Speed Limit of Vehicles: राज्य में सरकार तय करेगी वाहनों की स्पीड लिमिट, तेज़ रफ़्तार वाली गाड़ियों पर लगेगा ब्रेक
तय की जायेगी गाड़ियों की स्पीड लिमिट
Speed Limit of Vehicles: बिहार (Bihar) सरकार के द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर राज्य में एक निर्णय लिया जा रहा है. सरकार के इस निर्णय से राज्यभर के तमाम राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway), राजकीय उच्चमार्ग (State Highway) समेत पथ निर्माण एवं नगर निकाय के अंतर्गत आने वाली सड़कों पर चल रही तेज़ रफ़्तार वाले वाहनों पर ब्रेक लगा दिया जाएगा. बिहार सरकार के इस फ़ैसले के तहत राज्य की सड़कों पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट (Speed Limit) तय की जायेगी. परिवहन विभाग (Transport Department) द्वारा अधिकतम स्पीड लिमिट तय करने के लिए इक कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी के अध्यक्ष विभाग के सचिव हैं और एडीजी यातायात उपाध्यक्ष हैं. वहीं, राज्य परिवहन आयुक्त को सदस्य सचिव बनाया गया है. इसके लिए कमेटी नवम्बर माह के आख़िर तक अपनी एक रिपोर्ट तैयार करेगी. इस रिपोर्ट में पब्लिक की राय भी शामिल होगी. वहीं, संभावना है कि दिसम्बर महीने तक वाहनों की स्पीड लिमिट तय करने का कार्य संपन्न हो सकता है. राज्य सरकार ने सभी प्रमुख सड़कों पर सड़क सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए वाहनों की स्पीड लिमिट को तय करने का फ़ैसला किया है.
परिवहन विभाग द्वारा कमेटी का गठन
इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए परिवहन, पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग सहित बिहार राज्य पथ विकास निगम, बिहार राज्य पुलिस निर्माण निगम एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी जुटे हुए हैं. स्पीड लिमिट को आम जनता से विचार–विमर्श करने के बाद ही निर्धारित किया जाएगा. परिवहन विभाग के अनुसार जिस कमेटी का गठन किया गया है, वह कमेटी सड़क सुरक्षा परिषद, सम्बंधित निर्माण एजेंसी, डीएम तथा आम जनता से प्राप्त हुए प्रस्तावों पर राय–विचार के पश्चात ही अलग–अलग सड़कों एवं क्षेत्रों के लिए स्पीड लिमिट तय करेगी. हाल ही में, नयी–नयी सड़कों का निर्माण कार्य संपन्न हुआ है. ऐसे में ग्रामीण सड़कों, एनएच और एसएच पर सड़क हादसों को रोकने के लिए वाहनों के स्पीड लिमिट को तय करना बेहद ज़रूरी है. इसी कारणवश नए सिरे से स्पीड लिमिट को निर्धारित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा कमेटी का गठन किया गया है.
ओवर स्पीड व ओवर टेक से होते हैं हादसे
राज्य सरकार के इस फ़ैसले से सड़क सुरक्षा में कई बदलाव होंगे. स्पीड लिमिट के साथ–साथ अधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाएगा. ख़ासतौर से जिन क्षेत्रों में अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं, उन सभी जगहों पर कैमरा लगाया जाएगा और साथ ही यातायात व्यवस्था को पूर्ण रूप से ऑनलाइन कर दिया जाएगा. सड़कों पर सबसे ज़्यादा हादसे ओवर स्पीड और ओवर टेक करने से होते हैं. इसी कारणवश स्पीड लिमिट को तय करने का और तेज़ रफ़्तार वाले वाहनों पर सख़्ती बढ़ाने का फ़ैसला सरकार द्वारा लिया गया है. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक, ओवर स्पीड से दुर्घटना क्षेत्रों में सबसे आगे पटना, मुज़फ्फरपुर, गया, भागलपुर, बांका, जहानाबाद, बेगुसराय, दरभंगा और भोजपुर शामिल हैं.