Smart Meter: स्मार्ट मीटर को रिचार्ज करना हुआ आसान, राज्य के डाकिया को किया जा रहा प्रशिक्षित

2 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे

Smart Meter Recharge: बिहार में अब तक क़रीब 44 लाख़ से भी अधिक मीटर लग चुके हैं. आने वाले साल में भी 2 करोड़ स्मार्ट मीटर (smart meter) लगाये जायेंगे. शहरों के साथ अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं. यह प्रीपेड मीटर है, जिसे पहले रिचार्ज कराया जाता है तत्पश्चात ही बिजली की सुविधा मिलती है. शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र, लोगों को स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने में कठिनाई का सामना कर पड़ रहा है. ख़ासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगो का कहना है कि स्वयं मीटर को रिचार्ज करना उनके लिए ज़रा मुश्किल है. कुछ ऐसे लोग भी हैं जो शहरों में रहते हैं मगर उनके लिए ख़ुद से मीटर को रिचार्ज करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है.

डाकिया द्वारा होगा रिचार्ज

लोगों की परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए बिजली विभाग ने डाकिया द्वारा स्मार्ट मीटर (smart meter) को रिचार्ज करने की सहजता को प्रकट किया है. सूत्रों की माने तो आने वाले 2025 के अंत तक हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य है. इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बिजली विभाग ने हर संभावित प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसके लिए डाकियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वें घर घर जाकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर रिचार्ज कर सकें. ऐसी स्थिति में ग्रामीण डाक कर्मियों को शीघ्र ही स्मार्ट मीटर के बारे में काम सिखाया जायेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्मार्ट मीटर रिचार्ज कराने में परेशानी नहीं होगी. पटना के शहरी क्षेत्रों में क़रीब 95 प्रतिशत स्मार्ट मीटर इनस्टॉल किये जा चुके है. वहीं ग्रामीण इलाक़ों में यह आकड़ा 50 प्रतिशत से अधिक है.

बिजली कंपनी लगाएगी जागरूकता शिविर

बिजली कंपनी इसके अंतर्गत जल्दी ही जागरूकता शिविर लगाएगी. हाल ही में कुछ महीने पहले, पटना के रूरल सर्किल वाले इलाकों में कनीय अभियंता को ग्रामीणों के समक्ष स्मार्ट मीटर (smart meter) की विशेषता बताने का काम सौंपा गया था. कनीय अभियंता ने ग्रामीणों के घर घर जाकर स्मार्ट मीटर रिचार्ज से जुड़े आसान उपाय और स्मार्ट मीटर से ज़्यादा बिजली बिल आने वाली मानसिकता को दूर करने का प्रयास किया था. परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों से एक बड़ा ख़ुलासा सामने आया की बहुत सारे उपभोक्ताओं के लिए यह कार्य मुमकिन ही नहीं है. कुछ परिवारों के पास तो फ़ोन तक की सुविधा नहीं है. कुछ परिवारों ने तो एप या ऑनलाइन पेमेंट से भी ख़ुद को वंचित बताया था..

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