बिहार ग्रामीण इलाकों में बिजली पहुंचाने के मामले में भले अग्रणी रहा हो लेकिन बिजली की बढती कीमत ने लोगो की कमर तोड़ दी है. ऐसे में क्या आप भी महंगे बिजली दर से हैं परेशान. और आप भी महंगे बिजली बिल के भुगतान से पाना चाहते हैं छुटकारा तो ये खबर आपके लिए है जी हाँ बिहार में पहले से ही बिजली की दरें महंगी हैं बावजूद इसके बिजली कम्पनियां बिहार में बिजली बिल बढ़ाने की योजना बना रही हैं. ऐसे में आम जनता क्या करे? उसके लिए भी हमारे पास एक उपाय है. उससे पहले बता दें की बिहार में साल दर साल बिजली की खपत दर में बढ़ोत्तरी हो रही है. पिछले 6 साल में बिहार में बिजली खपत का आंकड़ा दुगने से भी अधिक हो गया है. साल 2014-15 की बात करें तो इस समय बिहार में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत 203 किलोवाट घंटा थी यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 350 किलोवाट से अधिक हो गयी है. राज्य में फिलहाल 6500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की मांग है जबकि बिहार के बिजली पॉवर स्टेशन खुद 6000 मेगावाट बिजली आपूर्ति कर रही है. हालाँकि राज्य सरकार कोशिश में है कि जल्द से जल्द इसकी आपूर्ति की जाए. बिजली चोरी राज्य की एक बड़ी समस्या है जिसकी वजह से बिजली दरों में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में बिहार सरकार ने अपने एक बेहतरीन प्लान के साथ राज्य में सौर्य उर्जा को बढ़ावा दे रही है. जिससे लोग बिजली बिल की बोझ से बच सकते हैं.
जी हाँ आपको बता दें कि अगर आप हजारों के बिजली भुगतान से बचना चाहते हैं तो आपके पास एक सुनहरा मौका है आप अपने घर के छत पर सौर ऊर्जा सिस्टम लगा सकते हैं. यही नहीं यह सिस्टम जेनरेट करने के बाद आप सरकार को बिजली बेच भी सकते हैं. दरअसल बात बस इतनी है की बिहार की दक्षिण व उत्तर बिहार बिजली कंपनी अपने–अपने क्षेत्र में 10-10 मेगावाट बिजली का लक्ष्य लेकर चल रही है. जिसकी आपूर्ति सौर्य उर्जा सिस्टम से करनी है. इस सम्बन्ध में अधिकारीयों का कहना है कि लोग अपने घर की छतों पर लगाए गए सौर्य उर्जा सिस्टम से बिजली उत्पादन करें. जितनी बिजली तैयार होगी, वह प्रति यूनिट के हिसाब से उपभोक्ता के खुद के बिजली बिल से घटा दी जाएगी. अगर उपभोक्ता अपनी इस्तेमाल से अधिक यूनिट सौर ऊर्जा सिस्टम से तैयार करते हैं तो उस हिसाब से उतनी राशि उपभोक्ता के खाते में चली जाएगी. ऊर्जा सिस्टम लगाने वाली कंपनी एक तय अवधि तक पूरे सिस्टम का रख रखाव भी करेगी. इसके लिए उपभोक्ता को सौर ऊर्जा सिस्टम के लिए विनियामक आयोग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. नेट मीटरिंग के माध्यम से यह पूरा सिस्टम संचालित होगा. अपनी छत पर सौर ऊर्जा सिस्टम लगाने वाले उपभोक्ताओं के घर एक मीटर लग जाएगा. उस मीटर में यह दर्ज होता रहेगा कि उनके सिस्टम के माध्यम से कितनी बिजली बनी.
आपको बताते चलें कि बिजली कंपनी इसके लिए फिर से आवेदनलेगी. नए आवेदन लिए जाने की प्रक्रिया पुन: आरंभ होगी. यह योजना जल जीवन हरियाली योजना के तहत संचालित की जा रही है. इसके तहत लगभग ढाई हजार सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा सिस्टम को लगाया जा चुका है जहाँ से 20-20 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है. अब इस योजना का उद्देश्य निजी घरों की छतों पर सौर्य उर्जा सिस्टम स्थापित कर 10-10 मेगा वाट बिजली उत्पादन का है. अगर आपको भी बिजली बिल का बोझ कम करना है तो आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.