Prashant Kishore Party: पहले कदम में ही चूक गए प्रशांत किशोर, कैसे पार लगेगी आगे नैया?

प्रशांत किशोर से हुई ग़लती

Prashant Kishore Party: बिहार (Bihar) में जल्द ही विधानसभा चुनाव (Vidhansabha election) का आगमन होने वाला है. बता दें कि 2025 में 4 विधानसभा सीटों पर बिहार में चुनाव होंगे. इस विधानसभा चुनाव में राज्य में अपनी सरकार बनाने का दावा कर रहे प्रशांत किशोर से चुनाव से पहले ही एक भारी भूल हो गयी है. उप चुनाव में ही प्रशांत किशोर ने अपनी ताकत का परिचय देने का ठोस दावा किया था. लेकिन, चुनावी रणनीति गढ़ने वाले प्रशांत किशोर से ही बड़ी ग़लती हो गयी है. दरअसल, प्रशांत किशोर ने उप चुनाव में अपनी धाक जमाने से पहले ही तरारी विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा की थी. मगर, अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि तरारी विधानसभा सीट पर जनसुराज पार्टी द्वारा घोषित किये गये उम्मीदवार को बदला जा सकता है. प्रशांत किशोर ने उप चुनाव के लिए आरा के तरारी विधानसभा क्षेत्र में रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह को चुनावी जंग में उतारने की घोषणा की थी. मूल रूप से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा क्षेत्र के करथ गांव से ताल्लुकात रखते हैं. कृष्ण सिंह भारतीय सेना में अपने उच्च पद के लिए चर्चित हैं.

ये हुई है ग़लती

वैसे तो रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह लगातार ही अपने गांव करथ से जुड़े हुए हैं, लेकिन भारतीय सेना में सेवा के दौरान वे अपने परिवार के साथ राजधानी दिल्ली में रह रहे हैं और दिल्ली के वोटर लिस्ट में उनका नाम दाख़िल है. असल में, संवैधानिक व्यवस्था जो कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर बनायीं गयी है, उसी में प्रशांत किशोर मात खा गए. संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से, सिर्फ़ वही व्यक्ति किसी राज्य के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बन सकता है जो ख़ुद उस राज्य का निवासी हो. निवासी होने के साथ उस राज्य के वोटर लिस्ट में भी उसका नाम शामिल होना चाहिए. तरारी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किये गये कृष्ण सिंह दिल्ली के वोटर हैं तथा बिहार के वोटर लिस्ट में उनका नाम है ही नहीं. इस हिसाब से वे बिहार में विधानसभा का कोई भी चुनाव लड़ ही नहीं सकते हैं.

क्या बदल जाएगा उम्मीदवार?

प्रशांत किशोर की इस भूल पर जनसुराज पार्टी के नेताओं का ये कहना है कि ये तकनीकी भूल है. पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह के मूल घर को देखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाने का निर्णय पार्टी की ओर से किया गया था. मगर, समस्या यह आ गयी कि वे बिहार के वोटर लिस्ट में शामिल ही नहीं हैं. इसलिए अब तरारी विधानसभा क्षेत्र से किसी दूसरे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा. वही आज प्रशांत किशोर ने कैमूर में प्रेस वार्ता में यह बयान दिया कि भले ही रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल कृष्ण सिंह इलेक्शन कमिशन के रूल बुक के मुताबिक, बिहार के वोटर लिस्ट में उनका नाम मौजूद नहीं है. लेकिन, वो मूल रूप से है तो बिहार के ही. किशोर ने यह भी कहा कि तरारी का जो लड़का देश की आर्मी में वाइसचीफ बना, जिसने सेना का सियाचिन और ऑपरेशन पराक्रम में नेतृत्व किया तथा तरारी में जिसका ख़ुद का निवास स्थान है, इस सबके बावजूद भी सिर्फ़ एक नियम की वजह से उन्हें चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं समझा जा रहा है. हालांकि वोटर लिस्ट में नाम डालने के लिए, फॉर्म 8A भरा गया है. प्रशांत किशोर ने कैमूर में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगढ़ विधानसभा से जनसुराज के 5 संभावित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि विनायक प्रसाद जयसवाल, शामिम अहमद, आनंद सिंह (दुर्गावती), सुशील कुशवाहा और वकील रामनारायण राम पांच संभावित उम्मीदवार हैं. फिलहाल जनसुराज पार्टी के पदाधिकारियों और संस्थापक सदस्यों के साथ इस बात पर चर्चा हो रही है कि रामगढ़ से जन सुराज का उम्मीदवार किसे बनाया जाए? साथ में, यह भी जानकारी दी कि कल यानी 22 अक्टूबर को रामगढ़ के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी जायेगी.

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