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जन्मदिन विशेष : दिल्ली की गलियों से निकला वो खिलाड़ी, जो आगे चलकर बना विश्व क्रिकेट का बादशाह !

Bihari News

भारतीय टीम ने वैसे तो विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक खिलाड़ी दिए लेकिन आज जिस खिलाड़ी की बात करेंगे उसने ना सिर्फ भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदली बल्कि पूरे विश्व क्रिकेट को हिला कर रख दिया. इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने अपने बल्ले से ऐसा कमाल किया है कि सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया उनकी दीवानी है. भारतीय क्रिकेट की बात हो तो सबसे पहले हमारे जहन में सचिन तेंदुलकर का नाम आता है लेकिन आने वाले समय में इस खिलाड़ी का चेहरा ही हमारे आंखों के सामने आने वाला है, ये गारंटी है. इनकी कहानी सभी के लिए किसी मोटिवेशन की तरह है और अगर कोई डिप्रेशन में है और वो अगर इनकी कहानी सुन ले तो वो भी नए जोश और उत्साह से भर जाएगा और कुछ भी हासिल करने का दम भरेगा. इस खिलाड़ी ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वो मुकाम हासिल किया है, जिसका सपना विश्व में हर बच्चा देखता है. और परिस्थितियों के आगे हार ना मानना और उनसे लड़ना और जीत कर आना, कोई इनसे ही सीखे. आज यह खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट का ब्रांड एम्बेसडर है, बच्चेबच्चे के जुबान पर इनका नाम है. अब तो आप समझ ही गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं अगर अभी भी नहीं समझे तो हम आपको बता देते हैं.

आज के सेगमेंट में बात टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विराट कोहली के बारे में. इस लेख में हम आपको दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के जीवन के कुछ जानेअनजाने बातों को बताएंगे साथ ही उनके समृद्ध क्रिकेट करियर की सैर भी करवाएंगे.

देश की राजधानी दिल्ली में 5 नवंबर, 1988 को प्रेम कोहली और सरोज कोहली के घर एक बच्चे का जन्म हुआ, जो आगे चलकर बना भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक कहलाया. जी हां विराट कोहली 3 भाईबहनों में सबसे छोटे थे, और छोटे विराट को बचपन से ही क्रिकेट में अगाध दिलचस्पी थी. जब विराट महज 3 साल के थे तभी उन्होंने बल्ला पकड़ लिया था. विराट अपने पिता, जो कि एक वकील थे, उन्हें बॉलिंग करने को कहते थे. विराट हमेशा अपने पिता को साथ में खेलने के लिए परेशान करने लगे. बेटे के क्रिकेट प्रेम को देखते हुए पिता ने मात्र 9 साल की उम्र में वेस्ट डेल्ही क्रिकेट अकैडमी में बेटे विराट कोहली का दाखिला करवा दिया. साथ ही विराट अपनी पढ़ाई विशाल भारती स्कूल में कर रहे थे. विराट की मां बताती हैं कि वो खेलने के साथसाथ पढ़ाई में भी बहुत अच्छे थे और उनके टीचर हमेशा कहते थे कि विराट का भविष्य उज्जवल होगा. लेकिन विराट कोहली तो दिनरात एक ही सपना देख रहे थे, भारत के लिए खेलना.

विराट के क्रिकेटर बनने के सपने को पर दिया उनके कोच राजकुमार शर्मा ने, जो क्रिकेट अकैडेमी में विराट को ट्रेनिंग दे रहे थे. लेकिन इसी बीच विराट के जीवन में एक बड़ा हादसा हो गया. उनके पिता को एक तगड़ा ब्रेन स्ट्रोक आया और कुछ दिन अस्पताल में रहने के बाद 18 दिसंबर, 2006 को डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया. युवा विराट कोहली, जो क्रिकेटर बनने का सपना देख रहे थे, और उसी दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे थे, पिता की मौत ने झगझोरकर रख दिया. विराट पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं, मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ देखा है, मैंने युवा दिनों में ही अपने पिता को खो दिया था.’ पिता के मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई और विराट और उनके परिवार को किराए के घर में रहना पड़ा. उन दिनों को याद करते हुए विराट कोहली भावुक हो जाते हैं और उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. विराट कहते हैं मेरे पिता क्रिकेट खेलने में हमेशा मेरी सहायता करते थे, वो रोज मेरे साथ खेलते थे, आज भी मुझे उनकी कमी बहुत महसूस होती है.

