Water Expiry Date: जब भी हम बाज़ार से कोई खाने–पीने की चीज़ खरीदते हैं, तो सबसे पहले उस पर लिखी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पानी की बोतल पर भी एक्सपायरी डेट क्यों लिखी होती है? आखिर पानी तो कभी खराब नहीं होता… फिर इस डेट का क्या मतलब है? क्या ये सिर्फ एक मार्केटिंग ट्रिक है या इसके पीछे कोई साइंटिफिक वजह भी है?
आज के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि क्यों पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है, और अगर आपने इस डेट के बाद की बोतल से पानी पिया तो आपके शरीर पर इसका क्या असर हो सकता है।
सबसे पहले बात करते हैं – क्या पानी वाकई खराब हो सकता है?
तो इसका सीधा जवाब है – नहीं!
पानी अपने आप में कभी खराब नहीं होता। ये एक ऐसा नैचुरल एलिमेंट है, जो अगर साफ और सुरक्षित तरीके से स्टोर किया गया हो, तो सालों तक वैसा ही बना रह सकता है।
लेकिन असली खेल शुरू होता है उस बोतल से, जिसमें पानी को स्टोर किया गया है।
पानी की बोतल पर जो एक्सपायरी डेट लिखी होती है, उसका पानी से नहीं बल्कि प्लास्टिक की बोतल से ताल्लुक होता है।
लाइव साइंस और अमेरिका की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA के मुताबिक, पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट लिखना अनिवार्य नहीं है।
लेकिन फिर भी कंपनियां ऐसा करती हैं, क्योंकि प्लास्टिक बोतलों की एक शेल्फ लाइफ होती है।
समय के साथ ये प्लास्टिक धीरे–धीरे पानी में घुलना शुरू कर देती है। और यही बनता है असली खतरा।
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प्लास्टिक से सेहत को कैसे नुकसान होता है?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरनमेंटल हेल्थ साइंसेज़ के अनुसार, बहुत सी बोतलों को बनाने में BPA नाम का एक रसायन इस्तेमाल होता है।
ये BPA पानी में मिलकर हमारे शरीर में पहुंचता है और फिर शुरू होते हैं हेल्थ से जुड़े खतरे:
- ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है
- टाइप-2 डायबिटीज़ का रिस्क
- दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना
मतलब साफ है – बोतल के अंदर भरा पानी नहीं, बल्कि उस बोतल का मटेरियल आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर तब जब आप उसकी एक्सपायरी डेट के बाद का पानी पीते हैं।
ज्यादातर पानी की बोतलें सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बनी होती हैं। ये बोतलें देखने में तो मजबूत लगती हैं, लेकिन इन्हें बार–बार यूज़ करना सेहत के लिए खतरनाक है।
कई लोग सफर या ऑफिस में इन बोतलों का कई बार इस्तेमाल करते हैं, जबकि ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।
समय के साथ इसमें प्लास्टिक के सूक्ष्म कण यानी माइक्रोप्लास्टिक पानी में मिलने लगते हैं, जो हमारे शरीर में जाकर धीरे–धीरे कई बीमारियों की वजह बन सकते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर पानी को कैसे स्टोर किया जाए ताकि ये सेहत के लिए सुरक्षित बना रहे?
विशेषज्ञों की मानें तो –
- BPA-फ्री बोतलों का इस्तेमाल करें
- घर में पानी स्टोर करने के लिए स्टील या तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल करें
- पानी को ठंडी और साफ जगह पर रखें
- एक्सपायरी डेट वाली बोतलों को उस तय सीमा के भीतर ही इस्तेमाल करें
तो अब जब भी आप बाजार से पानी की बोतल खरीदें, तो उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें। क्योंकि पानी नहीं, लेकिन उसकी पैकिंग आपको बीमार बना सकती है।
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