बिहार में सड़कों पर सबसे ज्यादा काम हुआ है. प्रदेश में अगर हम सड़कों पर काम की बात कहते हैं तो इसमें बिहार का स्टेश हाइवे के साथ ही नेशनल हाइवे भी जुड़ता है साथ ही साथ ग्रामीण सड़कें जोकि मेन सड़क से जुड़ती है बिहार सरकार ने भी इसपर काम करना शुरू कर दिया है. बिहार में इन दिनों नेशनल हाइवे के साथ ही कई एक्सप्रेस वे पर भी काम चल रहा है. ऐसे में प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत करीब 270 किमी लंबाई में ग्रामीण सड़कों को अगले साल तक बेहतर बनाने को लेकर काम चल रहा है. इसको लेकर तैयारी भ शुरू हो गया है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो बिहार रूरल रोड डवलपमेंट एजेंसी PMGSY की सड़कों के मेंटनेंस के लिए करीब 1239 करोड़ रुपये के लागत की मंजूरी दी है. इसके तहत 25 जिलों में सड़कों की मरम्मत की जायेगी. ऐसे में अब सड़क निर्माण को लेकर एजेंसी का चयन किया जा रहा है. जिससे की सड़कें बेहतर किया जा सके.
सड़कों के निर्माण को लेकर जारी अपडेट के अनुसार यह बताया जा रहा है कि नयी सड़कों के निर्माण और पूरानी सड़कों का मेंटेनेंस का काम शुरू हो गया है. इसके तहत बाढ़ के दौरान जो सड़कें खराब हुई है उसको फिर से मेंटेंनेस किया जा रहा है. इस दौरान सड़क पर बने गड्ढों को भरा जाएगा. उसका मरम्मत किया जाएगा. साथ ही इसको नए तरीके से पिचिंग की जाएगी. बताया जा रहा है कि नई सड़कों का निर्माण कार्य अगले महीने से शुरू हो जाएगा और इसका लक्ष्य साल 2023 में पूरा हो जाएगा.
इसके साथ हीयह भी बताया जा रहा है कि नयी सड़कों के निर्माण के दौरान इसकी चौड़ाई अब 3.75 मीटर से बढ़ा कर उसे 5 मीटर कर दी जाएगी. इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है उसमें यह बताया जा रहा है कि आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र में भी काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. मिली जानकारी के अनुसार यह बताया जा रहा है कि तीसरे चरण में 6162.50 किमी लंबाई की सड़कें बनाई जाएगी. इन सड़कों का चौड़ीकरण 2025 तक किया जाएगा. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की तहत प्रदेश के लगभग जिलों में सड़कों का निर्माण किया जाना है.
इसमें से करीब 2172 किमी लंबाई में करीब 280 सड़कों का निर्माण 1 हजार 603 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि DPR बन चुकी है. साथ ही इसका निर्माण भी शुरू करने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में से 60 फीसदी केंद्र सरकार की तरफ से तो वहीं 40 फिसदी राज्य सरकार की तरफ से देनी होगी. ऐसे में यह उम्मीद की जा रही है