smart meter: बिजली चोरी पर अब कसेगा नकेल, इन तरीकों से मिलेगी सटीक बिजली खपत की जानकारी
बिहार में बिजली खपत के तरीकों का अध्ययन करने का निर्णय लिया गया है, और इसके लिए बिजली कंपनी ने तैयारी शुरू कर दी है। इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य राज्य में बिजली खपत की बुनियादी जानकारी हासिल करना है, साथ ही साथ बिजली चोरी पर लगाम लगाना भी है। प्रदेश में अक्सर बिजली चोरी के मामले सामने आते रहते हैं. लेकिन अब बिजली खपत के तरीकों के अध्ययन से बिजली खपत की बुनियादी जानकारी मिलेगी और बिजली चोरी पर भी नकेल कसा जा सकेगा. इसमें केंद्र सरकार भी मदद करेगी.
बिहार में बिजली खपत के तरीकों का विश्लेषण करने का निर्णय हाल ही में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में किया गया है। बिहार में 50 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर स्थापित किए जा चुके हैं. बिजली खपत का अध्ययन स्मार्ट प्रीपेड मीटर में हीं किया जायेगा। ये स्मार्ट मीटर डेटा एकत्र करने में मदद करेंगे, जिससे यह पता चल सकेगा कि किस क्षेत्र में कितनी बिजली खपत हो रही है, कितने उपभोक्ता किसी ट्रांसफार्मर से जुड़े हैं, उस ट्रांसफार्मर पर कितना लोड है और वर्तमान में कितनी खपत हो रही है।
इन आंकड़ों के माध्यम से बिजली चोरी के मामलों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा, जिससे कंपनी अचानक छापे मारकर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगी जो बिजली की चोरी कर रहे हैं। अध्ययन में यह भी जानकारी मिलेगी कि बिहार में बिजली की खपत कब अधिक होती है— उपभोक्ता रात में अधिक बिजली का उपयोग कर रहे हैं या दिन में। अभी तक यह केवल अनुमान के आधार पर बताया जाता है कि राज्य की कुल बिजली खपत में एसी की कितनी हिस्सेदारी है। लेकिन अब इसकी सटीक जानकारी मिलेगी कि कितने प्रतिशत उपभोक्ता AC का उपयोग कर रहे हैं।
अगर बिजली उपकरणों की खपत की जानकारी प्राप्त होती है, तो कंपनी उपभोक्ताओं को कुछ रियायतें या प्रोत्साहन राशि की पेशकश कर सकती है। औद्योगिक कनेक्शन के समान, आम उपभोक्ताओं के लिए भी टीओडी (टाइम ऑफ डे) प्रणाली लागू की जा सकती है। इसका अर्थ यह है कि यदि उपभोक्ता दिन में बिजली का उपयोग करते हैं, तो उन्हें 20% कम राशि चुकानी पड़ेगी। वहीं, रात में खपत करने पर सामान्य दर लागू होगी, जबकि पीक आवर में अधिक खपत करने पर 20% अधिक राशि अदा करनी होगी।
अभी की स्थिति में, दिन में बिजली की खपत में कमी आती है, जबकि पीक आवर से मध्य रात्रि तक बिजली की खपत अधिक होती है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। इस अध्ययन के लिए कंपनी केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव पेश करेगी, जिसमें इस काम के लिए आवश्यक धन की मांग की जाएगी। इससे न केवल वर्तमान बिजली खपत का सही आंकड़ा प्राप्त होगा, बल्कि भविष्य में बिजली संरचनाओं के विकास की दिशा में भी कदम उठाए जा सकेंगे।
इस अध्ययन के परिणामों से बिजली कंपनी को यह समझने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं की खपत के पैटर्न को समझकर, कंपनी उन्हें उचित रियायतें देने का निर्णय ले सकेगी, जिससे उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
इस प्रकार, यह अध्ययन बिहार में बिजली प्रबंधन को बेहतर बनाने, उपभोक्ताओं के लिए पारदर्शिता लाने और बिजली चोरी पर काबू पाने में सहायक होगा। उम्मीद है कि यह प्रयास न केवल राज्य की बिजली खपत को नियंत्रित करेगा, बल्कि भविष्य में ऊर्जा के कुशल उपयोग की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।