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ईशान की जिद्द ,भाई का साथ और हादसे ने कैसे बनाया ईशान को सफल क्रिकेटर

Bihari News

दोस्तों जिंदगी में कुछ ऐसे लम्हे आते है जब हम अपने दोस्तों के बीच , परिवार के बीच किसी बात को लेकर मजाक करते है इतना ही नहीं कभी कभी तो जिंदगी को लेकर किए गए मजाक कभी मजाक बनकर रह जाता है तो कभी वही मजाक इतिहास रच देता है। आप सोच रहे होंगें कि हम ऐसी बात क्यों कर रहे है । दरअसल हमारी भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसा जाबांज और युवा खिलाड़ी है जिसमें मजाक में क्रिकेट को खेला और हकीकत में उसने इतिहास रच दिया। आज दुनिया उसे सलाम कर रही है क्योंकि उसने किया ही कुछ ऐसा करनामा । पिछले साल यानी आईपीएल के 15वें सीजन की नीलामी में वो सबसे महंगा खिलाड़ी बना। और हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में उसने दोहरा शतक जड़कर दुनिया को अपने खेल के अंदाज से रूबरू कराया।

नमस्कार दोस्तों आप देख रहे हैं चेक दे क्रिकेट की खास पेशकश और आज हम लेकर आए है एक और खिलाड़ी के जीवन से जुड़ी कुछ अनकही बायोग्राफी .. आज बात करने वाले है…. 5 फुट 6 इंच के बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज और विकेट कीपर बिहार के लाल ईशान किशन की। जिसके मजाक, जिद्द और जुनून ने भारतीय क्रिकेटर बनाकर ही छोड़ा । और आज भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा बन गया है।

हम ईशान किशन के क्रिकेटर बनने की कहानी से आपको रूबरू कराएं उससे पहले ईशान किशन की निजी जिंदगी के बारे में जानते है। क्योंकि हम अपने स्पोर्ट्स टॉक हिंदी चैनल में आपके लिए रोज एक नए खिलाड़ी के जीवन की दास्तां आपको बताते हैं तो चलिए पहले ईशान किशन के निजी जिंदगी के बारे में जान लेते है फिर आपको उनके क्रिकेटर बनने की कहानी भी बताएंगे।

ईशान किशन का पूरा नाम ईशान प्रणव कुमार पांडेय किशन हैं। ईशान का जन्म 18 जुलाई 1998 को बिहार के पटना शहर में हुआ। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज के परिवार ने माता पिता और एक बड़ा भाई राज किशन है जिन्होंने बिहार के लिए क्रिकेट खेला है। महेंद्र सिंह धोनी , एडम गिलक्रिस्ट और डेविड वार्नर को अपना आदर्श मानने वाले ईशान किशन को क्रिकेट के अलावा टेबल टेनिस और बिलियार्ड खेलना पसंद है। 24 साल के इस युवा बल्लेबाज की स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना में हुई। तो वहीं कॉलेज की पढ़ाई कॉलेज ऑफ कॉमर्स पटना से की। पिता प्रणव कुमार पांडेय बिल्डर है और माता हाउसवाइफ है। पढ़ाई के प्रति लापरवाही और क्रिकेट के प्रति छोटा सा मजाक के साथ, जिद्द और जुनून ने उन्हें टीम इंडिया की नीली जर्सी पहनने का सपना पूरा कराया ।

दोस्तों अब आपको बताते हैं टीम इंडिया की 18 नंबर जर्सी पहनने वाले ईशान किशन को आखिर यह जर्सी पहनने के लिए क्या क्या संघर्ष किया । और कैसे उनके एक मजाक ने उन्हें देश के लिए क्रिकेट खेलने का सपना पूरा करा दिया ।

