Smart Meter Compulsory: सावधान! स्मार्ट मीटर नहीं तो बिजली हो जायगी गुल, कंपनी ने जारी किये आदेश
बिजली कंपनी के द्वारा नया फ़रमान
Smart Meter Compulsory: बिजली कंपनी (electricity company) के द्वारा नया फ़रमान जारी किया गया है. कंपनी ने कहा है कि यदि कर्मचारियों को हर महीने मुफ़्त में बिजली की सुविधा चाहिए तो उन्हें स्मार्ट मीटर (smart meter) लगाना होगा. मुफ़्त में बिजली प्राप्त करने के लिए स्मार्ट मीटर को लगवाना अनिवार्य है. स्मार्ट मीटर नहीं लगाये जाने पर कर्मचारियों को मुफ़्त में बिजली की सुविधा नहीं मिलेगी. कंपनी ने यह फ़ैसला स्मार्ट मीटर को बढ़ाने और लोगों में जागरूकता फ़ैलाने के मकसद से लिया है. इस सम्बन्ध में साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंधक निदेशक महेंद्र कुमार के तरफ़ से आदेश जारी किये गए हैं. यह आदेश कंपनी के कम से कम आठ हज़ार कर्मचारी के ऊपर अपना असर छोड़ेगी.
कंपनी की तरफ़ से मिलती है तय यूनिट
बिजली कंपनी की तरफ़ से जारी हुए पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिहार में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है. अब तक राज्य में 50 लाख़ से से भी ज़्यादा स्मार्ट मीटर लगाये गए हैं. बावजूद इसके भी वक़्त–वक़्त पर स्मार्ट मीटर को लेकर तरह–तरह के सवाल उठाये जाते हैं. इन सवालों को दूर करने के लिए कंपनी के सभी कर्मचारियों के यहां स्मार्ट मीटर लगा होना बेहद ज़रूरी है. क्यूंकि, बिजली कंपनी की तरफ़ से एक निश्चित यूनिट तक मुफ़्त बिजली की सुविधा हर महीने बिजली कर्मचारियों को उपलब्ध करायी जाती है. इसी कारण से बिजली कंपनी ने फ़रमान जारी कर, सभी को बताया है कि मुफ़्त बिजली का लाभ उठाने के लिए सभी बिजली कर्मचारियों को अपने अपने स्थानों पर स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य होगा.
200 यूनिट तक मिलती है मुफ़्त बिजली
इसमें ग़ौर करने वाली बात यह है कि 23 हज़ार 800 रूपए तक के मूल वेतन वाले कर्मचारियों को हर महीने 50 यूनिट तक खपत करने के लिए छूट मिलती है, वहीं 23 हज़ार 801 से लेकर 28 हज़ार 700 तक के मूल वेतन वाले कर्मचारियों को 75 यूनिट तक खपत करने की छूट होती है. 28 हज़ार 701 से लेकर 34 हज़ार 900 तक के मूल वेतन वाले कर्मचारियों को 100 यूनिट तक हर महीने मुफ़्त में बिजली की सुविधा दी जाती है, तो वहीं, 34 हज़ार 901 से लेकर 56 हज़ार 900 तक के मूल वेतन वाले कर्मियों को 125 यूनिट तक खपत करने की छूट होती है जबकि 56 हज़ार 901 से ज़्यादा मूल वेतन वाले कर्मियों को हर माह 200 यूनिट तक बिजली खपत करने छूट होती है. मुफ़्त में बिजली की सुविधा का लाभ बिजली कर्मचारियों को उनके पदस्थापन वाले जगहों पर ही मिलता है. अगर कोई बिजली कर्मचारी अपने भवन के बजाय किराए के घर में रहते हैं तो उन्हें प्रमाण पत्र के आधार पर मुफ़्त बिजली की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है.