rbi rules for bank: RBI इन बैंक खातों को कर रहा बंद, कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं है शामिल
नए साल के शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग क्षेत्र में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका प्रभाव देश के लाखों बैंक खातों पर पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने तीन प्रकार के अकाउंट्स को बंद करने का निर्देश जारी किया है। इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इन बदलावों से न केवल धोखाधड़ी पर रोक लगेगी, बल्कि डिजिटलाइजेशन को भी बढ़ावा मिलेगा। तो चलिए जानते हैं, RBI किन बैंकों को बंद करने जा रहा है.
1. निष्क्रिय अकाउंट (Dormant Account)
निष्क्रिय अकाउंट्स वैसे अकाउंट होते हैं, जिनमें दो साल या उससे ज्यादा समय से कोई भी लेन–देन नहीं हुआ हो। ये खाते आमतौर पर साइबर अपराधियों के लिए एक अच्छे टारगेट बन सकते हैं, क्योंकि इन अकाउंट्स में कोई गतिविधि नहीं होती और इन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है। ऐसे अकाउंट्स को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित रखा जा सके और धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी आए। यदि आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो आप इसे पुनः सक्रिय कर सकते हैं। इसके लिए आपको बैंक से संपर्क करना होगा और अपनी जानकारी अपडेट करनी होगी। वरना आपका खाता इस नए साल में बंद कर दिया जायेगा.
2. इनएक्टिव अकाउंट (Inactive Account)
इनएक्टिव अकाउंट्स वे खाते होते हैं, जिनमें पिछले 12 महीने या उससे अधिक समय से कोई लेन–देन नहीं हुआ होता है। ऐसे अकाउंट्स में भी धोखाधड़ी का खतरा अधिक होता है, और इनका उपयोग भी गलत उद्देश्य के लिए हो सकता है। RBI ने इन खातों को बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाई जा सके। अगर आपका खाता इनएक्टिव हो गया है, तो आप इसे सक्रिय करने के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं और आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
3. जीरो बैलेंस अकाउंट (Zero Balance Account)
जीरो बैलेंस अकाउंट्स वे खाते होते हैं, जिनमें लंबे समय से कोई राशि नहीं रखी जाती है। ऐसे खातों को बंद किया जाएगा क्योंकि इनका इस्तेमाल दुरुपयोग करने के लिए किया जा सकता है और वित्तीय जोखिम पैदा कर सकता है। इसके अलावा, जब एक खाता लंबे समय तक शून्य बैलेंस पर रहता है, तो बैंक के साथ ग्राहक का सक्रिय संबंध नहीं रहता। RBI ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि खातों का दुरुपयोग रोका जा सके और बैंकिंग प्रणाली में सक्रियता बनी रहे।
ये कदम क्यों उठाए जा रहे हैं?
RBI का यह निर्णय बैंकिंग प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए है। निष्क्रिय, इनएक्टिव और जीरो बैलेंस अकाउंट्स को बंद करने से बैंकिंग लेन–देन में पारदर्शिता आएगी और साइबर अपराधियों के लिए यह एक बड़ा झटका होगा। इससे डिजिटलाइजेशन को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ग्राहकों को अपनी जानकारी और ट्रांजेक्शन को अपडेट रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी की घटनाओं को कम करना और ग्राहकों को अधिक सुरक्षित सेवा प्रदान करना है।
कैसे बचा सकते हैं अपने अकाउंट को?
अगर आपका खाता निष्क्रिय या इनएक्टिव हो गया है, तो आपको इसे बचाने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे। सबसे पहले, अपनी KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को अपडेट करें। KYC की प्रक्रिया के तहत, आपको अपनी पहचान और पते की जानकारी बैंक को देनी होती है। आप इसे ऑनलाइन भी अपडेट कर सकते हैं। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें और नियमित रूप से लेन–देन करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपका खाता निष्क्रिय होने से बच सकता है और बैंक के साथ आपका संबंध सक्रिय रहेगा।