वैसे तो हम सब हर साल 1 जनवरी को नया साल मनाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है की हमारे देश में वित्तीय वर्ष का कार्यकाल एक साल का होता है और यह वित्तीय वर्ष हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होता है. आने वाले कुछ हीं दिनों में मार्च का यह महिना खत्म होगा और नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होगी. लेकिन वित्तीय वर्ष के खत्म होने से पहले हर लोगों के लिए यह जरुरी है की वे कुछ वित्तीय कार्यों का निपटारा कर लें. यदि आप अपने बचे वित्तीय कार्यों का निपटारा नहीं करते हैं तो आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. तो आइये आज हम आपको बताते हैं की वे कौन–कौन से जरुरी काम हैं जो आने वाले 31 मार्च से पहले आपको निपटा लेने चाहिए.
- एडवांस टैक्स भरने का वक्त
तो चलिए सबसे पहले हम अपने इस चर्चा में जानते हैं एडवांस टैक्स भरने के बारे में. 15%, 30%, 30% और 25% के हिसाब से साल के हर तिमाही में इन चार किस्तों में इस एडवांस टैक्स को जमा किया जाता है. बता दें की इस एडवांस टैक्स को 15 मार्च तक जमा करना होता है. यदि किसी कारणवश आपने 15 मार्च तक यह टैक्स जमा नहीं किया है तो किसी भी हाल में आप इस टैक्स को 31 मार्च से पहले जमा करना ना भूलें. यदि आप टैक्स जमा नहीं करते हैं तो जो भी बकाया रकम है उससे ज्यादा का इंटरेस्ट आपको देना पड़ सकता है. मालूम हो की यह किसी बिजनेसमैन या प्रोफेशनल लोगों के लिए होता है. यदि सैलरी पाने वालों को इंटरेस्ट, रेन्ट यानी किराया, कैपिटल गेंस या फिर डिविडेंड से भी किसी प्रकार की आमदनी होती है तो उन्हें भी एडवांस टैक्स का भुगतान करना पड़ता है. साथ हीं साथ उन लोगों को भी हर तिमाही टैक्स को जमा करना पड़ता है जो लोग खुद का काम करते हैं. ऐसे लोगों को टैक्स का भुगतान अपनी सालाना आमदनी का अनुमान लगाकर कर एडवांस टैक्स देना पड़ता है. लेकिन वैसे स्थिति में टैक्स जमा करने की जरूरत नहीं पड़ती जब इस आमदनी से कुल टैक्स 10,000 रुपये से भी कम बन रहा हो. साथ हीं साथ वैसे लोग जो पेंशन उठाते हैं उन्हें भी यह टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ती.
- सुकन्या समृद्धि और PPF, NPS योजना को करें एक्टिव
यदि इन्वेस्ट करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड यानी PPF या फिर नेशनल पेंशन सिस्टम जैसे योजनाओं के एकाउंट्स आपने खोल रखें हैं तो अपने इन अकाउंट में आप मिनिमम बैलेंस को जरुर रखें. यदि आप अपने इन योजनाओं वाले अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं तो आपके अकाउंट बंद हो जायेंगे. यदि आप इन बंद अकाउंट को खुलवाने जायेंगे तो आपका समय तो बर्बाद होगा हीं साथ हीं साथ आपको फाइन भी भरना पड़ेगा. इसलिए वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले आप अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस जरुर रखें. बता दें की मिनिमम कॉन्ट्रिब्यूशन PPF के लिए 500 रुपये हैं. इस पर इंटरेस्ट रेट का ऐलान सरकार हर तीन महीने में करती है. इसलिए यदि आपने अपने अकाउंट इन योजनाओं के तहत खोल लिए हैं और 500 रुपये का इन्वेस्टमेंट आप नहीं करते हैं तो यह डिसकंटिन्यू होने के साथ हीं 50 रुपये तक की पेनल्टी भी लगाईं जाएगी. ठीक ऐसे हीं सुकन्या समृद्धि योजना में यदि अकाउंट है तो यहाँ हर साल 250 रुपये और NPS में कम से कम 1000 रुपये आपको हर साल अकाउंट एक्टिव रखने के लिए करने पड़ेंगे. बता दें की कोई भी पिता अपने 10 साल से कम उम्र के बेटी के लिए यह अकाउंट खुलवा सकता है और कम से कम उन्हें यहाँ बेटी के 15 साल होने तक इन्वेस्टमेंट करना होता है.