इतने बड़े सदमे से उबरने के लिए विराट ने अपने खेल को ही चुना, उन्होंने मैदान में जीजान लगा दी. और कड़ी मेहनत से विराट कोहली ने इंग्लैंड जाने वाली भारत की अंडर-19 टीम में जगह बना ली. इंग्लैंड में खेले गए 3 मैचों की वनडे सीरीज में विराट ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, लगातार दमदार प्रदर्शन का उनको इनाम भी मिला और साल 2008 में उनको भारत की अंडर-19 टीम का कप्तान बना दिया गया. इसी साल मलेशिया में अंडर-19 वर्ल्ड कप खेली गई, जिसमें कप्तान विराट कोहली ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को चैंपियन बना दिया. बस फिर क्या था, विराट ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से भारतीय सीनियर टीम का भी दरवाजा खटखटा दिया था.

और इसी साल उनका चयन भारत की राष्ट्रीय टीम में हो गया. दरअसल उस वक्त भारतीय टीम के दोनों सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर इंजर्ड हो गए, जिस कारण विराट कोहली को पहली बार भारतीय टीम में खेलने का अवसर मिला. 18 अगस्त 2008 का दिन विराट के जीवन का सबसे खास दिन है क्योंकि इसी दिन कोहली ने अपना पहला इंटरनेशनल वनडे खेला. लेकिन अपने डेब्यू मैच में श्रीलंका के खिलाफ वो सिर्फ 12 रन ही बना पाए और टीम इंडिया को भी उस मैच में 8 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा. विराट अपने डेब्यू मैच में गौतम गंभीर के साथ पारी का आगाज करने उतरे थे. लेकिन पूरे सीरीज में कोहली 159 रन बनाकर दूसरे टॉप स्कोरर रहे और भारतीय टीम ने 3-2 से सीरीज अपने नाम की. डेब्यू सीरीज में विराट कोहली का सर्वोच्च स्कोर 54 रन रहा था.

कोहली निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, और फिर आया साल 2011, जब भारत में वनडे वर्ल्ड खेला गया, और जिसमें भारतीय टीम ने फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार ट्रॉफी पर कब्जा किया था, विराट कोहली टीम का हिस्सा थे. अब विराट कोहली की गिनती भारत के टॉप बल्लेबाजों में होने लगी और वो टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बन गए. विराट कोहली भी शतक पर शतक बना रहे थे और लोग अब कहने लगे कि यही बल्लेबाज है जो सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ेगा. साल 2012 में उनको एशिया कप के लिए टीम इंडिया का वाईसकैप्टन चुना गया. विराट ने बेहतरीन बल्लेबाजी की, और अब लोग उनमें भारत का भविष्य का कप्तान देख रहे थे और हुआ भी ऐसा ही. जब महेंद्र सिंह धोनी ने टी20आई और वनडे कप्तानी से हटने का फैसला किया, टीम ने विराट कोहली को तीनों फॉर्मेट में अपना कप्तान चुना. विराट एक आक्रामक कप्तान साबित हुए, उन्होंने अपनी कप्तानी से टेस्ट क्रिकेट को जीवंत किया. लोग कोहली के कारण टेस्ट मैच भी बड़े चाव से देखने लगे. लेकिन कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम एक भी ICC ट्रॉफी जीतने में कामयाब नहीं हो सकी.

साल 2021 में जब UAE में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ग्रुपस्टेज से ही बाहर हो गई, विराट कोहली ने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया. फिर उसके बाद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गई, जहां टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा, और कोहली ने इसके बाद टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से भी इस्तीफा दे दिया. नवंबर 2019 से सितंबर 2022 तक का दौर विराट कोहली कभी भी याद नहीं रखना चाहेंगे. इन 3 सालों में कोहली के जीवन में इतना कुछ घटा कि लोग और क्रिकेट एक्सपर्ट उनको टीम से बाहर तक करने की बात करने लगे. बल्लेबाजी में लगातार फ्लॉप हो रहे कोहली की इतनी आलोचना हुई कि शायद ही कोई क्रिकेटर रहा होगा, जिसने इतनी आलोचना झेली होगी. और ये भी सच है कि विराट कोहली ही एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इतने आलोचनाओं के बाद वापसी की और ऐसी दमदार वापसी की मिसाल बन गए. जो लोग कल तक उनकी आलोचना कर रहे थे आज उनके मुरीद हैं.

