patna book fair 2024: बिहार के प्रसिद्ध पुस्तक मेले में सोने की परत चढ़ी इस किताब की हो रही खूब चर्चा, कीमत सुन कर आप भी हो जायेंगे हैरान
बिहार की राजधानी पटना स्थित ऐतिहासिक गांधी मैदान में पुस्तक मेले का आयोजन हुआ. इस पुस्तक मेले में एक किताब ने कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। वैसे तो इस पुस्तक मेले में हजारों किताबें उपलब्ध हैं, लेकिन एक खास किताब “महंगी कविता” चर्चा का केंद्र बन गई है। इस किताब की कीमत सुनकर हर कोई हैरान है। यह किताब न सिर्फ अपने विषय बल्कि अपनी विशेषताओं के लिए भी ख़ास बन चुकी है। “महंगी कविता” नामक यह किताब ओमा द अक् द्वारा लिखी गई है और इसकी कीमत 25,000 रुपये है, जो इसे इस मेले की सबसे महंगी किताबों में से एक बन गई है।
“महंगी कविता” किताब की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके कवर पर सोने की परत चढ़ाई गई है और इसके पन्ने भी सोने से आवरित हैं। इस किताब का कवर मखमली बना है, जो इसके आकर्षण को और भी बढ़ाता है। किताब के 352 पन्नों में अलग–अलग विषयों पर कविताएं लिखी गई हैं। यह किताब वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर प्रदर्शित की गई है और यहाँ इसे विशेष रूप से पुस्तक प्रेमियों द्वारा देखा और सराहा जा रहा है।
इस किताब के लेखक ओमा द अक् भारतीय मूल के हैं, लेकिन वर्तमान में वे यूरोप महाद्वीप में रहते हैं। ओमा द अक् ने अपनी कविताओं में विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत विषयों पर गहरी सोच और भावनाओं को व्यक्त किया है। किताब में प्रेम, माँ–बाप, शहरीकरण, जीवन की जटिलताएं, संघर्ष, भक्ति, योग, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर कविताएं लिखी गई हैं, जो पाठकों को अपने अंदर की गहराईयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करती हैं।
किताब के पहले अध्याय में लेखक ने यह स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपनी कविताओं को इस तरह से प्रस्तुत क्यों किया है और यह क्यों महंगी है। ओमा द अक् का कहना है कि “मेरी कविताएं बहुत महंगी हैं, जैसे महंगी है प्रेमी की नींद, धनिक की स्वतंत्रता, निर्धन की आवश्यकता, रोगी की जीवटता, भोगी की भक्ति, योगी की शक्ति, उपवन का भाग, और क्रांति की आग।” इसके माध्यम से लेखक यह व्यक्त करना चाहते हैं कि जीवन के विभिन्न पहलुओं और अनुभवों का मूल्य है और यह मूल्य केवल धन से नहीं मापा जा सकता, बल्कि इन पहलुओं की गहराई, महत्व और प्रभाव को भी समझना आवश्यक है।
किताब की महंगी कीमत और इसके विशेष निर्माण ने इसे एक अद्वितीय कृति बना दिया है। सोने के आवरण से सजी यह किताब न केवल साहित्यिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक भव्य कला कृति भी है। इस किताब को न केवल एक साहित्यिक संग्रह के रूप में देखा जा सकता है, बल्कि यह एक संग्रहणीय वस्तु भी बन गई है, जो कला प्रेमियों और पुस्तक प्रेमियों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
इस पुस्तक मेले में मौजूद पुस्तक प्रेमियों और साहित्यिक समुदाय के लोग इस किताब के प्रति अपनी उत्सुकता और प्रशंसा व्यक्त कर रहे हैं। यह किताब विशेष रूप से उन लोगों के लिए आकर्षक है जो कविता और साहित्य के साथ–साथ कला, संस्कृति और भव्यता के शौक़ीन हैं।
“महंगी कविता” ने यह सिद्ध कर दिया है कि साहित्य सिर्फ शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह भावनाओं, विचारों और सामाजिक वास्तविकताओं का मिश्रण है, जिसे एक अनूठे और विशिष्ट रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। इस तरह की किताबें पाठकों को साहित्य के साथ–साथ कला और संस्कृति की गहरी समझ भी प्रदान करती हैं।