और उन्हें अगले तीन साल तक कृषि विभाग की योजनाओं से बाहर रखा जाएगा। इस कार्रवाई से यह संदेश दिया जा रहा है कि सरकार पराली जलाने को लेकर गंभीर है और ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।अक्षांश और देशांतर के आधार पर इन किसानों की सूची तैयार की जाएगी, ताकि उनकी पहचान कर उन्हें सजा दी जा सके। खेतों में पराली जलाने के खिलाफ कृषि विभाग का अभियान लगातार चल रहा है। विभाग ने किसानों को पराली जलाने के खतरों के बारे में जागरूक किया है और इसके नुकसान को समझाने की कोशिश की है। फिर भी, कुछ किसान इस चेतावनी के बावजूद खेतों में पराली जलाते रहे, जिसके कारण विभाग ने अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। अब पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

अभी हाल में हीं कृषि विभाग ने ऐसे ही एक अभियान के तहत डेढ़ दर्जन किसानों को चिन्हित किया था, जो खेतों में पराली जला रहे थे। इन किसानों का सत्यापन कृषि विभाग ने किया और इस सत्यापन में पराली जलाने के आरोप सही पाए गए। मैनाटांड़, गौनाहा और बगहा के किसानों की संख्या इसमें सर्वाधिक थी।प्रखंड कृषि पदाधिकारियों ने बताया कि अब विभाग ने पराली जलाने वाले किसानों के निबंधन को निलंबित करने के लिए जिला कार्यालय से अनुशंसा की है। इसके अलावा, कृषि कर्मियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से निगरानी रखें। यदि किसी किसान द्वारा खेतों में पराली जलाने की घटना सामने आती है, तो उसे चिन्हित कर एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा।

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यह पूरी कार्रवाई कृषि विभाग द्वारा खेतों में पराली जलाने की समस्या को गंभीरता से लेते हुए की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को पराली जलाने के बजाय वैकल्पिक समाधान अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। विभाग की इस पहल का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की रक्षा करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि किसानों को कृषि कार्यों के लिए सही तरीके और तकनीकी ज्ञान मिल सके।इस कार्रवाई के तहत कृषि विभाग अब सख्ती से यह सुनिश्चित करेगा कि पराली जलाने की घटनाएं न हो और किसानों को जागरूक कर वैकल्पिक उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में खेतों में पराली जलाने की समस्या में काफी कमी आएगी और पर्यावरण पर होने वाले नकारात्मक प्रभावों को भी कम किया जा सकेगा।

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