अब सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है. कोई जगह नहीं का मतलब अब जेडीयू और आरजेडी कभी एक साथ नहीं आ सकतें. यह बयान दिया है राजद नेता तेजस्वी यादव ने. मालूम हो कि बिहार में एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार के पल्टी मारने की चर्चा जोरों पर है. सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार लगातार कांग्रेस के संपर्क में हैं.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार राज्य में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे थें. 2013 में अकेले लड़ने का शौक चर्रा गया तो भाजपा को झटका दे दिया.
कांग्रेस के 04 विधायकों ने बाहर से समर्थन दे दिया. 2014 का लोकसभा चुनाव अपने चेहरे पर लड़ने की भूल कर बैठें. सांसदों की संख्या 20 से 02 हो गई. अधिकांश सीटों पर तीसरे तो आधा दर्जन सीटों पर चौथे नंबर पर भी पहुंच गए.
खैर जो हुआ सो हुआ. अब आगे विधानसभा चुनाव था. देश भर में मोदी लहर अपने उफान पर था.
भाजपा और राजद के बीच सीधी लड़ाई की संभावना दिख रही थी. जदयू लड़ाई को त्रिकोणिय बनाती तो फायदा भाजपा को हो जाता. कांग्रेस ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई तो महागठबंधन बन गया. जबर्दस्त जीत मिली. राजद सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी फिर भी बड़ा दिल दिखाया और नीतीश के सीएम बनने में किसी प्रकार की कोई विध्न बाधा खड़ी नहीं की.
इधर नीतीश के मन में कुछ और हीं चल रहा था. मौका मिला और 20 महीने के भीतर हीं महागठबंधन टूट गया, नीतीश फिर से भाजपा के पाले में चले गए. भाजपा के साथ सरकार तो बिहार में चलने लगी लेकिन वो बात नहीं रही जो पहले थी. केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ तो जदयू को ठेंगा दिखा दिया गया.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मांगते मांगते कई साल हो गए, उधर से कोई जवाब भी नहीं मिलता. सीएम नीतीश कुमार ने भरी सभा में पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग की तो मंच से हीं पीएम मोदी ने खारिज कर दिया.
बिलकुल सही जवाब दिया है ,बिहार के मुख्यमंत्री को पूर्व उप मुख्यमंत्री ने । नितीश ने जिस तरह का कार्य बिहार की जनता के साथ किया ,इसलिए जनता नितीश कुमार को कभी माफ नही करेगी ।