लक्षमना नदी के तट पर बसा यह क्षेत्र सांस्कृतिक मिथिला का केंद्र है। यह जनकपुत्री देवी सीता की जन्मस्थली माना जाता है। देवी सीता के नाम पर इस क्षेत्र का नाम सीतामढ़ी पड़ा।
वर्ष 1952 के पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (प्रसोपा) के टिकट पर आचार्य जेबी कृपलानी ने यहां से जीत दर्ज की।
पिछले चुनाव में एनडीए की ओर से रालोसपा के टिकट पर रामकुमार शर्मा सांसद चुने गए। उन्होंने राजद के सीताराम यादव को शिकस्त दी थी।
एनडीए से जदयू ने पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू को मैदान में उतारा है। महागठबंधन से राजद ने पूर्व सांसद अर्जुन राय को मैदान में हैं। बता दें कि जदयू ने पहले स्थानीय चिकित्सक डॉ. वरुण को टिकट दिया था। हालांकि दस दिन बाद ही उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। तब आनन–फानन में बीजेपी विधायक को जदयू में शामिल करवाकर उन्हें प्रत्याशी बनाया गया।
कुल मतदाता : 1738001
पुरुष मतदाता : 920566
महिला मतदाता : 817368
इस संसदीय क्षेत्र के तहत विधानसभा की 6 सीटें आती हैं– सीतामढ़ी, रुन्नी सैदपुर, बाजपट्टी, रीगा, बथनाहा, परिहार और सुरसंड।
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र की 6 सीटों में से बीजेपी और आरजेडी को 2-2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. जबकि 1-1 सीट जेडीयू और कांग्रेस के खाते में गई।
2014 में हुए चुनाव में सीतामढ़ी से एनडीए के सहयोगी के रूप में आरएलएसपी के राम कुमार शर्मा कुशवाहा विजयी रहे थे. उन्हें 411265 वोट मिले. और उन्होंने आरजेडी के सीताराम यादव को शिकस्त दी. सीताराम यादव को 263300 वोट मिले. वहीं तीसरे नंबर पर रहे जेडीयू के अर्जुन राय. इस चुनाव में अर्जुन राय को 411265 वोट मिले।