Thunderstorm: क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप प्लेन में उड़ रहे हों और बाहर काले बादलों के बीच बिजली चमकने लगे… तो क्या होगा अगर वो बिजली सीधे प्लेन पर गिर जाए? क्या प्लेन क्रैश हो जाएगा?क्या अंदर बैठे यात्रियों की जान को खतरा होगा? अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि आज हम जानेंगे – “क्या होता है जब प्लेन पर बिजली गिरती है?”
1. प्लेन पर बिजली गिरना – एक आम बात!
जी हां! आपको जानकर हैरानी होगी कि हर कमर्शियल एयरलाइनर पर औसतन साल में एक बार बिजली गिरती है।
यानि हर दिन दुनिया के किसी न किसी हिस्से में कोई न कोई प्लेन बिजली की चपेट में जरूर आता है।
लेकिन फिर भी… न तो प्लेन क्रैश होता है, और न ही यात्रियों को कोई नुकसान पहुंचता है।
क्यों? इसका जवाब है – विज्ञान और अत्याधुनिक तकनीक।
2. प्लेन की बॉडी – बिजली रोधी कवच!
आज के ज़्यादातर एयरक्राफ्ट्स एल्यूमीनियम और खास कम्पोज़िट मटेरियल से बनाए जाते हैं।
इनकी बाहरी परत Conductive होती है यानी ये बिजली को अपने अंदर नहीं घुसने देती, बल्कि उसे बाहर ही बाहर प्रवाहित कर देती है।
जब बिजली गिरती है, तो वो प्लेन के एक सिरे से होकर दूसरे सिरे तक गुजर जाती है और फिर बाहर निकल जाती है – बिल्कुल जैसे पानी पाइप में बहता है।
3. Faraday Cage – विज्ञान का सुरक्षा कवच
प्लेन के अंदर का ढांचा Faraday Cage के सिद्धांत पर काम करता है।
Faraday Cage एक ऐसा सिस्टम होता है जिसमें बिजली बाहर घूमती है, लेकिन अंदर मौजूद चीज़ों पर कोई असर नहीं होता।
इसलिए जब प्लेन पर बिजली गिरती है, तो उसके अंदर बैठे लोगों को ना तो झटका लगता है, ना ही करंट।
आपको तो पता भी नहीं चलेगा कि बिजली गिर चुकी है।
4. जांच जरूरी है – हर बार!
हालांकि प्लेन को नुकसान नहीं होता, फिर भी सेफ्टी में कोई समझौता नहीं किया जाता।
हर बार जब प्लेन पर बिजली गिरती है, लैंडिंग के बाद ग्राउंड इंजीनियर्स उसकी पूरी जांच करते हैं।
सेंसर, वायरिंग, और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को चेक किया जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं।
अगर ज़रूरत हो, तो डैमेज हुए हिस्सों को तुरंत बदल दिया जाता है।
5. क्यों नहीं जलता प्लेन?
प्लेन में पहले से ही एक Lightning Protection System लगा होता है।
विंग्स, टेल और नोज़ (नाक) पर Static Dischargers होते हैं, जो बिजली को आसानी से निकाल देते हैं।
फ्यूल टैंक को विशेष तौर पर इंसुलेट किया जाता है ताकि उसमें कोई चिंगारी ना पहुंचे।
संचार उपकरणों में Double Shielding होती है, ताकि रेडियो और नेविगेशन पर कोई असर ना पड़े।
6. प्लेन को बिजली क्यों आकर्षित करती है?
जब प्लेन बादलों के बीच उड़ रहा होता है, तो वो एक उड़ती हुई मेटल बॉडी होता है।
मेटल एक अच्छा कंडक्टर होता है – यानी बिजली उसे जल्दी पकड़ती है।
बादलों में चार्ज बना होता है, और जब प्लेन उनके संपर्क में आता है, तो बिजली अक्सर वहीं गिरती है।
तो क्या डरना चाहिए?
बिलकुल नहीं!
आज की तकनीक इतनी उन्नत है कि प्लेन पर बिजली गिरना अब खतरनाक नहीं बल्कि एक नॉर्मल घटना बन गई है।
पायलट को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है, और एयरक्राफ्ट को खास तौर पर टेस्ट किया जाता है –
यहां तक कि बिजली गिराकर चेक किया जाता है कि प्लेन उस झटके को सह सके या नहीं।
अगली बार जब आप फ्लाइट में हों, और बाहर बिजली चमकती दिखे – तो डरें नहीं।
आप विज्ञान की मजबूत सुरक्षा में हैं। आसमान की बिजली भी उस प्लेन को नहीं डरा सकती जिसमें आप बैठे हैं।
also read: Prohibited Items in Flight: फ्लाइट से जाते वक़्त साथ में न रखे ये चीज़ें, नहीं तो हो सकती है जेल!