types of cheque: 1-2 नहीं बल्कि 9 तरीके के बैंक चेक से होते हैं 9 तरह के काम
आजकल पैसे ट्रांसफर करने के लिए UPI, ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल बढ़ गया है. आपमें से लगभग हर किसी का बैंक अकाउंट होगा. आज भले हीं पैसों के लेनदेन के लिए हम डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर लें, लेकिन फिर भी बैंक चेक की अहमियत आज भी देखने को मिलती है। जब किसी को बड़ी रकम का भुगतान करना होता है, तो लोग चेक के माध्यम से ही इसे करना पसंद करते हैं। आपने भी कई बार चेक का उपयोग किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक चेक के कितने प्रकार होते हैं? अगर नहीं तो आपको बता दें कि बैंक चेक 9 तरह के होते हैं. तो चलिए, आज हम आपको बैंक चेक के 9 प्रमुख प्रकारों के बारे में बताते हैं और ये भी बतायेंगे कि इनका इस्तेमाल कब, कहां और कैसे किया जाता है।
क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque):
क्रॉस्ड चेक पर चेक के ऊपर दो समानांतर रेखाएं खींची जाती हैं, जो इसे बैंक में ही जमा करने की अनुमति देती हैं। यह चेक किसी व्यक्ति को कैश नहीं किया जा सकता। इस चेक का भुगतान सिर्फ बैंक अकाउंट के माध्यम से किया जाता है, जिससे चेक की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
ओपन चेक (Open Cheque):
ओपन चेक वह चेक होता है जिसमें कोई क्रॉसिंग नहीं होती। इसका मतलब यह है कि इसे किसी भी व्यक्ति द्वारा बैंक में जमा करके कैश किया जा सकता है। यह चेक ज्यादा सुरक्षित नहीं होता, क्योंकि अगर चेक खो जाए तो कोई भी व्यक्ति इसे बैंक से इनकैश कर सकता है। इसे “Uncrossed Cheque” भी कहते हैं।
बेयरर चेक (Bearer Cheque):
बेयरर चेक एक ऐसा चेक होता है जिस पर जिस व्यक्ति का नाम चेक पर लिखा होता है, या जिसे भी यह चेक सौंपा जाता है, वह व्यक्ति इसे बैंक में जमा कर सकता है और राशि प्राप्त कर सकता है। इसे “पेयबल टू बेयरर” भी कहा जाता है। इस चेक में कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं होती, क्योंकि इसे कोई भी व्यक्ति कैश करा सकता है, चाहे उसका नाम चेक पर हो या नहीं। इसलिए यदि यह चेक खो जाए या गिर जाए, तो कोई भी उसे बैंक से इनकैश कर सकता है, जिससे सुरक्षा का खतरा होता है।
ऑर्डर चेक (Order Cheque):
ऑर्डर चेक सिर्फ उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसका नाम चेक पर लिखा होता है। इस चेक पर “Order” शब्द लिखा होता है, और इसे सिर्फ उसी व्यक्ति के खाते में जमा किया जा सकता है, जिसका नाम चेक पर है। बैंक इस चेक की जांच करता है और सुनिश्चित होने के बाद ही पैसे ट्रांसफर करता है, जिससे यह चेक अधिक सुरक्षित होता है। इसे “Payable to Order” चेक भी कहा जाता है।
ट्रैवलर चेक (Traveller’s Cheque):
ट्रैवलर चेक का उपयोग यात्रा के दौरान पैसे सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए किया जाता है। इसे खोने पर इसे रद्द भी किया जा सकता है, और इन्हें कभी भी एक्सपायर नहीं होने की सुविधा मिलती है। ये चेक उन लोगों के लिए उपयुक्त होते हैं जो यात्रा के दौरान अपने साथ ज्यादा नकद नहीं ले जाना चाहते।
सेल्फ चेक (Self Cheque):
सेल्फ चेक वह चेक होता है जिसे व्यक्ति खुद के लिए जारी करता है। इसमें “Self” शब्द लिखा होता है और इसका उपयोग केवल अपने खाते से पैसे निकालने के लिए किया जाता है। यह चेक विशेष रूप से तब उपयोगी होता है जब आपको अपने ही खाते से नकद राशि की आवश्यकता हो।
बैंकर्स चेक (Banker’s Cheque):
बैंकर्स चेक, जिसे बैंक ड्राफ्ट (DD) भी कहा जाता है, बैंक द्वारा जारी किया जाता है और यह एक प्रकार का भुगतान साधन होता है। इसे किसी भी अन्य व्यक्ति को पैसा भेजने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह चेक उस शहर में ही वैध होता है, जहां से इसे जारी किया गया हो।
पोस्ट–डेटेड चेक (Post-Dated Cheque):
पोस्ट–डेटेड चेक वह चेक होता है जिसे भविष्य की तारीख पर जारी किया जाता है। यह चेक तब तक जमा नहीं किया जा सकता जब तक चेक पर लिखी तारीख नहीं आती। इसका उपयोग आमतौर पर किराए के भुगतान या सोसाइटी के बिलों के लिए किया जाता है।
स्टेल चेक (Stale Cheque):
स्टेल चेक वह चेक होता है जिसकी वैधता समय सीमा समाप्त हो चुकी होती है। पहले इसे छह महीने तक वैध माना जाता था, लेकिन अब इसकी वैधता को घटाकर तीन महीने कर दिया गया है। इसके बाद इसे बैंक में जमा नहीं किया जा सकता।
इन सभी प्रकार के चेक का अपने–अपने उपयोग हैं और इनका चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि आपको भुगतान किस तरह से और किसे करना है।