वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 3 बार हैट्रिक लेने वाला इकलौता गेंदबाज
टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 विकेट लेने वाला पहला गेंदबाज
इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों प्रारूपों (टेस्ट, वनडे और टी20) में 100 विकेट चटकाने वाला पहला गेंदबाज
वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 3 हैट्रिक लेने वाला एकमात्र गेंदबाज
वर्ल्ड कप में 2 बार हैट्रिक लेने वाला इकलौता गेंदबाज, आईपीएल में सबसे अधिक विकेट लेने वाला गेंदबाज
श्रीलंका, भारत से सटा एक छोटा सा देश, जिसने विश्व क्रिकेट को एक से बढ़कर एक क्रिकेटर दिए फिर चाहे वो बल्लेबाज हों या फिर गेंदबाज. श्रीलंका के लोग भी भारत की ही तरह क्रिकेट को बेपनाह प्यार करते हैं. आज भले ही श्रीलंकन क्रिकेट टीम अपने फैंस के उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं लेकिन एक समय था जब विश्व क्रिकेट में श्रीलंका की तूती बोलती थी. ये वो दौर था जब आपको ICC इवेंट्स जीतने के लिए श्रीलंका से पार पाना होता था, उसी दौर के एक जबरदस्त खिलाड़ी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
बात होगी श्रीलंका के एक महान गेंदबाज के बारे में, जिसे योर्कर किंग का तमगा मिला है. अपने डेडली योर्कर से इस गेंदबाज ने बड़े–बड़े बल्लेबाजों के मंसूबों को तोड़ा है. अब तो आप समझ ही गए होंगे हम किसकी बात कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं श्रीलंकाई क्रिकेट के सर्वकालिक महान तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा के बारे में. इस लेख में हम लसिथ मलिंगा के जीवन से जुड़ी कुछ जानी अनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.
लसिथ मलिंगा, यह नाम एक समय बल्लेबाजों के कदम डगमगा देता था. इंटरनेशनल क्रिकेट में 5 बार हैट्रिक लेने वाले लसिथ मलिंगा अपने डेब्यू के बाद से लगातार कामयाबी पाने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में से एक रहे हैं. सचिन, सहवाग और वाटसन जैसे धुरंधरों को 6 बार अपना शिकार बना चुके लसिथ मलिंगा अपनी कप्तानी में श्रीलंका को साल 2014 में टी20 वर्ल्ड कप जितवा चुके हैं.
विश्व क्रिकेट के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में शुमार लसिथ मलिंगा का जन्म 28 अगस्त 1983 को श्रीलंका के गाले में हुआ था. उनके पिता का नाम सेपरमाडू मिल्टन और मां का नाम स्वर्णा थेनुवारा है. मलिंगा के पिता सेपरमाडू पेशे से एक बस मैकेनिक थे. मलिंगा का बचपन बेहद कठिन हालातों में अपने गांव रथगामा में बीता, यहीं पर उनकी शुरुआती शिक्षा भी हुई और यहीं पर उन्हें क्रिकेट का चस्का भी लगा.
पिता के काम पर जाने के बाद मलिंगा पने दोस्तों के साथ अपने घर के पास स्थित समुद्री बीच पर क्रिकेट खेलने निकल आते थे और इसी समुद्री बीच पर एक योर्कर किंग बनने की असली शुरुआत हुई थी. दरअसल, समुद्री रेत पर टेनिस बॉल टप्पा नहीं खाती थी इसलिए मलिंगा लगातार अपनी आदत में योर्कर गेंद फेंकना शुमार करते गए. इसका असर भी दिखने लगा, जब महज 11 साल की उम्र में अपने स्लिंग बॉलिंग एक्शन और टो–क्रशर योर्कर से मलिंगा अपने से दोगुने उम्र के बल्लेबाजों को आउट कर दिया करते थे. लसिथ मलिंगा अब स्थानीय स्तरों पर अपने हुनर का सिक्का जमा चुके थे.
