republic day: गणतंत्र दिवस पर भारत का मुख्य अतिथि कैसे होता है निर्धारित

हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत में मुख्य अतिथि के रूप में किसी न किसी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री को न्योता मिलता है. इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। वे 25 और 26 जनवरी को भारत में उपस्थित रहेंगे। पिछले साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत आए थे।

भारत में 26 जनवरी के दिन मुख्य अतिथि को आमंत्रित करने की परंपरा 1950 से शुरू हुई थी। इस दिन की खासियत यह है कि गणतंत्र दिवस के उत्सव में मुख्य अतिथि का आना एक बहुत बड़े सम्मान का प्रतीक माना जाता है, और इस बार सुबियांतो की भारत यात्रा को कई मायनों में खास माना जा रहा है।

chief guest on republic day

मुख्य अतिथि का चयन कैसे होता है?

भारत में गणतंत्र दिवस के लिए मुख्य अतिथि का चुनाव एक विस्तृत प्रक्रिया के तहत होती है, जो आयोजन से कम से कम छह महीने पहले शुरू हो जाती है। मुख्य अतिथि का चयन करते समय कई पहलुओं पर विचार किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के पूर्व राजदूत मानबीर सिंह का कहना है कि मुख्य अतिथि के चयन में कई महत्वपूर्ण कारकों का ध्यान रखा जाता है, जैसे उस देश के साथ भारत के राजनीतिक, कूटनीतिक और सामरिक रिश्ते, उसकी आर्थ‍िक स्थिति, और दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग कैसे हैं

जब सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है, तो भारत के विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारियों की एक टीम अंततः मुख्य अतिथि के नाम पर अंतिम मुहर लगाती है। इस दौरान यह भी देखा जाता है कि उस देश का भारत के साथ सहयोग कितना मजबूत और विविधतापूर्ण है, ताकि दोनों देशों के रिश्तों को और बढ़ावा मिल सके।

मुख्य अतिथि के लिए सम्मान

किसी भी विदेशी नेता को भारत का मुख्य अतिथि बनाए जाने का मतलब है कि उसे भारत का सर्वोच्च सम्मान प्राप्त होता है। गणतंत्र दिवस की सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों में मुख्य अतिथि शामिल होते हैं। उन्हें भारत की पारंपरिक 21 तोपों की सलामी दी जाती है, और राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, शाम को भारत के राष्ट्रपति उनके सम्मान में विशेष रिसेप्शन आयोजित करते हैं। मुख्य अतिथि का एक और महत्वपूर्ण कर्तव्य होता है कि वे महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए राजघाट पर जाते हैं, जहां उन्हें भारतीय प्रधानमंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात का अवसर मिलता है।

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भारत और इंडोनेशिया के रिश्ते

इस बार इंडोनेशिया के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं. भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक और सामरिक रिश्ते हमेशा से मजबूत रहे हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, और संस्कृति के क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग जारी है। दोनों देशों के बीच बढ़ते सामरिक संबंधों के बीच यह यात्रा और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

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