तो हुआ कुछ यूं कि ईशान किशन जब छोटे थे तो उनके बड़े भाई राज किशन अपने अंडर 14 के ट्रायल के लिए तैयारी कर रहे थे। भाई के हाथो में बैट और पीठ पर क्रिकेट किट देखकर ईशान किशन ने जिद्द किया कि मुझे भी भाई के साथ ट्रायल देखने जाना है। उनकी यह जिद्द देखकर पिता से रहा नही गया और उन्होंने राज के साथ ईशान को भेज दिया इससे ईशान किशन का मन बहल जायेगा। राज ने अपना ट्रायल दिया जिसे किशन बड़ी ही उत्सुकता से देख रहा था। फिर ईशान किशन ने ट्रायल दिया जहां किशन ने दो चार धमाकेदार और कलात्मक शॉट देखने के बाद भाई राज और सेलेक्टर हक्के बक्के भौंचक्के रह गए । तब ट्रायल के सेलेक्टरों ने ईशान को भांप लिया और कहा की यह कोई आम खिलाड़ी नहीं है। एक ही नजर में देखकर उन्होंने ईशान को सेलेक्ट कर लिया और उनके भाई से कहा इस लड़के में कुछ स्पेशल है। महाज 7 साल की उम्र से ईशान किशन ने क्रिकेट खेलना शुरू किया था । लेकिन तब ईशान खेल को लेकर ज्यादा सीरियस नहीं थे। चूंकि ईशान के बड़े भाई भी घरेलू क्रिकेट खेलते थे लेकिन पिता को लगा क्रिकेट के रिस्क है और भविष सुरक्षित नहीं है। उन्हे चिंता सताने लगी की करियर बनेगा या नही। उन्होंने दोनो में से किसी एक को क्रिकेट खेलने को कहा तब बड़े भाई राज ने अपना सपने करियर सेक्री फाइज किया और ईशान को बड़ी मेहनत से क्रिकेट खेलने को कहा। जैसा कि हमने शुरू में बताया कि ईशान को अपनी पढ़ाई में जरा से भी इंट्रेस्ट नही था ईशान क्लास में पूरे दिन कॉपी में क्रिकेट से जुड़े कार्टून बनाते रहते थे। साथ खुद को दर्शक दीर्घा में चीयर करते हुए फोटो बनाते थे।ईशान इतने शरारती थे की पैरेंट्स को उनकी शिकायत सुनने की फुरसत नहीं थी। शरारत कुछ ऐसी भी थी कि जब वह गली में क्रिकेट खेलते थे तो दूसरों के दरवाजे में बॉल मारकर छिप जाते थे ईशान जब 6 साल के थे तो उन्हें अपने ईयर पियर करने थे लेकिन स्कूल इसके खिलाफ था तब ईशान ने कहा था कि उनके दादा जी की आखिरी ख्वाइश थी ।

