बिहार से जब झारखंड का बंटवारा हुआ तो यही कहा गया है कि बिहार में क्या है? आलू लालू और बालू. लेकिन पिछले कुछ साल से देखें तो बिहार के साथ ही देश की मीडिया में इन दिनों एक खबर खुब चल रहा है जिसमें इस बात का जिक्र किया जा रहा है कि बिहार में प्राकृतिक संसाधान की कमी नहीं हैं. हालांकि प्राकृतिक संसाधनों को निकालने के लिए कंपनियों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में अब कहा जाने लगा है कि बिहार में प्राकृतिक संसाधन है और वह कहावत अब झुठलाने भी लगा है जिसमें आलू बालू और लालू का जिक्र किया जाता था. बिहार में पिछले दिनों सोने की खान और पेट्रोलियम पदार्थ के साथ ही अब टाइल्स क्ले मिलने की बात कही जा रही है.

बता दें कि बिहार के जमुई जिले में देश की सबसे बड़ी सोने की खदान होने की बात कही जा रही है. तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में पेट्रोलियम भंडारन का भी जिक्र किया जा रहा है. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो समस्तीपुर जिले के 308 किलोमीटर और बक्सर के 52.13 वर्ग क्षेत्र मे पेट्रोलियम पदार्थ मिलने की बात कही जा रही है. अब बिहार सरकार ने भी इन स्थलों पर खुदाई के लिए स्वीकृति दे दी है. केंद्रीय गृह राज मंत्री नित्यानंद राय ने समस्तीपुर में तेल भंडारण होने का दावा किया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा जा रहा है कि आप समझ सकते हैं कि समस्तीपुर के साथ साथ बिहार में क्या हो सकता है. साथ ही बक्सर में भी इस तरह के पदार्थ मिलने की बात कही जा रही है.

अब इधर बिहार के भागलपुर जिले के पीरपैंती में उच्च गुणवत्ता का टाइल्स क्ले मिला है. इससे उच्च गुणवत्ता का टाइल्स बनेगा. इसको लेकर खान एवं भूतत्व विभाग टाइल्स इंडस्ट्री बनाने पर जोर दे रहा है. इंडस्ट्री स्थापित करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग उद्योग विभाग से संपर्क साध रहा है ताकि जितनी जल्दी हो सके टाइल्स यूनिट को स्थापित किया जा सके. कहा तो यह भी जा रहा है कि अगर उद्योग विभाग से इसमें ज्यादा मदद नहीं मिलेगी तो खान एवं भूतत्व विभाग खुद से इसमें काम करेगा. खुद ही अपने स्तर पर यूनिट लगा देगा. बिहार सरकार इस योजना पर काम कर रहा है कि भागलपुर के इस इलाके के मिट्टी से कैसे टाइल्स बनाया जाए. कहा जा रहा है कि बिहार में उद्योग लग जाने के बाद से प्रदेश के खजाने में एक बड़ी राशि आएगी जिससे कि प्रदेश की आर्थिक स्थित में सुधार होगा. साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि लोगों को इससे रोजगार भी मिलने वाला है. हालांकि सोने के भंडार और पेट्रोलियम पदार्थों के खनन से भी प्रदेश का राजस्व बढ़ेगा तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को रोजगार भी मिलेगा.

साथ ही यह भी कहा जा रहा कि टाइल्स के निर्माण शुरू हो जाने से प्रदेश में टाइल्स के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर भी नहीं रहना होगा. बताया तो यह भी जा रहा है कि पीरपैंति में कोयला का भंडार हैं. यहां का कोयला ग्रेड-12 कोटि का है. और इसका कई जगहों परइस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि इस इलाके में 230 मिलियन टन कोयले का भंडार है. जोकि मात्र 90 मीटर के बेस पर है. पीरपैंती में एक तरफ जहां कोयले कि गुणवत्ता सबसे उच्च है तो वहीं दूसरी तरफ टेक्सटाइल की भी गुणवत्ता सबसे उच्च हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि अगर उद्योग विभाग इस क्षेत्र में रोजगार को लेकर इंडस्ट्री बनाना चाहता है तो ठीक नहीं तो फिर खान एवं भूतत्व विभाग इस क्षेत्र में कार्य करेगा.

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