vinod kambli: एक कॉल से क्रिकेटर विनोद कांबली की बिगड़ी थी आर्थिक स्थिति
विनोद कांबली, एक समय के मशहूर क्रिकेटर, जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अद्वितीय क्षमता और शान के साथ नाम कमाया था, आज काफी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। अपने क्रिकेट करियर के दौरान कांबली ने करोड़ों रुपये कमाए थे, लेकिन अब वे पाई–पाई के मोहताज हैं। क्रिकेट करियर में इतने सफल होने के बावजूद भी उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। कहा तो जाता है कि कांबली अपनी अय्याशी के कारण अपनी शोहरत को संभाल नहीं सके. कांबली से जुड़ा एक और किस्सा है, जिसे सुन कर आप भी हैरान हो जायेंगे. कांबली जैसे इतने बड़े खिलाड़ी जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, वे भी एक समय में साइबर ठगी के शिकार हुए थे. इससे आप सोच सकते हैं कि साइबर ठगों का दायरा कितना बढ़ता हीं जा रहा है. एक आम इंसान हो या कोई बड़ा इंसान यदि सतर्कता न बरती जाए, तो कोई भी साइबर ठगी का शिकार हो सकता है.
साइबर ठगी का शिकार हुए विनोद कांबली
विनोद कांबली भी ऑनलाइन ठगी के शिकार बने, जो उनके लिए बेहद नुकसानदायक साबित हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, कांबली को एक साइबर फ्रॉड ने एक लाख रुपये का चूना लगाया था। यह घटना तब हुई जब कांबली को एक फेक कॉल आई, जिसमें एक व्यक्ति ने खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए कांबली से संपर्क किया। उस कॉल में उन्हें एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा गया। कांबली ने भी बिना किसी संदेह के इस लिंक पर क्लिक कर दिया था और इसके बाद उनके बैंक अकाउंट से करीब एक लाख रुपये निकाल लिए गए।
इस ठगी के दौरान कांबली ने एक ओटीपी (One Time Password) भी शेयर कर दिया था, जिससे उनके फोन का पूरा कंट्रोल उन साइबर ठगों के पास चला गया। इस ठगी के बाद, कांबली को अहसास हुआ कि वे साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं, और यह घटना उनकी वित्तीय परेशानियों में एक और जोड़ साबित हुई। इस तरह के ऑनलाइन स्कैम का शिकार होना, यह बताता है कि अगर आप सतर्क न रहें तो साइबर फ्रॉड से कोई भी बच नहीं सकता है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र से जुड़ा हो।
ऑनलाइन स्कैम से बचने के उपाय
साइबर ठगी की घटनाएं बढ़ रही हैं, और हर व्यक्ति को इसके बारे में सतर्क रहना चाहिए। इन दिनों साइबर ठगी फोन कॉल्स, ईमेल्स, और सोशल मीडिया के जरिए देखने को मिल रही है। अगर आप भी विनोद कांबली की तरह साइबर ठगी का शिकार नहीं होना चाहते, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी जरुरी है.
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अपने बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया और अन्य महत्वपूर्ण अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड सेट करें। ऐसे पासवर्ड का इस्तेमाल करें जिसमें बड़े और छोटे अक्षर, अंक, और विशेष चिन्ह शामिल हों।
- अनजान कॉल्स से सावधान रहें: यदि आपको कोई अनजान कॉल आए, खासकर यदि वह बैंक से संबंधित हो, तो विस्तार से जानकारी लें। कभी भी बैंक अकाउंट की जानकारी, ओटीपी या पिन को किसी के साथ शेयर न करें।
- ओटीपी शेयर न करें: किसी भी कारण से कभी भी अपना ओटीपी किसी से न शेयर करें। ओटीपी केवल आपको अपनी बैंकिंग गतिविधियों के लिए चाहिए होता है।
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें: सोशल मीडिया, ईमेल या किसी अन्य माध्यम से भेजी गई अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें। कभी भी लिंक के जरिए कोई व्यक्तिगत जानकारी या पैसे साझा न करें।
- टू–फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें: अपनी सुरक्षा को बढ़ाने के लिए टू–फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) सक्रिय करें। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा परत है जो आपके अकाउंट को और सुरक्षित बनाता है।
- पब्लिक WiFi से बचें: पब्लिक WiFi पर बिना सुरक्षा के अपने महत्वपूर्ण डेटा को साझा करने से बचें। पब्लिक नेटवर्क पर आपकी जानकारी को चुराया जा सकता है।
- एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें: अपने फोन और कंप्यूटर पर अच्छे एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर या ऐप्स इंस्टॉल करें ताकि आपके डिवाइस को मालवेयर और वायरस से बचाया जा सके।
- अपडेट रहें और अलर्ट रहें: हमेशा सोशल मीडिया और इंटरनेट पर होने वाली साइबर ठगी के नए तरीकों के बारे में अपडेट रहें। इस तरह से आप खुद को नई धोखाधड़ी से बचा सकते हैं।
अगर आपको संदेह हो तो क्या करें?
अगर आपको किसी कॉल पर शक हो या आपको लगता हो कि कोई ठग आपको ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने की कोशिश कर रहा है, तो तुरंत अपने बैंक को कॉल करें और पूरी जानकारी दें। बैंक द्वारा आपको उचित मार्गदर्शन मिलेगा, जिससे आप अपनी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं और ठगी से बच सकते हैं।