आम बजट प्रस्तुत होने के बाद अब लोग यही पुछ रहे हैं कि इस बजट से बिहार के लोगों को क्या मिला. बिहार के लिए यह बजट कितना कारगर रहाहै. हालांकि राजनीतिक पार्टियों की तरफ से जारी बयान को अगर हम सुनेंगे तो उनके अपने तर्क हैं लेकिन इस बजटोके आंकड़ों के लिहाज से देखें तो बिहार के खाते में भी कुछ न कुछ आया है. तो चलिए हम एक एक कर इस बजट में बिहार के हिस्से क्या क्या आया है उसे जानते हैं.
बिहार के तीन मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज खोलने की बात कही है. बता दें कि साल 2014 में तीन शहरों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी. जिसमें बेतिया, मधेपुरा और पूर्णिया में मेडिकल कॉलेज खोले गए थे. अब इन्हीं मेडिकल कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की जाएगी. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो अगर सबकुछ ठीक रहा तो इन तीनों मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू हो सकती है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने अपने बजट में चार शहरों में एयरपोर्ट लागू होने की उम्मीदें बढ़ी है. इसके साथ ही एक-एक अन्य घोषमा के तहत बिहार के साथ जिलों के 1517 सीमावर्ती गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. पटना से हावड़ा के लिये वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का एलान भी हुआ है.
बता दें कि साल 2014 में ही बिहार के पावापुरी में भी मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई थी और यहां पर बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई अभी जारी है. इसको लेकर यह कहा जा रहा है कि प्रत्येक कॉलेज में कम से कम 100 सीटों पर पढाई शुरू होगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान के आवंटन को 6427 करोड़ से बढ़ाकर 7200 करोड़ कर दिया है. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है. बता दें कि वर्तमान वित्तीय साल में इस मद में 33 हजार 708 करोड़ का बजट था जिसे बढ़ाकर 36 हजार 785 करोड़ किया गया है. बताया जा रहा है कि इस मद से मिलने वाली राशि से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलने वाली कई योजनाओं पर पैसे खर्च होने हैं. इसके साथ ही साल 2047 तक देश को एनीमिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है.