इसी बीच स्कूली क्रिकेट के दौरान पूर्व श्रीलंकाई तेज गेंदबाज चम्पक रामनायके की नजर मलिंगा पर पड़ी, वो मलिंगा की घातक गेंदबाजी और विलक्ष्ण प्रतिभा से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने तब मलिंगा को गाले क्रिकेट क्लब में भर्ती कर लिया.
रामनायके ने मलिंगा के स्लिंग बॉलिंग एक्शन को राउंड आर्म एक्शन में बदलने की भरसक कोशिश की लेकिन राउंड आर्म एक्शन में मलिंगा को उतनी कामयाबी नहीं मिली, जिसके बाद मलिंगा अपने स्लिंग बॉलिंग एक्शन को ही और बेहतर बनाने में जुट गए. मलिंगा की मेहनत उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट आंकड़ों के रूप में उभरकर सामने आई. 83 फर्स्ट क्लास मुकाबलों में मलिंगा ने 257 विकेट चटकाए, इस दौरान हर तीस गेंद पर विकेट लेने का अनूठा औसत भी मलिंगा के नाम दर्ज था.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट के दौरान मलिंगा की कहर बरपाती गेंदों से बड़े–बड़े दिग्गज खौफ खाते थे. कईयों ने तो नेट्स में मलिंगा को फेस करने से ही मना कर दिया था. पूर्व श्रीलंकाई कप्तान अरविन्द डिसिल्वा भी नेट्स में मलिंगा को खेलना पसंद नहीं करते थे, वजह थी शरीर को घायल कर देने वाली मलिंगा की गेंदें.
घरेलु क्रिकेट में अपनी आग उगलती गेंदों का डंका बजाने वाले लसिथ मलिंगा ने आखिरकार 1 जुलाई, 2004 को अपना टेस्ट इंटरनेशनल डेब्यू किया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हीं की जमीन पर अपने करियर का पहला अंतराष्ट्रीय टेस्ट खेल रहे लसिथ मलिंगा ने हैरंतगेज प्रदर्शन किया. अपने डेब्यू मैच में ही मलिंगा ने 6 विकेट झटक लिए थे. ऑस्ट्रेलिया के बड़े–बड़े दिग्गजों को आउट करने वाले लसिथ मलिंगा रातों–रात श्रीलंकन और ऑस्ट्रेलियाई अखबारों के फ्रंट पेज का चेहरा बन गए थे. आलम ये था कि ऑस्ट्रेलिया के कई दिग्गजों ने श्रीलंकन ड्रेसिंग रूम जाकर मलिंगा की पीठ थपथपाई थी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करने का इनाम मलिंगा को मिला और उन्हें 2004 एशिया कप खेलने वाली श्रीलंका की वनडे टीम में चुना गया. और इसी के साथ मलिंगा ने टेस्ट के बाद अब अपना वनडे इंटरनेशनल डेब्यू भी कर लिया. UAE के खिलाफ खेले गए उस मुकाबले में वनडे डेब्यू कर रहे मलिंगा ने 39 रन देकर कप्तान खुर्रम का विकेट लिया था. लेकिन ये तो एक नए युग की शुरुआत थी, मलिंगा युग की. अपने वनडे डेब्यू के बाद मलिंगा एक के बाद नई उपलब्धियों को हासिल करते रहे. 2007 वर्ल्ड कप, श्रीलंका बनाम साउथ अफ्रीका, मलिंगा ने लगातार 4 गेंदों पर 4 विकेट चटकाए थे और यहीं से उन्हें अंतराष्ट्रीय क्रिकेट का योर्कर किंग कहा जाने लगा. फिर 2011 वर्ल्ड कप में केन्या के खिलाफ ग्रुप स्टेज के एक मैच में मलिंगा ने अपने करियर की दूसरी हैट्रिक ली. और इस तरह लसिथ मलिंगा वर्ल्ड कप मैचों में 2 बार हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए.