- इनकम टैक्स का हिसाब
आइये अब हम आपको बताते हैं इनकम टैक्स हिसाब के बारे में. यदि 5 लाख रुपये से भी अधिक आपकी सालाना इनकम है तो आपको अपने टैक्स की प्लानिंग करनी चाहिए. बता दें की आप अपनी टैक्सेबल इनकम पर 1.5 लाख का डिडक्शन इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80 C के तहत लें सकते हैं. वहीँ अधिकतम डिडक्शन नहीं लेने पर 46 हजार रुपये एडिशनल टैक्स देने पड़ते हैं यदि किसी के कुल आय पर 30% की दर से टैक्स और 4% सेस लगता है. इसलिए आप इनकम टैक्स में फायदा पुराने टैक्स सिस्टम के मुताबिक पा सकते हैं. इनकम टैक्स में फायदा पाने के लिए आप लाइफ इंश्योरेंस, टैक्स सेविंग बैंक डिपोजिट, PPF, ELSS और NSC जैसे विकल्प की तरफ भी देख सकते हैं. बता दें की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से भी कुछ टैक्स बचाए जा सकते हैं. बता दें की टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट का इससे अच्छा मौका और कुछ नहीं हो सकता. यदि आप अभी इन्वेस्ट करते हैं तो टैक्स फ्री इन्वेस्टमेंट होगा. यदि आप अगले साल इन्वेस्ट करते हैं तो वह अगले साल के financial year से शुरू होगा.
- ELSS म्यूच्यूअल फण्ड
आइये अब बात करते हैं ELSS म्यूच्यूअल फण्ड यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम की. यह म्यूच्यूअल फण्ड टैक्स सेविंग होते हैं. इक्विटी का मतलब शेयर बाज़ार होता है. इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं की शेयर बाज़ार में हम अपना पैसा सीधे नहीं लगा कर म्यूच्यूअल फण्ड में लगाते हैं. जब हम अपने अपने इस म्यूच्यूअल फण्ड में पैसे लगाते हैं यह हमारे फंड्स का अधिकांश भाग शेयर बाज़ार में लगाती है. यहाँ इन्वेस्ट करना फायदेमंद तो हो सकता है लेकिन शेयर बाज़ार से लिंक्ड होने के कारण मार्केट के चढ़ने या गिरने से यह प्रभावित हो सकता है. बता दें की तीन साल से पहले इस म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट किये गये पैसे नहीं निकाले जा सकते हैं.
- सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम
आइये अब हम बात करते हैं सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम की. इस स्कीम में केवल वरिष्ट नागरिक द्वारा हीं इन्वेस्ट कर के पैसे बचाए जा सकते हैं. इसमें भी सरकार द्वारा हर तिमाही पर ब्याज दर का ऐलान किया जाता है. बता दें की पांच साल का इसका लॉक इन पीरियड होता है लेकिन आपका अकाउंट इससे पहले भी बंद किया जा सकता है. अकाउंट बंद होने के बाद आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है. इस स्कीम के तहत कम से कम 1000 रुपये और अधिक से अधिक 15 लाख तक की राशी जमा करवाई जा सकती है. जानकारी के लिए बता दें की इस बार यानी 2023 के बजट में इसके लिमिट को 15 लाख से बढ़ा कर 30 लाख रुपया तक कर दिया गया है, जिसका फायदा अगले वित्त वर्ष में लिया जा सकता है. अब अंतिम में बताते चलें की इस स्कीम से मिलने वाले ब्याज में आपको टैक्स भी देना पड़ेगा.
- टैक्स सेविंग FD
वर्त्तमान फाइनेंसियल इयर में अगर कोई पांच साल के लिए टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपोजिट करना चाहे तो ऐसा कर के वह इनकम टैक्स बचा सकता है. बता दें की पोस्ट ऑफिस या फिर बैंक से FDकरवा सकते हैं. मालूम हो की FD करने पर आप तब तक पैसे नहीं निकाल सकते जब तक इसके पांच साल के टर्म पूरे ना हो जाएँ. लिहाजा जो FD पांच साल से कम का है उस पर टैक्स भी नहीं बचेंगे. हर बैंक का अपना इंटरेस्ट रेट होता है. वहीँ यदि आपने FD पोस्ट बैंक में करवा रखी है तो सरकार के तरफ से इसका इंटरेस्ट रेट ऐलान किया जाता है. लेकिन पोस्ट ऑफिस में आप जो FD करवाएंगे उससे मिलने वाले इंटरेस्ट पर आपको टैक्स देना पड़ेगा. यहाँ अधिकतम कितने रुपये आपको इन्वेस्ट करने हैं इसकी कोई सीमा तो नहीं है लेकिन न्यूनतम आपको 500 रुपये तक निवेश करने होंगे. लेकिन बताते चलें की पोस्ट ऑफिस में 1.5 लाख रुपये तक हीं टैक्स का फायदा आप ले सकते हैं.