traffic rules: गाड़ी में तेज आवाज में गाना सुनने वाले हो जाएँ सावधान वरना पड़ सकता है महंगा
सड़क से गुजरती गाड़ियों से कई बार तेज म्यूजिक की आवाज आती है, गाड़ी में बैठ कर तेज आवाज में गाने सुनने के काम आप में से भी कई लोग करते होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाड़ी में तेज आवाज में गाने सुनना आपको महंगा पड़ सकता है? दरअसल, गाड़ी चलाते समय तेज आवाज में गाने सुनना नियमों के खिलाफ माना जाता है और इसके कारण आपका चालान हो सकता है। इस बारे में शायद अधिकतर लोग नहीं जानते होंगे कि गाड़ी चलाते वक्त तेज आवाज में गाने सुनना भी कानूनी तौर पर गलत हो सकता है।
मोटर व्हीकल एक्ट के नियम क्या कहते हैं?
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सड़क पर वाहन चलाते समय कुछ खास नियमों का पालन करना अनिवार्य है। नियम 39/192 के मुताबिक, अगर आप गाड़ी में अत्यधिक शोर करते हैं, जैसे कि बेवजह बार–बार या लगातार हॉर्न का इस्तेमाल करना, तो इसके लिए आपको 10,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसके अलावा, अगर आप साइलेंस जोन में हॉर्न बजाते हैं, तो इसके लिए आपको 2,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है। सड़क पर गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना या हैंड्स फ्री डिवाइस का उपयोग करना भी एक अपराध है।
गाड़ी में तेज आवाज में गाने सुनना, खासकर जब गाना गाड़ी के बाहर से सुनाई दे, भी मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है। यह आपके द्वारा सड़क पर उत्पन्न किए गए शोर को बढ़ाता है, जिससे यातायात में समस्या उत्पन्न हो सकती है।
चालान की राशि और उसका भुगतान
अब सवाल यह उठता है कि अगर आपका चालान होता है तो आपको जुर्माना कितने दिनों में जमा करना होगा। इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट में स्पष्ट दिशा–निर्देश दिए गए हैं। यदि आपका चालान होता है तो आपको चालान के पैसे 90 दिनों के अंदर जमा करनी होती है। यदि आपने 90 दिनों के भीतर अपना चालान जमा नहीं किया, तो आपके लिए परेशानी बढ़ सकती है।
क्या होता है अगर चालान का भुगतान नहीं किया जाए?
अगर आपने अपने चालान की राशि 90 दिनों के अंदर जमा नहीं की, तो आपकी गाड़ी ब्लैकलिस्ट हो सकती है। इसका मतलब यह है कि आप अपनी गाड़ी को फिर से चलाने के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते, और यह आपके लिए परेशानी का कारण सबब बन सकता है। इसके अलावा, अगर आपने चालान की राशि जमा नहीं की और समय सीमा पार कर दी, तो मामला कोर्ट में भी जा सकता है।
कोर्ट में जाने पर आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि कोर्ट में मामला जाने से न सिर्फ आपके ऊपर जुर्माना लगाया जा सकता है, बल्कि आपको कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ सकता है। साथ ही, कोर्ट की सुनवाई के दौरान समय और धन की भी अधिक बर्बादी हो सकती है।