scam calls: अब इस आसान तरीके से बैंक के फर्जी कॉल का लगा सकेंगे पता

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नई गाइडलाइंस जारी की है, जिससे ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर रोक लग सकेगी। इन गाइडलाइंस का उद्देश्य लोगों को फर्जी कॉल्स और धोखाधड़ी से बचाना है, खासकर वैसे कॉल्स से जो बैंकिंग और मार्केटिंग सेवाओं के नाम पर की जाती हैं। आरबीआई की इस पहल से लोगों को सही और फर्जी कॉल्स की पहचान करने में मदद मिलेगी, और साथ ही साइबर अपराधियों के धोखाधड़ी के प्रयासों को भी रोकने का प्रयास किया जाएगा।

आरबीआई ने अपनी नई गाइडलाइंस में विशेष रूप से दो नंबर सीरीज की घोषणा की है. इन्हीं दो नंबरों से वैध मार्केटिंग और बैंकिंग कॉल्स की जाएंगी। इसके बाद, इन नंबरों के अलावा किसी और नंबर से आने वाले कॉल्स को फर्जी माना जाएगा। RBI ने यह कदम तब उठाया, जब देखा गया कि साइबर अपराधी मोबाइल नंबरों का गलत उपयोग कर रहे थे, जिससे लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही थी। कई बार साइबर अपराधी बैंक के नाम पर कॉल करके लोगों की व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर लेते थे और उनका पैसा उड़ा लेते थे।

rbi guideline

आरबीआई की गाइडलाइंस के अनुसार, बैंकों को अब ग्राहकों से लेनदेन संबंधित कॉल करने के लिए केवल 1600 से शुरू होने वाली सीरीज का ही उपयोग करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्राहक केवल बैंकों द्वारा भेजे गए वैध कॉल्स ही प्राप्त करें। इसके अलावा, 140 से शुरू होने वाली सीरीज का उपयोग बैंक द्वारा प्रमोशन कॉल्स करने के लिए किया जाएगा, जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन, क्रेडिट कार्ड, इंश्योरेंस, टर्म डिपॉजिट जैसी सेवाओं के लिए। यह कदम भी ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है, ताकि प्रमोशनल कॉल्स भी केवल विशिष्ट नंबर सीरीज से ही की जा सकें।

इसके अलावा, बैंकों और अन्य सेवाओं को प्रमोट करने वाली कंपनियों को टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ अपने नंबर को व्हाइटलिस्ट में रजिस्टर करना होगा। इसका मतलब है कि सिर्फ उन्हीं कंपनियों और बैंकों को प्रमोशनल कॉल करने की अनुमति होगी जिन्होंने अपनी पहचान टेलीकॉम ऑपरेटर्स के पास सही तरीके से पंजीकरण करवाई है। यह भी सुनिश्चित करेगा कि ग्राहकों को सही और वैध जानकारी ही मिले और धोखाधड़ी से बचा जा सके।

साइबर अपराधियों ने इन नंबरों का गलत इस्तेमाल किया है, जो लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुका था। कई बार बैंक के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले कॉल्स और मैसेज भेजे जाते थे। ऐसे कॉल्स और मैसेज को देखकर लोग अपने व्यक्तिगत और बैंकिंग डिटेल्स साझा कर देते थे, जिससे उनका पैसा चोरी हो जाता था। आरबीआई की यह पहल लोगों को इन धोखाधड़ी वाले कॉल्स से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करेगा कि बैंकिंग और मार्केटिंग से जुड़ी कॉल्स केवल निर्धारित नंबर सीरीज से ही की जाएं।

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रिजर्व बैंक ने इस गाइडलाइन के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया कि इन बदलावों का उद्देश्य ग्राहकों की सुरक्षा को बढ़ाना और साइबर अपराधियों के प्रयासों को विफल करना है। इस नई पहल के तहत केवल वैध और सुरक्षित नंबरों से ही बैंक और मार्केटिंग सेवाओं से जुड़ी कॉल्स की जाएंगी, जिससे ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा, दूरसंचार विभाग (DoT) ने भी इस गाइडलाइंस के बारे में जानकारी साझा की है और उपयोगकर्ताओं को आगाह किया है कि वे केवल 1600 और 140 से शुरू होने वाले नंबरों से आने वाले कॉल्स को ही वैध मानें। अन्य नंबरों से आने वाले कॉल्स को संदिग्ध समझकर सावधानी बरतें और उन्हें अनदेखा करें। इस तरह से लोग धोखाधड़ी से बच सकते हैं और सुरक्षित तरीके से बैंकिंग और मार्केटिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

इस तरह की पहल से ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने और साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी। अब उपयोगकर्ताओं को सही और गलत कॉल्स के बीच अंतर करना आसान होगा, और इससे उनकी वित्तीय सुरक्षा भी मजबूत होगी।

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