Railway silver colour box: जब भी हम ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो हमारे दिमाग में अक्सर यह सवाल उठता है कि ट्रैक के बगल में जो एल्युमीनियम बॉक्स दिखाई देते हैं, उनका क्या काम होता है? क्या आप जानते हैं कि यह छोटे से बॉक्स कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं? यह बॉक्स न केवल ट्रेन की गति और दिशा को ट्रैक करता है, बल्कि यह ट्रेन के पहियों की गिनती भी करता है, जिससे रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इ बॉक्स का नाम एक्सल काउंटरहोता है। आइए, जानते हैं कि ये एक्सल काउंटरकैसे काम करते हैं और रेलवे सुरक्षा में इनका कितना महत्व है।

एक्सल काउंटर क्या है?

एक्सल काउंटर एक छोटा सा एल्युमीनियम बॉक्स होता है, जो रेल ट्रैक के किनारे स्थापित किया जाता है। इसका मुख्य कार्य ट्रेन की गति, दिशा और पहियों की गिनती करना होता है। इसमें एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लगा होता है, जो ट्रैक के नीचे एक वायर के माध्यम से जुड़ा होता है। जब ट्रेन इसके पास से गुजरती है, तो यह डिवाइस ट्रेन के पहियों के एक्सल की गिनती करता है।

railway silver colour box

एक्सल काउंटर का कार्य

1. ट्रेन के पहियों की गिनती करना:

एक्सल काउंटर का सबसे प्रमुख कार्य ट्रेन के सभी पहियों की गिनती करना है। जब कोई ट्रेन इन बॉक्स के पास से गुजरती है, तो डिवाइस उन एक्सल की गिनती करता है, जो ट्रेन के पहियों से जुड़े होते हैं। उदाहरण के लिए, यदि एक ट्रेन के 10 पहिये हैं, तो एक्सल काउंटर उन 10 पहियों के एक्सल की गिनती करता है।

2. ट्रेन की दिशा और गति का ट्रैकिंग:

इस डिवाइस से ट्रेन की दिशा और गति का भी पता चलता है। जब ट्रेन किसी एक्सल काउंटर के पास से गुजरती है, तो डिवाइस उसकी गति को रिकॉर्ड करता है और यह जानकारी अगले एक्सल काउंटर को भेज दी जाती है।

3. सुरक्षा में योगदान:

एक्सल काउंटर का एक और अहम कार्य ट्रेन की बॉगी की सही स्थिति का पता लगाना होता है। यदि किसी कारणवश दो एक्सल पर पहियों की संख्या में अनियमितता पाई जाती है, तो यह डिवाइस तुरंत इस जानकारी को रेलवे कंट्रोल रूम तक भेजता है, जिससे दुर्घटनाओं से बचाव होता है। यह जानकारी रेलवे स्टेशन पर भी पहुंचाई जाती है, ताकि अधिकारियों को ट्रेन के बारे में जानकारी मिल सके।

कैसे काम करता है एक्सल काउंटर?

एक्सल काउंटर के भीतर एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस होता है, जो ट्रैक के नीचे एक विशेष वायर के जरिए जुड़ा होता है। जब ट्रेन इसके पास से गुजरती है, तो ट्रेन के पहियों के एक्सल की चुम्बकीय प्रकृति इस डिवाइस को सक्रिय कर देती है। इसके बाद, यह डिवाइस एक्सल की गिनती करता है और इसकी सूचना अगले काउंटर को भेजता है।

इन एक्सल काउंटरों के बीच की दूरी लगभग 4-5 किलोमीटर होती है। इसका कारण यह है कि इन काउंटरों को एक दूसरे से इतनी दूरी पर रखा जाता है, ताकि वे सही जानकारी एकत्र कर सकें और ट्रेन की स्थिति का सही मूल्यांकन कर सकें।

एक्सल काउंटर से जुड़ी प्रमुख सुविधाएँ

  1. दूरसंचार प्रणाली: एक्सल काउंटर के द्वारा एकत्रित की गई जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजा जाता है। इससे रेलवे अधिकारियों को ट्रेन की गति और स्थिति के बारे में तुरंत सूचना मिलती है।
  2. रेलवे सुरक्षा: यदि ट्रेन के पहियों में कोई खराबी या असमानता पाई जाती है, तो एक्सल काउंटर द्वारा तुरंत इसकी सूचना संबंधित रेलवे स्टेशन को दी जाती है। इससे रेल दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, क्योंकि कोई भी तकनीकी खराबी या गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जाती है।
  3. गति नियंत्रण: एक्सल काउंटर ट्रेन की गति को रिकॉर्ड करता है। यदि ट्रेन निर्धारित गति से अधिक तेज़ दौड़ रही हो, तो इसे तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है।
  4. समय पर मरम्मत: एक्सल काउंटर के माध्यम से पता चल जाता है कि ट्रेन में कोई तकनीकी समस्या है या नहीं। इससे समय रहते मरम्मत का काम किया जा सकता है, जिससे ट्रेन संचालन में कोई विघ्न नहीं आता।

एक्सल काउंटर के महत्व

  1. आपातकालीन सूचनाएं: एक्सल काउंटर किसी भी आपात स्थिति या तकनीकी खराबी के बारे में तुरंत जानकारी भेजता है। अगर ट्रेन में कोई समस्या है, जैसे पहिये में खराबी या असमानता, तो यह जानकारी रेलवे स्टेशन को भेज दी जाती है, जिससे रेलवे स्टेशन पर तुरंत कदम उठाए जा सकते हैं।
  2. ट्रेन संचालन में सुधार: ट्रेन की सही स्थिति और गति की जानकारी से रेलवे ट्रैक पर ऑपरेशन में सुधार होता है। यह प्रणाली समय रहते जानकारी भेजने के कारण ट्रेन संचालन को सुरक्षित और सुचारू बनाए रखने में मदद करती है।
  3. अद्वितीय सुरक्षा प्रणाली: एक्सल काउंटर की सुरक्षा प्रणाली ऐसी होती है कि यह सुनिश्चित करती है कि ट्रेन में कोई भी समस्या न हो, जिससे यात्रियों की सुरक्षा बनी रहे।

एक्सल काउंटररेलवे प्रणाली की एक अहम और अत्यधिक उपयोगी तकनीक है, जो ट्रेन के संचालन और सुरक्षा को बेहतर बनाती है। यह न केवल ट्रैक के पास से गुजरने वाली ट्रेन के पहियों की गिनती करता है, बल्कि ट्रेन की गति, दिशा और उसकी स्थिति का भी लगातार ट्रैक करता है। इसके द्वारा प्राप्त की गई जानकारी से रेलवे अधिकारियों को समय रहते किसी भी समस्या का पता चल सकता है और वे सही समय पर कार्रवाई कर सकते हैं। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है और दुर्घटनाओं की संभावना कम होती है।

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