बिहार की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के महागठबंधन को टक्कर देने के लिए भारतीय जनता पार्टी बड़ा सियासी दांव खेलने जा रही है।
बिहार से दो नेताओं को जल्द ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनाकर महागठबंधन के सामने चुनौती पेश करने की तैयारी में भारतीय जनता पार्टी जुट गई है। आपके मन में भी यह सवाल जरुर पैदा हो रहा होगा कि आखिर वो कौन दो चेहरे हैं, जिनके भरोसे बिहार में भाजपा अपनी नैया पार करना चाहती है….
भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस बात को भली भांति समझता है कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यूनाइटेड, कांग्रेस और वामदलों के गठबंधन के व्यूह को भेदना आसान नहीं है। फिर भी राजनीति में कभी अवकाश नहीं होता और राजनीति में कभी हार मानकर बैठना नहीं होता…. अपने विरोधियों को चित करने के लिए यहां पर लगातार दांव पर दांव चले जाते हैं।
अब दो चेहरों को आगे कर भाजपा नीतीश तेजस्वी की जोड़ी के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में दो दो हाथ करने की तैयारी में है। भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी बिहार को लेकर चिंतित है।
नीतीश कुमार के महागठबंधन के खेमे में जाने के बाद भाजपा में निराशा भी है, घबराहट भी है और बेचैनी भी क्योंकि बिहार में एक बड़ा तबका ऐसा है जो नीतीश कुमार में विकास पुरुष और सुशासन बाबू की छवि देखता है और इस तबके में सभी जाति धर्म के लोग हैं और नीतीश बाबू चाहे जिस गठबंधन के साथ रहें…यह तबका नीतीश कुमार के साथ रहता है, नीतीश कुमार को वोट और सपोर्ट दोनों करता है।
उधर तेजस्वी यादव के पास एक बड़ा, मजबूत और समर्पित वोट बैंक है, जिसकी काट आजतक कोई भी पार्टी नहीं खोज पाई है। ऐसे में भाजपा को ऐसे चेहरों की तलाश थी जो आने वाले लोकसभा चुनाव में इस महागठबंधन को चुनौती दे सके….
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जल्द ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होने वाला है। हालांकि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के इस कार्यकाल का सिर्फ एक साल ही शेष बचा है फिर भी इस एक साल में बीजेपी मंत्रिमंडल विस्तार करना चाहती है और कई नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना पर काम कर रही है।
इनमें जो नाम बिहार से है वो चिराग पासवान और सुशील कुमार मोदी का है। चिराग पासवान बिहार के पासवान समाज में बेहद लोकप्रिय हैं। चिराग पासवान के पास भी एक मजबूत और समर्पित वोट बैंक है। चिराग पासवान जल्द ही नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते हुए दिखाई दे सकते हैं।
अब सवाल यह खड़ा होता है कि अगर चिराग पासवान केंद्र सरकार में मंत्री बन जाते हैं तो उनके कट्टर विरोधी और चाचा पशुपति कुमार पारस का क्या होगा ! जिस तरह से एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकते हैं, वैसे ही चिराग और पशुपति कुमार पारस एक सरकार में साथ मंत्री नहीं रह सकते हैं…. संभावना है कि पारस को मोदी सरकार में मंत्रिमंडल से हाथ धोना पड़ सकता है…. पारस की छुट्टी हो सकती है और चिराग पासवान की एंट्री हो सकती है…..
वहीं दूसरा नाम है सुशील कुमार मोदी का… सुशील कुमार मोदी फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं। कई बार ऐसे मौके आएं जब लगा कि सुशील कुमार मोदी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है लेकिन ऐन वक्त पर उनका नाम कट जाता रहा लेकिन इस बार सुशील कुमार मोदी का मंत्री बनना तय माना जा रहा है क्योंकि बिहार बीजेपी में आज भी सुशील कुमार मोदी का कोई विकल्प नहीं है।
ये अलग बात है कि बिहार बीजेपी के कई बड़े छोटे नेता सुशील मोदी का विरोध करते हैं लेकिन जमीनी पकड़ के मामले में सुशील मोदी का कोई जोड़ नहीं है।
सुशील कुमार मोदी को बिहार बीजेपी का इकलौता ऐसा नेता माना जा सकता है जिसकी पकड़ गांव गांव तक है। वो प्रखंड स्तर तक के नेताओं और कार्यकर्ताओं को नाम से जानते हैं…. ऐसे में सुशील कुमार मोदी का अब केंद्र सरकार में मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है….
वैसे लंबे समय तक बिहार के डिप्टी सीएम की कुर्सी पर रहने की वजह से सुशील मोदी के विरोधी भी बहुत हैं। सुशील मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाले तो उसमें विरोधी कमेंट्स की बाढ़ रहती है…. पर भाजपा नेतृत्व अब सुशील कुमार मोदी पर मेहरबान है….
अब चिराग और सुशील मोदी के मंत्री बनने से भारतीय जनता पार्टी को फायदा कितना होगा और वो महागठबंधन को कितना टक्कर दे पाएगी… ये जानना और देखना बड़ा दिलचस्प होगा क्योंकि 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब मोदी लहर आसमान पर था तब भी बिहार में भाजपा के साथ रामविलास पासवान की लोजपा उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी सभी साथ थें….. इसके बावजूद भाजपा महागठबंधन के आगे बुरी तरह पराजित हुई और पासवान कुशवाहा और मांझी को खाता खोलने में पसीने छूट गए थें….