विराट कोहली ने UAE में खेले गए एशिया कप 2022 में वापसी की और भारत की तरफ से टूर्नामेंट के लीडिंग रन स्कोरर रहे. उन्होंने लगभग 3 साल से चले आ रहे शतकों का सूखा भी खत्म किया. अफगानिस्तान के खिलाफ सुपर-4 के आखिरी मैच में विराट ने तूफानी शतक ठोक दिया. विराट अभी ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहे टी20 वर्ल्ड कप में कमाल कर रहे हैं. सुपर-12 के पहले मुकाबले में ही पाकिस्तान के खिलाफ विराट कोहली ने ऐसी पारी खेली कि इतिहास बन गया.

160 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम काफी मुश्किलों में फसी थी. रोहित शर्मा और केएल राहुल तुरंत ही आउट हो गए थे, ऐसे में कोहली ने जिम्मेदारी अपने हाथ में ली, और ऐसी पारी खेली कि पूरी दुनिया नतमस्तक हो गई. कोहली ने 53 गेंदों में नाबाद 82 रनों की पारी खेली और भारत ने अंतिम गेंद पर 4 विकेटों से जीत दर्ज की. यह पाकिस्तान पर भारत की शायद अबतक की सबसे मशहूर जीत है. कोहली को उनकी शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया. कोहली यहीं नहीं रुके, इसके बाद भी उन्होंने 2 अर्धशतकीय पारी खेली और सबमें वो नाबाद लौटे हैं. कप्तान ना होते हुए भी विराट कोहली कप्तानी पारी खेल रहे हैं और टीम इंडिया को जीत दिला रहे हैं और शायद यही एक महान खिलाड़ी की पहचान होती है.

विराट कोहली के निजी जीवन की बात करें तो इनके अफेयर की बात कईयों से चली, सबसे पहले उनका नाम मिस इंडिया रह चुकी सराह जाने दिस से जुड़ा. 2011 वर्ल्ड कप के दौरान इनको स्टेडियम में देखा गया था. इसके बाद संजना नाम की एक मॉडल के साथ भी कोहली का नाम जोड़ा गया, इसके बाद साउथ की खुबसूरत एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया के साथ भी कोहली के अफेयर की बात चली. तमन्ना के बाद ब्राजील की एक मॉडल इजाबेल लिइट से भी कोहली के अफेयर की बात चली लेकिन कोहली ने मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा से 4 साल डेट करने के बाद 11 दिसंबर, 2017 को शादी की. दोनों की एक बेटी है जिसका नाम वामिका है.

विराट कोहली को टीम के खिलाड़ी चीकू बुलाते हैं, इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. 2008 अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम के खिलाड़ी रवीन्द्र जडेजा ने उनका नाम चीकू रखा था, और तब से टीम के खिलाड़ी उन्हें इसी नाम से बुलाने लगे. चीकू के अलावा कोहली को चेज और रन मशीन भी कहते हैं. विराट कोहली चैरिटी भी करते हैं, उनका खुद का एक चैरिटी फाउंडेशन है, जिसक नाम विराट कोहली फाउंडेशन है. उन्होंने इसकी शुरुआत मार्च 2013 में की थी. यह चैरिटी फाउंडेशन छोटे बच्चों के लिए काम करता है. इसके अलावा विराट कोहली का खुद का दिल्ली में एक रेस्टोरेंट भी है, जिसका नाम नूएवा है. कोहली नॉनवेज के बहुत शौक़ीन हैं.

खेल के मैदान में विराट कोहली अपने एग्रेशन के लिए जाने जाते हैं और यही कारण है कि उनका विवादों से भी खासा नाता रहा है. अपने करियर के शुरुआती दिनों में कोहली ने एक बार स्टेडियम में बैठे दर्शकों को बीच की उंगली दिखा दी थी, जिसके बाद उनपर मैच फीस का पचास प्रतिशत जुर्माना लगा था. एक बार मैच के दौरान विराट कोहली ने अनुष्का शर्मा से चैटिंग की थी, जिससे काफी विवाद हुआ था, बाद में उनको चेतावनी देकर छोड़ दिया था. साल 2015 में विराट कोहली से अनुष्का शर्मा के साथ अफेयर के बारे में पूछा गया तो उन्हें ये अच्छा नहीं लगा और उन्होंने पत्रकार को गुस्से में बहुत बुराभला कह दिया, जिसके लिए बाद में उनको पत्रकार से माफ़ी मांगनी पड़ी थी. एक आईपीएल मैच के दौरान विराट कोहली की गौतम गंभीर से कहा सुनी हो गई थी, जो काफी सुर्खियों में रही थी.

विराट कोहली को साल 2012 में ICC ODI प्लेयर ऑफ द इयर अवार्ड से नवाजा गया था, 2013 में अर्जुन अवार्ड और साल 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.

 आपको क्या लगता है क्या विराट कोहली सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों के रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे ? कमेंट में बताएं.

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