smartphone addiction: सुबह उठते हीं चलाते हैं फ़ोन? तो हो जाएँ सावधान
सुबह उठते ही अपने फोन को देखना और सोशल मीडिया या खबरों के जरिए अपडेट रहना आजकल बहुत आम हो गया है। आपमें से भी कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें सुबह उठते के साथ हीं फ़ोन चलाने की आदत होगी. यह आदत अधिकांश लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती है? अगर आपने कभी अपनी इस आदत पर ध्यान नहीं दिया है तो, चलिए जानते हैं कि कैसे फोन चेक करने की यह आदत आपकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकती है और आपको इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।
आंखों पर असर
सुबह उठते ही फोन को देखते वक्त आपकी आंखें अभी पूरी तरह से रोशनी से तालमेल नहीं बिठा पाई होती हैं। लंबे समय तक स्क्रीन की तेज़ रोशनी को घूरने से आपकी आंखों पर दबाव पड़ सकता है। इससे सिर दर्द, आंखों में सूखापन, और यहां तक कि धुंधला दिखने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह समस्या और बढ़ सकती है यदि आप नियमित रूप से अपनी आंखों को फोन की स्क्रीन के सामने रखते हैं। खासकर सुबह की ताजगी में जब आंखें आराम की स्थिति में होती हैं, तो यह आदत ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है।
तनाव का कारण बन सकता है
जब आप सुबह उठते ही अपना फोन चेक करते हैं, तो आपके सामने कई तरह की नोटिफिकेशन आती हैं, जैसे कि काम से जुड़े अपडेट, सोशल मीडिया पोस्ट, और न्यूज। इन सूचनाओं के संपर्क में आने से आपका मन बहुत सारी जानकारी से भर जाता है, जो आपके दिमाग में तनाव पैदा कर सकती है। काम का दबाव, सोशल मीडिया की गतिविधियाँ और खबरों का तनावपूर्ण माहौल आपकी मानसिक शांति को भंग कर सकता है। यही नहीं, सुबह के समय जब आपका मन ज्यादा सृजनात्मक और शांति की अवस्था में होता है, ऐसे में ये सूचनाएँ आपको जल्दी से चिंतित कर सकती हैं और आपका ध्यान भटका सकती हैं।
दिमागी कार्यक्षमता पर असर
सुबह के समय जब आप उठते हैं, आपका दिमाग शांति से और स्वाभाविक रूप से दिन की शुरुआत करने के लिए तैयार होता है। लेकिन जैसे ही आप फोन चेक करते हैं, आप उसे खबरों और अपडेट्स से भर देते हैं। इसका सीधा असर आपके दिमागी कार्यों पर पड़ता है। यह आदत आपके cognitive functions यानी दिमागी प्रक्रियाओं को प्रभावित कर सकती है, जैसे ध्यान केंद्रित करना, समस्याओं को हल करना और योजना बनाना। अगर आप फोन के जरिए दिमागी उत्तेजना के साथ अपना दिन शुरू करते हैं, तो आप पूरे दिन में अलर्ट और एक्टिव रहने के लिए तैयार नहीं हो पाते।
स्लीप साइकिल पर असर डालता है
रात को सोने से पहले और सुबह उठते ही फोन पर व्यस्त रहना आपकी स्लीप साइकिल को प्रभावित कर सकता है। खासकर सोने से पहले फोन इस्तेमाल करने से यह नींद में खलल डाल सकता है। फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी मेलाटोनिन (जो नींद को नियंत्रित करता है) के उत्पादन को रोकती है। यह आपके सोने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे आपको गहरी और आरामदायक नींद नहीं मिल पाती। इसके परिणामस्वरूप, आपको रात भर बेचैनी महसूस हो सकती है और अगले दिन थकान हो सकती है।
ध्यान का भटकना
स्मार्टफोन के जरिए हमेशा कनेक्टिविटी में रहना आपके ध्यान को भटका सकता है। सुबह का समय खास होता है, क्योंकि इस दौरान आपका दिमाग ताजगी से भरा होता है और आप दिन के मुख्य कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। लेकिन फोन चेक करने से आप अपने कार्यों से भटक सकते हैं और अपनी प्राथमिकताओं को नजरअंदाज कर सकते हैं। जैसे ही आप सोशल मीडिया या ईमेल चेक करते हैं, आपका ध्यान उन गतिविधियों में लग जाता है, जो आपके दिन के कार्यों के लिए जरूरी नहीं होतीं। इस कारण से आपकी दिनचर्या में देरी हो सकती है और पूरे दिन के कार्यों में परेशानी हो सकती है।
निष्कर्ष
स्मार्टफोन का उपयोग दिन के किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन अगर आप सुबह के समय इसे चेक करते हैं, तो यह आपकी मानसिक स्थिति और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। फोन की आदतों से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने दिन की शुरुआत शांतिपूर्ण तरीके से करें, जिससे आपके दिमाग को सही दिशा में काम करने का मौका मिले। बेहतर होगा कि आप फोन के बजाय मेडिटेशन, योग या एक अच्छी किताब से अपनी दिन की शुरुआत करें, ताकि आपका ध्यान सही दिशा में केंद्रित हो सके।