एक दिन ईशान के कोच उनके पिता के पास और कहा आपका बेटा स्पेशल है आपको इसे सीरियस क्रिकेट खिलाना चाहिए । उनके पिता ने इजाजत दे दी । ईशान ज्यादातर पटना के मोइन उल हक स्टेडियम में प्रैक्टिस करते थे एक बार स्कूल का एक विकेट कीपर नही आया तो ईशान किशन को विकेट कीपर की जिम्मेदारी मिली उस दिन ईशान ने विकेट के पीछे दो कैच और एक स्टंप किया । फिर उन्हे विकेट कीपिंग रास आने लगी । और उन्हें लगा की बल्लेबाज पर ज्यादा ध्यान रखने के लिए विकेट कीपिंग सही साबित होगी। एक बार ईशान किशन स्कूल वर्ल्ड कप में खेले गए टूर्नामेंट में कप्तान नियुक्त हुए। लेकिन डीपीएस स्कूल ने उन्हें क्रिकेट छोड़ने को कहा लेकिन ईशान ने स्कूल ही छोड़ दिया। बीसीसीआई और बिहार की नोक झोंक से बिहार क्रिकेट समाप्त हो गया था तब उनके भाई और कोच ने उन्हें झारखंड भेज दिया । तब उन्होंने वहां पहले सेल के लिए खेला फिर अंडर 16 में चुने गए । अच्छे खेल की वजह से उन्हें अंडर 19 में मौका मिला । यहां से उन्होंने अपने खेल को ही बदलकर रख दिया । उन्हे विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका मिला । रणजी के एक मुकाबले में 14 छक्के लगाकर 210 रनों की पारी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया । साल 2016 में बांग्लादेश में हुए अंडर 19 विश्व कप में उन्हे कप्तान बनाया गया लेकिन फाइनल में भारत वेस्टइंडीज से हार गई । लेकिन उनकी कप्तानी ने बहुत प्रभावित किया था। झारखंड के मेंटोर रहे धोनी ने उस वक्त किशन से कहा था कि तुम एक अटैकिंग बल्लेबाज हो । लेकिन एक खिलाड़ी के नाते तुम्हे अपने टीम की जरूरत के हिसाब से खेलना होगा। और देखिए ईशान किशन ने हाल ही में आक्रामक बल्लेबाजी दिखाकर दोहरा शतक बना डाला। वो दिन दूर नही जब ईशान किशन टीम इंडिया के कप्तान होंगे। और टीम उनकी कप्तानी में आईसीसी ट्रॉफी जीतेगी। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज बैटिंग के मामले में अंधविश्वासी है ईशान बल्लेबाजी से पहले अपने गार्ड पर दो बार निशान लगाता है।

24 वर्षीय इस खिलाड़ी का क्रिकेट सफ़र के दौरान विवादो से भी नाता जुड़ गया। जब ईशान अंडर 19 टीम के कप्तान थे तब उनकी कार से एक ऑटो रिक्शा को टक्कर लग गई थी कार उनके पिता चला रहे थे इस घटना ने रिक्शा में सवार महिला को मामूली चोटें आई थी। हालाकि इस मामले को पुलिस ने वहीं पर निपटा दिया था।

आइए अब नजर डालते है ईशान किशन के छोटे से क्रिकेट करियर पर .. साल 2016 ये वो वक्त था जब ईशान किशन को अंडर 19 टीम में भारतीय कप्तान बनाया गया था। आईपीएल में गरजने के बाद ईशान किशन को असल में इनाम पिछले साल के आईपीएल में मिला.. जब मुंबई इंडियंस ने उन्हें 15.5 करोड़ में खरीदा , हालाकि उनका बल्ला कुछ खास कमाल नही कर सका । फिर भी उनकी प्रतिभा और काबिलियत ने टीम इंडिया के दरवाजे खोल दिए।

14 मार्च 2021 ईशान किशन के लिए वह दिन था जब उन्हे 84 नंबर टी 20 कैप मिली और इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। इसके बाद उन्हें कई सीरीज में मौके मिले। टीम मैनेजमेंट , कप्तान , कोच और चयनकर्ताओं ने उन्हें उसी साल 18 जुलाई 2021 को श्री लंका के खिलाफ वनडे सीरीज में मौका दे दिया। और अब हाल ही में शुरू होने जा रही टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उन्हें ऋषभ पंत की जगह टीम का प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्राप्त होगा।

दोस्तों अगर ईशान किशन के छोटे से करियर का लेखा जोखा देखा जाए तो उन्होंने वनडे क्रिकेट में अभी तक 13 मैच खेले है जिसमें उन्होंने एक दोहरे शतक जो उन्होंने बगलादेश के विरुद्ध लगाया था 46 की औसत से 507 बनाए है । वहीं अंतर्राष्ट्रीय टी 20 में ईशान किशन ने 27 मैच खेले जिसमें 653 रन बनाए है । इससे पहले घरेलू क्रिकेट में ईशान ने खूब रन बटोरे हैं 46 मैचों मे 2805 रन बनाए जिसमे 5 सेंचुरी और 16 हाफ सेंचुरी है।

साल 2016-17 में गुजरात लायंस और वर्तमान में मुंबई इंडियंस से खेलने वाले ईशान किशन क्या ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमाल कर पायेंगे।

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