truck decoration accessories: ट्रक के पीछे क्यों लटके होते हैं ये ट्यूब के टुकड़े, जानकार हो जायेंगे हैरान
आपने कई बार सड़कों से गुजर रही ट्रक की सजावट को देखा होगा। अगर आपने कभी किसी ट्रक पर गौर किया होगा, खासकर उनके पीछे के हिस्से पर, जहाँ कई दिलचस्प चीज़ें लगी होती हैं. क्या आपको इन चीजों का मतलब पता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बतायेंगे. ट्रक ड्राइवर अपने ट्रकों को व्यक्तिगत रूप से सजाते हैं, और इन सजावटों के पीछे कुछ सांस्कृतिक और धार्मिक कारण हो सकते हैं। इनमें से एक बहुत ही दिलचस्प विशेषता काले रंग के टायर ट्यूब के टुकड़े होते हैं, जिन्हें ड्राइवर अपने ट्रकों के पीछे लटका कर रखते हैं। तो आइए जानते हैं कि ये काले ट्यूब के टुकड़े क्यों लगाए जाते हैं और इनके पीछे की वजह क्या है।
काले ट्यूब के टुकड़े क्यों लगाए जाते हैं?
भारतीय संस्कृति में यह विश्वास किया जाता है कि काले रंग की वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा या नजर से बचाती हैं। इसलिए, काले रंग की झालर, कपड़े, और टायर ट्यूब के टुकड़े ट्रक के पीछे लटकाए जाते हैं।ट्रक के पीछे टायर ट्यूब के टुकड़े लगाने का मुख्य उद्देश्य ‘नज़र‘ से बचना होता है। कई भारतीय ट्रक ड्राइवर अपने ट्रकों पर काले रंग की चीजें लगाते हैं ताकि किसी की नजर ट्रक पर ना लगे। यह मान्यता है कि यह ट्रक के मालिक या उसके व्यापार पर बुरी नजर से बचाते हैं। इस कारण ड्राइवर अपनी गाड़ी पर इन टुकड़ों को लगाते हैं, ताकि उनका व्यापार और उनकी यात्रा शुभ रहे।
इसके अलावा, कुछ लोग इस तरह की सजावटों को एक व्यक्तिगत मान्यता या धार्मिक विश्वास के रूप में भी अपनाते हैं। उदाहरण के लिए, कुछ ट्रक ड्राइवर इस तरह की सजावटों को अपनी आस्था और परंपराओं के साथ जोड़ते हैं।

‘हॉर्न ओके प्लीज‘ क्यों लिखा होता है?
अब बात करते हैं उस प्रसिद्ध शब्द ‘हॉर्न ओके प्लीज‘ की, जो भारतीय ट्रकों पर अक्सर देखा जाता है। यह एक पुरानी परंपरा है, जो पहले ट्रकों के पीछे लिखी जाती थी। दरअसल, इसका इतिहास काफी पुराना है और यह दूसरा विश्व युद्ध से जुड़ा हुआ है। उस समय ट्रक मुख्यतः केरोसिन से चलते थे, और उनके पीछे ‘On Kerosene’ लिखा जाता था।
लेकिन धीरे–धीरे इस परंपरा ने एक नया रूप लिया, और ‘हॉर्न ओके प्लीज‘ लिखा जाने लगा। शुरुआत में यह संदेश था कि यदि कोई ट्रक को ओवरटेक करना चाहता है, तो वह पहले हॉर्न बजाए, ताकि ट्रक ड्राइवर को इसका संकेत मिले। इसका मतलब था कि ओवरटेक करने से पहले हॉर्न जरूर बजाना चाहिए।
ट्रक की सजावट में और क्या होता है?
ट्रक की सजावट में और भी कई दिलचस्प तत्व होते हैं, जैसे ड्राइवरों द्वारा अपने परिवार के नाम का उल्लेख, धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग, या फिर क्षेत्रीय कलाओं का समावेश। ये सजावट न केवल ट्रक को एक व्यक्तिगत रूप देती हैं, बल्कि ड्राइवरों के मानसिक और सांस्कृतिक विश्वासों का भी एक प्रतीक होती हैं। ट्रक पर लगे विभिन्न रंग–बिरंगे चित्र, धार्मिक चित्रकला, और अन्य सजावटी वस्तुएं ट्रक की विशिष्टता को दर्शाती हैं और ड्राइवर के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं।

निष्कर्ष
सड़क पर चलने वाले ट्रकों की सजावटें और उनके पीछे की कहानियां भारतीय परिवहन संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। काले ट्यूब के टुकड़े लगाने से लेकर ‘हॉर्न ओके प्लीज‘ लिखने तक, ये सब ड्राइवरों की मान्यताओं, परंपराओं और सुरक्षा के पहलुओं का प्रतीक हैं। इन सजावटों के माध्यम से ड्राइवर न केवल अपनी व्यक्तिगत पहचान को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि उनकी यात्रा और उनका व्यापार बिना किसी विघ्न के आगे बढ़े।
