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नगर निगम क्या है और जानिए इसके कार्य

Bihari News

एक बाद देश में बड़े ही जोर से कहा जाता है कि अगर गांधी जी और कुछ दिन जिंदा होते तो स्थानिय निकाय की शुरुआत भारत में बहुत पहले हो गई होती. गांधी जी अपने भाषणो में गांव को समृद्ध करने की बात बोलते रहे हैं. हमने देखा है कि ग्रामीण निकाय चुनाव और शहरी निकाय चुनाव को. यह दोनों चुनाव आखिरी व्यक्ति को अपने आस पास के व्यक्ति को चुनने का अधिकार देता है उसे अपना नेता बनाने का अधिकार देता है कि आने वाले दिनों में वह उसके लिए बेहतर योजनाएं बना सके. आज हम इस वीडियो में नगर निगम चुनाव के बारे में जानेंगे. 74वें संविधान संशोधन द्वारा शहरी स्थानीय निकाय को एक संविधानिक दर्जा दिया गया है जिसे नगरपालिका के रूप में जाना जाता है. शहरी स्थानीय निकाय को तीन अलग अलग हिस्सों में बांटा गया है. आज हम इस लेख में नगर निगम क्या है इसके बारे में जानेंगे साथ ही इसका गठन कैसे होता है साथ ही इसकी चुनावी प्रक्रिया क्या है?

नगरपालिका की सबसे ऊपरी कड़ी को नगर निगम कहते हैं. आपको बता दें कि यह शहरी स्थानीय निकाय का एक कानूनी नाम है. अगर किसी शहरी क्षेत्र की जनसंख्या या फिर कहें आबादी 10 लाख अथवा 1 मिलियन से ज्यादा है तो उसे नगर निगम बनाया जा सकता है या फिर उसकी घोषणा की जा सकती है. आपको बता दें कि सभी महानगर या फिर मेट्रो सिटी नगर निगम के तहत ही आते हैं. क्योंकि यहां की जनसंख्या 10 लाख से अधिक है. मुंबई नगर निगम सबसे बड़ी निगम है. संविधान की 9वीं सूची में नगर निगम को शहरी क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया है. साथ ही यह भी बताया गया है कि इसका गठन प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है. इसके सदस्यों का चयन निर्वाचन के द्वारा किया जाता है.

नगर निगम के कार्य

आइए अब जान लेते हैं नगर निगम के कार्य के बारे मेंः- नगर निगम प्रशासन के तौर पर अपने क्षेत्र के नागरिकों को बेहतर और प्रभावी नागरिक सुविधा उपलब्ध करवाती है. साथ ही नगर निगम क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सेवाएं मुहैया करवाई जाती है. हालांकि इसके लिए लोगों को शुल्क देना पड़ता है. आप वह टैक्स हाउस रेंट, वाटर रेंट और सफाई के रूप में देते हैं. निगम के कार्यों में सार्वजनिक सड़कों और नालियों की सफाई करना, कूड़ा का एकत्रीकरण एवं परिवहन, और निस्तारण करना, संक्रमण रोगों की रोकथाम के उपाय,वाणिज्यिक एवं औद्योगिक कार्यो हेतु जलापूर्ति,गैर घरेलू कार्यों हेतु जलापूर्ति,सड़कों का निर्माण तथा उनकी मरम्मत, जल भराव अथवा अन्य कारणो से बने गड्ढों की मरम्मत तथा पैच रिपेयर, निजी सड़कों के निर्माण की स्वीकृति, फुटपाथ का निर्माण, रख रकाव एवं मरम्त, जल निकासी से जुड़ी ही समस्याओं को दूर करना, सार्वजनिक मार्गों में जैसे की सड़क, गलियों और नाले से अतिक्रमण को हटाना, निगम क्षेत्र में पार्क और उद्यानों को विकसित करना, नगर निगम क्षेत्र में पार्किंग स्थलों पर निर्माण करना.

नगर निगम का गठन और चुनाव प्रक्रिया

  • नगर निगम का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करवाया जाता है. इसमें उस क्षेत्र की जनता मतदान करती है
  • नगरपालिका क्षेत्र वार्डों में विभाजित है और प्रत्येक वार्ड से एक प्रतिनिधि को जनता चुनती है
  • वार्डों में जिसे जनता चुनती है उसे वार्ड पार्षद कहा जाता है
  • नगरपालिका चुनाव में मेयर और उपमेयर का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से होता है.
  • नगरनिगम में चुनाव लड़के के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है
  • जो भी व्यक्ति चुनाव लड़ना चाहता है उसकी आयु 21 वर्ष होनी चाहिए
  • साथ ही उसका नाम संबंधि वार्ड में होना चाहिए
  • वह चुनाव के लिए पहले किसी पद पर आयोग्य घोषित न किया गया हो
  • साथ ही वह नगर निगम का कर्मचारी नहीं होना चाहिए

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