जीवन हो या क्रिकेट, संतुलन बेहद महत्वपूर्ण होता है. जैसे रथ के दो पहिये होते हैं, वैसे ही क्रिकेट में तब मजा आता है जब गेंद और बल्ले के बीच में कांटे की टक्कर हो. एक वो दौर था जब बल्लेबाजों को 1-1 रन बनाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. तब क्रिकेट में लंबी बाउंड्री, पतले बल्ले और चुनौतीपूर्ण पिच होते थे जिससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना उतना आसान नहीं होता था, जितना आज हो गया है. अब क्रिकेट पूरी तरह से बदल गया है और कई इसे बल्लेबाजों का ही खेल मानते हैं लेकिन ऐसे दौर पर एक युवा तेज गेंदबाज ऐसा भी है, जो न केवल नई गेंद से पावरप्ले में बल्कि डेथ ओवरों में पुरानी गेंद से भी कमाल करता है. नई गेंद से यह गेंदबाज अपनी लहराती गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करता है और डेथ ओवरों में जब गेंद पुरानी हो जाती है अपनी विविधताओं और सटीक लाइन लेंथ वाली गेंदों से बल्लेबाजों को बांध देता है. वैसे तो अभी तक इस गेंदबाज ने ज्यादा इंटरनेशनल मुकाबले नहीं खेले हैं लेकिन जितना खेले हैं, उसी में पता चल गया कि यह भारत का चमकता हुआ सितारा है.
इस गेंदबाज के पास ज्यादा गति भी नहीं है लेकिन अपनी विविधता से इस गेंदबाज ने बल्लेबाजों के लिए चुनौती पेश की है. गेंदों में कमाल का मिश्रण कर यह गेंदबाज बल्लेअब्जों को चकमा देने में माहिर है. उनकी गेंदों पर बाउंड्री लगाना बल्लेबाजों के लिए सबसे कठिन काम होता है.
यही वजह है कि यह गेंदबाज कप्तान का भरोसेमंद बन गया है और टीम का अभिन्न अंग. यह गेंदबाज और कोई नहीं बल्कि अर्शदीप सिंह है. बाएं हाथ के अर्शदीप सिंह, जिसने अपनी शानदार गेंदबाजी से कई बल्लेबाजों के हौंसले पस्त किए हैं अब तैयार हैं टी20 विश्व कप में धमाल मचाने को.
अर्शदीप सिंह का जन्म 5 फरवरी, 1999 में मध्य प्रदेश के गुना में हुआ है. उनके पिता दर्शन सिंह CISF में इंस्पेक्टर थे. अर्शदीप को बचपन से ही क्रिकेट से बेहद लगाव था. वो पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम को अपना आदर्श मानते हैं और भारत के इरफान पठान को देखते–देखते बड़े हुए.
जब इरफान पठान ने साल 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ हैट्रिक लिया था, तभी अर्शदीप ने तेज गेंदबाज बनने की ठान ली थी. उस वक्त वो पंजाब के खरड़ में रहते थे. अर्शदीप ने अपनी शिक्षा गुरु नानक पब्लिक स्कूल, चंडीगढ़ से पूरी की. 13 साल की उम्र से वो क्रिकेट खेलते थे, उस वक्त वो अपनी स्कूल की टीम से खेलते थे.
अर्शदीप तभी से अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को चकमा देने में माहिर थे अब बस उन्हें जरुरत थी एक गुरु की, जो सही से उनका मार्गदर्शन कर सके. वो कहावत है ना कि असली हीरे की परख सिर्फ असली जोहरी ही कर सकता है. जब 2015 में अर्शदीप कोच जसवंत राए के पास पहुंचे तो पहली ही बार में कोच ने अर्शदीप रूपी हीरे की पहचान कर ली. अर्शदीप की विविधताएं और प्रतिभा का आकलन कर कोच समझ गए कि यह लड़का लंबे रेस का घोड़ा है.
लेकिन 1 ओवर में 6 अलग–अलग प्रकार की गेंद डालने के चक्कर में वो कई बार दिशा से भी भटक जाते थे. कोच ने इसी पर काम किया और सबसे पहले उनकी लाइन–लेंथ को दुरुस्त किया. कई घंटों की कड़ी मेहनत और लगन के बाद अर्शदीप में वो सुधार भी दिखा. फिर आया साल 2018, जब अर्शदीप सिंह ने अंडर-23 सीके नायडू टूर्नामेंट में पंजाब की तरफ से खेलते हुए मात्र 6 मैचों में 27 विकेट ले लिए और अखबारों की सुर्खियों में आ गए.
