White Gold vs Yellow Gold: क्या आपने कभी “सफेद सोना” यानी व्हाइट गोल्ड के बारे में सुना है और सोचा है कि ये असल में होता क्या है? क्या ये कोई चांदी जैसा दिखने वाला नया खज़ाना है या फिर सोने की ही कोई खास किस्म? तो चलिए जानते हैं कि सफेद सोना आखिर होता क्या है, कैसे बनता है, इसके फायदे क्या हैं और ये पीले सोने से कितना अलग है।
सबसे पहले बात करें सफेद सोने की बनावट की, तो यह कोई प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली धातु नहीं है। यह एक मिश्र धातु होती है, यानी इसे शुद्ध सोने में कुछ अन्य धातुएं मिलाकर बनाया जाता है, जैसे कि चांदी, पैलेडियम, प्लैटिनम या कभी–कभी निकेल। इन धातुओं को मिलाने से सोने का रंग बदलकर सफेद या चांदी जैसा हो जाता है, जिसे हम “सफेद सोना” कहते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि सफेद सोने में ये मिश्र धातुएं मिलाने की ज़रूरत क्यों होती है? इसके दो प्रमुख कारण हैं: पहला, रंग बदलने के लिए – चूंकि शुद्ध सोना पीला होता है, इसलिए उसमें सफेद रंग की धातुएं मिलाकर उसका रंग सफेद किया जाता है। दूसरा कारण है मजबूती – शुद्ध सोना बहुत ही नरम धातु होती है जो आसानी से मुड़ सकती है या खराब हो सकती है। इसलिए उसमें दूसरी कठोर धातुएं मिलाकर उसे टिकाऊ बनाया जाता है ताकि उससे बनाए गए आभूषण लंबे समय तक इस्तेमाल हो सकें। इसके अलावा, सफेद सोने को अंतिम रूप देने के लिए उस पर रोडियम नामक कीमती धातु की परत चढ़ाई जाती है। रोडियम प्लैटिनम के परिवार की एक चमकदार धातु है, जो आभूषण को न केवल शानदार लुक देती है, बल्कि उसे खरोंचों और दाग–धब्बों से भी बचाती है। हालांकि, समय के साथ यह कोटिंग घिस जाती है और नीचे से पीले रंग की झलक दिखने लगती है। ऐसे में, हर 1 से 2 साल में रोडियम की दोबारा कोटिंग करवा लेनी चाहिए।
अब ये जानना जरूरी है कि सफेद सोना असली सोना होता है या नहीं? तो इसका सीधा उत्तर है – हां। सफेद सोना पूरी तरह असली होता है क्योंकि इसका आधार शुद्ध सोना होता है। हां, इसमें कुछ और धातुएं जरूर मिलाई जाती हैं। इसकी शुद्धता आप हॉलमार्क देखकर जान सकते हैं। उदाहरण के लिए, 18 कैरेट (18K) सफेद सोने में 75% शुद्ध सोना होता है और बाकी हिस्सा दूसरी धातुएं होती हैं। अब बात करें सफेद और पीले सोने के अंतर की, तो सबसे बड़ा अंतर रंग का है। जहां पीला सोना अपनी पारंपरिक सुनहरी चमक के लिए जाना जाता है, वहीं सफेद सोना एक मॉडर्न, सिल्वर जैसा लुक देता है।
रचना के लिहाज़ से पीले सोने में आमतौर पर तांबा, चांदी और जिंक मिलाया जाता है, जिससे उसका पीला रंग बरकरार रहता है। वहीं, सफेद सोना प्लैटिनम, पैलेडियम या चांदी जैसी धातुओं से तैयार किया जाता है। कीमत की बात करें तो दोनों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं होता, लेकिन रोडियम कोटिंग और मिश्र धातुओं की वजह से सफेद सोना थोड़ा महंगा पड़ सकता है। टिकाऊपन के लिहाज़ से सफेद सोना ज़्यादा मजबूत होता है लेकिन इसे समय–समय पर मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है, जबकि पीला सोना कम देखभाल में भी टिकाऊ बना रहता है।
सफेद सोने के फायदे कई हैं – यह प्लैटिनम जैसा शानदार लुक देता है लेकिन कीमत में किफायती होता है। यह चांदी से ज्यादा मजबूत होता है और हर रंग की स्किन टोन पर अच्छा लगता है। वहीं इसका नुकसान यही है कि इसे हर कुछ समय बाद फिर से रोडियम कोटिंग की ज़रूरत पड़ती है। अंत में, अगर आप चांदी जैसा मॉडर्न लुक चाहते हैं, तो सफेद सोना आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह न केवल देखने में शानदार लगता है, बल्कि इसकी गुणवत्ता भी बेहतरीन होती है। तो अगली बार जब आप सोने के आभूषण खरीदें, तो सफेद सोने पर जरूर एक नज़र डालें – यह पारंपरिक और आधुनिकता का खूबसूरत मेल है।
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