Vivah Shubh Muhurt 2024: शुरू होने वाला है शादियों का सीजन, जल्द गुजेंगी शहनाईयों की धुन, जानें विवाह की शुभ तिथियां
16 नवंबर से शुरू होंगे मंगल कार्य
Vivah Shubh Muhurt 2024: बीते मंगलवार को देवउठनी एकादशी पर धूम–धाम से भगवान विष्णु की पूजा व अराधना की गयी. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. देवउठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी या फ़िर देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है. हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि देवउठनी एकादशी पर संसार के पालनकर्ता भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग निंद्रा से जाग जाते हैं और भगवान विष्णु के जाग जाने मात्र से ही शुभ मंगल कार्य शुरू कर दिए जाते हैं. देवउठनी एकादशी के साथ ही शहनाईयों की धुन भी सुनाई देने लग जायेंगी. त्योहारों का सीजन ख़तम होने के बाद अब शुरू होने वाला है शादियों का सीजन. इस साल चतुर्मास होने की वजह से शादी–विवाह का मंगल कार्य 16 नवंबर से शुरू होंगे और इसका समापन 15 दिसम्बर तक हो जाएगा. मिथिला पंचांग के मुताबिक, शादी–विवाह के शुभ मुहूर्त नौ दिनों के लिए हैं. जबकि, बनारसी पंचांग के अनुसार, शादी–विवाह के शुभ मुहूर्त 18 दिनों के लिए हैं.
विवाह के लिए शुभ तिथियां
हिन्दू धर्म में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है. ऐसा भी कहा जाता है कि यह बंधन सात जन्मों तक कायम रहता है. शादी जैसे पवित्र बंधन के लिए शुभ मुहूर्त का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है. अगर शादी जैसे मांगलिक कार्य शुभ मुहूर्त में संपन्न नहीं होते हैं तो उसे अधूरा माना जाता है. शादी में नौ ग्रहों में से देव गुरु बृहस्पति, शुक्र तथा सूर्य का शुभ होना अति आवश्यक होता है. साथ ही, रवि व गुरु के संयोग में विवाह का कार्यक्रम होना बेहद शुभ माना जाता है. बता दें कि इस साल के नवंबर महीने में बनारसी पंचांग के अनुसार विवाह के लिए नौ शुभ तिथियां हैं. इनमें 16, 17, 22, 23, 24, 25, 26, 28 व 29 तारीख़ को शादी के लिए शुभ मुहूर्त है. जबकि, दिसम्बर महीने में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 14 और 15 तारीख़ को है. वहीं, मिथिला पंचांग के मुताबिक, नवंबर महीने में केवल चार ही शुभ तिथियां हैं, जो कि 18, 22, 25 व 27 तारीख़ को हैं और दिसम्बर महीने में पांच शुभ तिथियां. ये शुभ तिथियां 1, 2, 5, 6 और 11 तारीख़ को हैं.
शुभ मुहूर्त में ही क्यों होता है विवाह?
पौराणिक कथाओं में ऐसी मान्यता है कि शुभ तिथियों और शुभ मुहूर्त में विवाह करने वाले दम्पतियों का वैवाहिक जीवन मंगलमय एवं सुखमय रहता है. इन शुभ तिथियों पर विवाह करने वाले जोड़ों पर भगवान की असीम कृपा बनी रहती है तथा ये हमेशा सुखी रहते हैं. विवाह की शुभ तिथियां 14 दिसम्बर तक ही है. 15 दिसम्बर से मकर संक्रांति तक खरमास रहेगा. इस बीच कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किये जायेंगे. चूंकि, हिन्दू धर्म में विवाह एक शुभ कार्य होता है, इसलिए इसके लिए कुछ महीने भी निश्चित किये गए हैं. हिन्दू धर्म में विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ और अगहन माह में हो तो वह बहुत शुभ माना जाता है.