लेकिन इसके बाद का समय अर्शदीप के लिए संघर्ष भरा रहा. पिता उनसे नाराज थे लेकिन अर्शदीप ने उनसे 1 वर्ष का समय मांगा और इस एक वर्ष में अर्शदीप ने पूरी जान लगा दी. ये उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही फल था कि उनका चयन 2018 में भारत की अंडर-19 विश्व कप कप टीम में हो गया, जिसमें भारत ने जीत दर्ज की थी.
हालांकि अर्शदीप को उस टूर्नामेंट में ज्यादा मौके नहीं मिले लेकिन इससे उनके आगे का मार्ग प्रसस्त हुआ. उसी साल सितंबर में आयोजित 2018-19 विजय हजारे ट्रॉफी में पंजाब की तरफ से अर्शदीप ने अपना लिस्ट–ए डेब्यू किया. इसके बाद अर्शदीप ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. घरेलु क्रिकेट में निरंतर बढ़िया प्रदर्शन करने के बाद IPL में उनको पंजाब की टीम ने खरीद लिया. अपने पहले आईपीएल मैच में अर्शदीप ने 2 विकेट तो लिए लेकिन 4 ओवरों में 43 रन लुटा दिए. 2019 आईपीएल में उनको केवल 3 मुकाबले खेलने का ही मौका मिला, जिसमें उन्होंने 3 विकेट चटकाए.
इसके बाद दिसंबर में उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा और पंजाब की तरफ से रणजी ट्रॉफी खेलने का मौका मिला. लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते सब कुछ रुक गया. तब आईपीएल भी भारत से दुबई शिफ्ट हो गया, जिसमें अर्शदीप ने 8 मुकाबलों में 9 विकेट लिए.
इसी दौरान सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मैच में 126 रनों के छोटे से लक्ष्य को डिफेंड करते हुए अर्शदीप सिंह ने पंजाब की जीत की कहानी लिखी. अर्शदीप ने बेहद किफायती गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए थे. अर्शदीप ने उस मैच में अपने कोटे के 4 ओवरों में सिर्फ 12 रन दिए थे. इसके बाद आईपीएल 2021 में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में अर्शदीप ने 5 विकेट ले लिए, जिसमें एविन लुईस और लिविंगस्टोन के विकेट शामिल थे. आईपीएल में 5 विकेट हॉल पूरा करने वाले वो तीसरे सबसे कम उम्र वाले खिलाड़ी बने. फिर श्रीलंका दौरे पर उनको बतौर नेट गेंदबाज के रूप में शामिल किया गया. लेकिन शायद अभी उनके इंटरनेशनल डेब्यू का समय नहीं आया था. इसी बीच आईपीएल फिर से शुरू हुआ और अर्शदीप ने बचे हुए मैचों में अपनी उम्दा गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया. इसके बाद आया साल 2022, जब आईपीएल में मेगा ऑक्शन हुआ. पंजाब की टीम ने अपने सभी खिलाड़ी जिसमें केएल राहुल और क्रिस गेल भी शामिल थे सबको रिलीज़ कर दिया. टीम ने सिर्फ 2 खिलाड़ियों को रखा, जिसमें से एक अर्शदीप थे. दूसरे खिलाड़ी थे मयंक अग्रवाल, जो कप्तान बने. इस वर्ष अर्शदीप और भी ज्यादा निखरकर के आए. उन्होंने 14 मैचों में 7 की इकॉनोमी से 10 विकेट लिए. अपनी कसावट भरी गेंदबाजी के चलते उन्होंने टीम इंडिया का भी दरवाजा खटखटा दिया और आख़िरकार वो दिन आ ही गया जब अर्शदीप सिंह ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया.
7 जुलाई, 2022 को इंग्लैंड के खिलाफ अर्शदीप ने अपना टी20 अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया. अर्शदीप इसके बाद नहीं रुके, इंग्लैंड दौरे पर शानदार प्रदर्शन करने के बाद वेस्टइंडीज दौरे पर कमाल ही कर दिया. पूरे सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज बने. अर्शदीप की खास बात ये थी कि वो सिर्फ विकेट ही नहीं लेते थे बल्कि रन भी नहीं देते थे. यही कारण है कि आज उनका चयन वर्ल्ड कप टीम में हुआ है. 16 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में खेली जाने वाली टी20 विश्व कप 2022 के लिए अर्शदीप का चयन भारतीय टीम में हुआ है. और अब ऑस्ट्रेलिया में अर्शदीप अपनी गेंदों से विश्व भर के खूंखार बल्लेबाजों को चकमा देंगे. आपको क्या लगता है दोस्तों क्या अर्शदीप ऐसा करने में सफल हो पाएंगे ? कमेंट में बताएं.