बिहार में अब प्लेटफ़ॉर्म टिकट और वेटिंग रूम के लिए लोगों को मिली बड़ी राहत
जब आपको स्टेशन से किसी को रिसीव करने या लेने जाना या और भी किसी दूसरे काम से जाना होता है तो प्लेटफार्म टिकट खरीदने की जरूरत पड़ती है. आसान भाषा में कहे तो अगर आप रेलवे पैसेंजर नहीं है और किसी काम से आपको स्टेशन पर जाने की जरूरत है तो आपको प्लेटफार्म टिकट लेने हीं पड़ेंगे. प्लेटफार्म टिकट रेगुलर ट्रेन टिकट की तुलना सस्ते पड़ते हैं. जीएसटी मिलाकर प्लेटफार्म टिकट अभी तक दस रुपये में मिलता था. लेकिन अब प्लेटफार्म टिकट में आपको छूट मिलने वाली है. प्लेटफार्म टिकट के अलावे डोरमेट्री वेटिंग रूम, क्लॉक रूम और बैटरी से चलने वाले वाहनों पर भी छूट मिलेगी. क्योंकि इन सभी पर लगने वाली जीएसटी को बिहार सरकार द्वारा हटा दिया गया है.
जीएसटी हटाने का फैसला जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया. इस बैठक की अध्यक्षता केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही थी. इस फैसले के बाद से हीं इससे सम्बंधित अधिसूचना बिहार के वाणिज्य कर महकमा द्वारा जारी कर दिए गये. इसके अलावे हॉस्टल में रहने वाले बच्चों के लिए बड़ी राहत की खबर है. इसके तहत यदि किसी बच्चे का हॉस्टल खर्च 20 हजार रुपये या इसके अन्दर आ रहा है, तो हर महीने की राशि पर भी जीएसटी छूट दिए जायेंगे. ये छूट केवल छात्र हीं नहीं किसी काम से बाहर हॉस्टल में रहने वाले कामकाजी लोगों पर भी मिलेगी. लेकिन इस सेवा का लाभ उठाने के लिए जरुरी है कि हॉस्टल में आप कम से कम 90 दिनों तक रहे हो.
चलिए अब प्लेटफार्म पर मिलने वाले छूट की हम विस्तार से चर्चा करते हैं. तो आपको सबसे पहले बता दें कि पहले प्लेटफॉर्म टिकट पर करीब 5% तक के जीएसटी लगते थे. प्लेटफ़ॉर्म टिकट के दाम 10 रुपए के है. लेकिन अब जब इसमें छूट मिला है तो अब आपको प्लेटफॉर्म टिकट में 1 रुपये की छूट मिलेगी.
इन सब में छूट मिलने से माना जा रहा है कि बिहार की जनता को काफी राहत मिलेगी. खास कर मध्यम परिवार से अपना सम्बन्ध रखने वाले लोगों के लिए यह सबसे राहत भरी खबर है. रेलवे से यात्रा करने वाले यात्रियों को भी काफी फायदा होने वाला है. वहीँ हॉस्टल में रहने वाले लोगों को भी आर्थिक रूप से थोड़ी राहत मिलेगी. इसके अलावे बैटरी चालित वाहनों से जीएसटी हटाने का फैसला भी काफी बड़ा है. यदि ऐसा होता है तो लोगों का ध्यान बैटरी चालित वाहनों की तरफ जायेगा. इससे प्रदूषण भी कम होगा.
अगर आप जीएसटी के बारे में नहीं जानते हैं. तो चलिए थोड़ी चर्चा अब हम इस पर भी कर लेते हैं. तो आपको बता दें कि जीएसटी को लोग वस्तु एवं सेवा टैक्स के नाम से जानते हैं. यह हमारे देश में एक अप्रत्यक्ष कर के रूप में लागू है. इसने देश में उत्पाद शुल्क, वैट, सेवा टैक्स आदि के जगह पर लाया गया है. वैट के बारे में आपको बता दें कि वैट एक ऐसा टैक्स होता है जो माल की बिक्री के प्रत्येक चरण में सकल मार्जिन पर लगाया जाता है. जीएसटी को देश के संसद भवन में 29 मार्च साल 2017 में पारित किया गया था. और यह देश में 1 जुलाई 2017 तक लागू कर दिया गया.