इसके बाद 2011 के ही अगस्त महीने में लसिथ मलिंगा ने एक बार फिर हैट्रिक ले लिया, इस बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ. और इस तरह लसिथ मलिंगा वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में 3 हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए.
अपने अजूबे बॉलिंग एक्शन और खतरनाक मिश्रण के चलते लसिथ मलिंगा विश्व क्रिकेट में एक के बाद एक नए आंकड़े अपने नाम करते चले गए. लसिथ मलिंगा ने 30 टेस्ट मैचों में 101 विकेट चटकाए जबकि 226 वनडे इंटरनेशनल मैचों में मलिंगा के नाम 338 विकेट दर्ज हैं. इसके अलावा टी20 अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में लसिथ मलिंगा ने 20 की औसत से 136 विकेट चटकाए हैं. टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में मलिंगा के नाम सबसे पहले 100 विकेट हासिल करने के साथ–साथ दो–दो हैट्रिक अपने नाम करने का रिकॉर्ड दर्ज है. 2019 वर्ल्ड कप में मलिंगा उम्रदराज होने के बावजूद टूर्नामेंट में श्रीलंका के लीडिंग विकेट टेकर रहे थे. 26 जुलाई, 2019 को मलिंगा ने आर प्रेमदासा स्टेडियम में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था, अपने आखिरी वनडे मैच में मलिंगा ने बांग्लादेश के 3 बड़े विकेट चटकाए थे. लसिथ मलिंगा फ्रेंचाइजी क्रिकेट में भी टीमों के महत्वपूर्ण सदस्य रहे. वो ऑस्ट्रेलिया की बिग–बैश लीग, श्रीलंकन प्रीमियर लीग, पाकिस्तान प्रीमियर लीग और इंडियन प्रीमियर लीग जैसे लीग्स में खेलते हुए नजर आए. विशेषकर इंडियन प्रीमियर लीग यानी IPL की बात करें तो लसिथ मलिंगा ने मुंबई इंडियन्स के लिए कुल 122 मैचों में कुल 170 विकेट चटकाए. मलिंगा आईपीएल के अभी तक के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं.
20 जनवरी, 2021 को मलिंगा ने टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. 2018 आईपीएल सीजन में मलिंगा मुंबई इंडियन्स के कोचिंग यूनिट का हिस्सा रहे थे वर्तमान में वह राजस्थान रॉयल्स टीम के गेंदबाजी कोच हैं.
स्लिंगिंग एक्शन के चलते विस्डन ने मलिंगा को ‘स्लिंगा मलिंगा‘ के उपनाम से अलंकृत किया. सर विव रिचर्ड्स ने 2007 के क्रिकेट विश्व कप के दौरान लसिथ मलिंगा की प्रभावशाली गेंदबाजी की प्रशंसा की, जो कि कैरेबियन में आयोजित किया गया था, यह कहते हुए कि लसिथ मलिंगा अरविंद डी सिल्वा के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट में सबसे अच्छी चीज है.
बात निजी जीवन की करें तो लसिथ मलिंगा ने 2010 में अपने बचपन की मित्र तान्या परेरा से शादी रचाई थी, जिनसे उनके 2 बच्चे भी हैं. 14 दिसंबर, 2021 को लसिथ मलिंगा ने अपने पूर्ण संन्यास का ऐलान कर दिया था लेकिन अपने अनूठे एक्शन और जादुई गेंदों के चलते वो हमेशा हमारे जहन में रहेंगे. सिर्फ श्रीलंका के ही नहीं मलिंगा विश्व क्रिकेट के एक सर्वकालिक महान गेंदबाज हैं. चक दे क्रिकेट की पूरी टीम लसिथ मलिंगा के उज्जवल भविष्य की कामना करती है. आप मलिंगा की घातक गेंदबाजी को लेकर क्या कहना चाहेंगे ?