sports bike: अगर आप भी स्पोर्ट्स बाइक्स के शौकीन हैं, तो आपने जरूर गौर किया होगा कि आजकल की हाईपरफॉर्मेंस बाइक्स में किक स्टार्टिंग की सुविधा लगभग गायब हो चुकी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों? क्या ये सिर्फ एक स्टाइल स्टेटमेंट है या इसके पीछे कोई बड़ी टेक्निकल वजह है? चलिए, आज हम इसी पहलू को थोड़ा गहराई से समझते हैं।

1. एयरोडायनामिक्स: रफ्तार का सबसे बड़ा साथी

स्पोर्ट्स बाइक की डिजाइनिंग का सबसे अहम उद्देश्य होता है – हवा को चीरते हुए तेज़ रफ्तार से दौड़ना। इसके लिए बाइक की हर एक चीज़, चाहे वो फ्यूल टैंक हो या सीट, सबकुछ एयरोडायनामिक प्रिंसिपल्स के आधार पर डिज़ाइन किया जाता है। किक स्टार्ट एक एक्स्ट्रा पार्ट होता है जो बाइक की स्लीकनेस को तोड़ता है। इससे हवा का प्रवाह बाधित होता है और माइक्रोलेवल पर परफॉर्मेंस में फर्क पड़ता है – खासकर तब जब आप हाईस्पीड पर हैं।

 

2. सीट की पोजिशन और राइडिंग एर्गोनॉमिक्स

स्पोर्ट्स बाइक्स की सीटें आमतौर पर लोहाइट पर होती हैं ताकि राइडर को बेहतर कंट्रोल और लो सेंटर ऑफ ग्रेविटी मिल सके। ऐसी बाइकों पर खड़े होकर किक मारना बेहद असहज हो सकता है, खासकर अगर आप प्रो राइडर हैं और हर सेकंड कीमती है। इस वजह से कंपनियां ये सुनिश्चित करती हैं कि राइडर को बाइक स्टार्ट करने के लिए फालतू की मेहनत न करनी पड़े।

3. टेक्नोलॉजी का एडवांसमेंट – सेल्फ स्टार्ट ही काफी है

आजकल की बाइक्स में इतना एडवांस इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है कि सेल्फ स्टार्ट ही पर्याप्त है। लिथियमआयन बैटरीज़ और फ्यूल इंजेक्शन टेक्नोलॉजी के आने से बाइक को स्टार्ट करना काफी आसान और भरोसेमंद हो गया है। ऐसे में किक एक गैरजरूरी फीचर बन चुकी है।

4. परफॉर्मेंस और प्रैक्टिकलिटी का बैलेंस

स्पोर्ट्स बाइक्स उन लोगों के लिए होती हैं जो परफॉर्मेंस के लिए कोई समझौता नहीं करते। इन बाइक्स का उद्देश्य होता है मैक्सिमम आउटपुट देना, कम से कम वज़न के साथ। हर ग्राम वज़न मायने रखता है – और अगर कोई हिस्सा ऐसा है जो rarely यूज़ होता है (जैसे कि किक), तो उसे हटाना ही बेहतर समझा जाता है।

5. ब्रांडिंग और मार्केटिंग पोजिशनिंग

एक बात और, जो थोड़ी इंटरेस्टिंग है – स्पोर्ट्स बाइक ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट को एक प्रीमियम इमेज के साथ पेश करते हैं। किक स्टार्ट को अक्सर एक पुराने ज़माने की टेक्नोलॉजी माना जाता है, और हाईएंड इमेज में फिट नहीं बैठती। इसलिए भी इसे हटाया गया है।

टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन और परफॉर्मेंस का कॉम्बिनेशन

तो अगली बार जब आप किसी स्पोर्ट्स बाइक में किक मिस करें, तो याद रखें – वो सिर्फ एक हिस्सा नहीं है, वो पूरी फिलॉसफी है। हर उस चीज़ को हटाया गया है जो स्पीड, स्टाइल और परफॉर्मेंस में बाधा डालती है। और यही कारण है कि आज की स्पोर्ट्स बाइक ज्यादा एफिशिएंट, फास्ट और यूजर फ्रेंडली बन चुकी हैं।

अगर आपको ये जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने बाइक लवर दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर करें – और हां, अगली बार जब कोई पूछे भाई इसमें किक नहीं है?” तो आप उसे एक्सपर्ट की तरह जवाब दे सकते हैं।

 

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