(parimarjan portal)अब दाखिल–
ख़ारिज करने में नहीं होगी परेशानी ऑनलाइन होगी छूटी जमाबंदी
(parimarjan portal) परिमार्जन प्लस पोर्टल पर डिजिटल जमाबंदी सुधार और छूटी जमाबंदी का काम ऑनलाइन होगा. इससे अब ई–म्यूटेशन प्लस से दाखिल–ख़ारिज की परेशानियाँ भी कम होंगी. कई बार जमीन के दस्तावेजों में डिजिटाईजेशन के दौरान कुछ गलतियाँ हो जाती हैं. जिससे लोग काफी परेशान हो जाते हैं. जमीन जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है. ऐसे में राजस्व विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली में समार्हता और आयुक्त के राजस्व नयायालय को भी जोड़ दिया गया है. अब लोग ऑनलाइन तरीके से भी भी इनके न्यायालय में मामले दर्ज कर सकेंगे.
नई व्यवस्था की हुई शुरुआत
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की मौजूदगी में इस नई व्यवस्था की शुरुआत मंगलवार से हुई है. दाखिल–खारिज आवेदनों की त्रुटी जांच की सुविधा ई–म्यूटेशन में नई व्यवस्था के तहत दी गई है. ऐसे में अब यदि त्रुटी पाई गई तो आवेदन वापस कर दिए जायेंगे. ई–म्यूटेशन के तहत खाता, खेसरा, रकबा, नाम, जमाबंदी और साक्ष्य आवेदन में किसी तरह की त्रुटी नहीं होनी चाहिए. यदि त्रुटी होती है तो अंचलाधिकारी आवेदक को उनका आवेदन ऑनलाइन हीं वापस कर देंगे.
ऐसी स्थिति में आवेदक को अपने आवेदन में सभी त्रुटियों में सुधार करना होगा
उसके बाद आवेदक अपने आवेदन को फिर से अंचलाधिकारी के पास भेजेंगे. फिर औपचारिक तौर पर मुकदमेबाजी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. यदि आवेदक का आवेदन किसी त्रुटी के कारण अस्वीकृत हो जाता है. तो आवेदक को अपील की प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी. आवेदक को इसकी सूचना SMS के जरिये दी जाएगी कि आपके आवेदन में त्रुटी है. इसके अलावे आवेदन की प्रगति के हर चरण की जानकारी आवेदन को SMS के माध्यम से दी जाएगी. आवेदन तक तक अस्वीकृत नहीं होगा, जब तक आवेदक का पक्ष न जान लिया जाए.
अब एक हीं फाइल में दस्तावेज अपलोड करने की नहीं होगी जरूरत
अपने मंतव्य, अनुशंसा या निर्णय के समर्थन में साक्ष्य अपलोड करने की सुविधा कर्मचारियों और राजस्व पदाधिकारियों को दी गई है. आवेदन के साथ हीं सभी साक्ष्य अब अलग–अलग अपलोड किये जा सकते हैं. इसमें खतियान, बंटवारा, लगान रसीद, वसीयत जैसे साक्ष्य हो सकते हैं. मालूम हो कि पहले पहले एक हीं फाइल अपलोड करना होता था. इससे सम्बंधित साक्ष्य दस्तावेज खोजने में राजस्व पदाधिकारियों और कर्चारियों को काफी परेशानी होती थी. लेकिन इस प्रावधान को बदल दिया गया. अब साक्ष्य को अलग–अलग अपलोड किये जा सकते हैं.
जब ई–म्यूटेशन में सुधार के तहत कम की जाने वाली जमाबंदी ऑनलाइन उपलब्ध हो, तभी दाखिल–खारिज के लिए आवेदन तभी किया जा सकेगा. विक्रेता की जमाबंदी भी ऑनलाइन उपलब्ध होनी चाहिए. यदि जमाबंदी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, या माँगा गया रकबा, खाता और खेसरा भी मौजूद नहीं है. तो ऐसी स्थिति में विक्रेता अपने नाम से जमाबंदी को सुधार के माध्यम से सहीं करवाएंगे. म्यूटेशन आवेदन उसके बाद हीं फिर ऑनलाइन हो सकेगा.
इस सम्बन्ध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि बिहार के सभी अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा दी जा रही है. विभाग द्वारा सॉफ्टवेर और रैयतों को दी सुविधाओं की समीक्षा कर उनमें कई और खूबियाँ जोड़ी गई हैं. सुधारों की प्रक्रिया को हम आगे भी जारी रखेंगे जिससे आम लोगों को बेहतर राजस्व प्रबंधन प्रणाली उपलब्ध करवा सकें.