बनना चाहते थे मेकेनिकल इंजिनियर, आज होती है दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में गिनती

जिसने अपने टेस्ट डेब्यू पर हासिल किया था फाइव विकेट हॉल, अगले मैच में भी किया वही कारनामा और बना दिया रिकॉर्ड

टेस्ट क्रिकेट में लाल और गुलाबी गेंद से डेब्यू करते हुए पांच विकेट लेने वाले दुनिया के पहले स्पिन गेंदबाज

टी20 क्रिकेट में पहला अर्धशतक बनाते हुए उच्चतम स्ट्राइक रेट रखने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज

प्रिंसिपल ने बदल दिया नाम, लोग कहते हैं नाडियाड का जयसूर्या

दोस्तों, आज भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी अपना जलवा बिखेर रहे हैं, जिन्हें कुछ समय पहले तक शायद कोई जानता तक नहीं था. लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना कोई आसान काम नहीं है और उससे भी कठिन काम है मिले मौकों को भुनाना. कभीकभी किसी खिलाड़ी को मौका भी मिलता है लेकिन वो उस मौके का फायदा नहीं उठा पाते और गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं, ऐसे कई उदाहरण हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी उदाहरण हैं, जहां खिलाड़ी को मौके मिले और उसने प्रदर्शन किया और आज टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बने हुए हैं.

इस लेख में बात होगी एक ऐसे भारतीय खिलाड़ी की, जिसे कुछ समय पहले तक कोई जानता भी नहीं था लेकिन अपने प्रदर्शन से आज यह खिलाड़ी टीम इंडिया का अहम सदस्य बना हुआ है. दोस्तों, आज जिस खिलाड़ी की बात होगी, वो क्रिकेट के तीनों विधाओं में निपुन है यानी बैटिंग, बोलिंग और फील्डिंग और यही कारण है कि टीम का महत्वपूर्ण सदस्य है. हाल के दिनों में इस खिलाड़ी ने अपने बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन की गजब छाप छोड़ी है. आज के अंक में बात होगी उस खिलाड़ी की, जिसे दुनिया अक्सर पटेल के नाम से जानती है. हालांकि इनका असली नाम है अक्षर पटेल लेकिन वो अपना नाम अक्सर पटेल लिखते हैं, इसके पीछे भी बड़ी दिलचस्प कहानी है, सब कुछ बताएंगे इस लेख में. इस लेख में हम टीम इंडिया के ऑलराउंडर अक्सर पटेल के जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

अक्सर पटेल का जन्म 20 जनवरी, 1994 को गुजरात के नाडियाद में एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. उनकी मां का नाम प्रीतिबेन पटेल और पिता का नाम राजेश पटेल है. दोस्तों, अक्सर पटेल की कहानी अन्य क्रिकेटरों से काफी अलग है. कोई भी क्रिकेटर के जीवनी को देखिए आप पाएंगे कि उनमें बचपन से ही क्रिकेट का जुनून रहता है लेकिन अक्सर की कहानी में उल्टा है. अक्सर की दिलचस्पी पढ़ाईलिखाई करने में थी और वो एक मेकेनिकल इंजिनियर बनना चाहते थे. अक्सर के पिता राजेश पटेल चाहते थे कि उनका बेटा आगे चलकर एक क्रिकेटर बने और इसलिए उन्होंने अक्सर का दाखिला क्रिकेट अकैडमी में भी करवाया लेकिन अक्सर नेट्स बंक करके दोस्तों के साथ मटरगश्ती करने निकल जाते थे. लेकिन अक्सर की किस्मत में तो क्रिकेटर बनना ही लिखा था, जिसका उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था.

जब अक्सर पटेल 9वीं क्लास में थे, उनके फ्रेंड धीरेन कंसारा ने इंटरस्कूल टूर्नामेंट इमं ग्यारह खिलाड़ी नहीं होने पर उन्हें अपने साथ टीम में जोड़ लिया. और यहीं से अक्सर पटेल की जिंदगी बदलने वाली थी. ये पहला मौका था जब अक्सर को क्रिकेट प्रोफेशनल लेवल पर खेलते हुए मजा आ रहा था. लेकिन अक्सर पढ़ाई में अच्छे थे और उनका मन आगे पढने का था. लेकिन जैसेजैसे अक्सर बड़े हो रहे थे, उन्हें अपने पिता के मन की बात समझ आने लगी. उन्हें एहसास हुआ कि पिता क्या चाहते हैं, एक मिडिल क्लास परिवार से होने के बावजूद पिता उनको क्रिकेटर बनाने के लिए क्याक्या कुर्बानियां दे रहे हैं. बस फिर क्या था, पिता के सपने को अक्सर ने भी अपना सपना बना लिया और निकल पड़े क्रिकेटर बनने की राह पर.

गुजरात के छोटे से शहर से इंटरनेशनल क्रिकेट तक का सफर भी अक्सर के क्रिकेट से जुड़ने की तरह किसी फ़िल्मी कहानी से कम नहीं है. साल 2010 में जब उनका चयन गुजरात की अंडर-19 टीम में हुआ, उसके बाद ही दीपावली की छुट्टी के दौरान उनका एक एक्सीडेंट हो गया, जिसमें उनके पैर में काफी चोट आई. इस चोट की वजह से उन्हें पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा. इस दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब अक्सर पटेल ने क्रिकेट छोड़ने का भी मन बना लिया था लेकिन तब अक्सर का हौंसला उनकी दादी ने बढ़ाया. दादी की इच्छा थी कि वह उन्हें टीवी पर खेलता हुआ देखे. अक्सर ने हिम्मत बांधी और चोट से उबरे.

एक स्लो लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स बॉलर, जो निचले क्रम में आकर बड़ेबड़े हिट लगा सके, ऐसी खूबी वाले खिलाड़ी आसानी से मिलते नहीं थे और इसलिए अक्सर के लिए एज ग्रुप क्रिकेट में जगह बनाना आसान हो गया. इसके अलावा अक्सर ने बेहतरीन प्रदर्शन करके भी दिखाया था. 2014 में वो अंडर-19 प्लेयर ऑफ द इयर बने थे तो 2013 में 7 विकेटों के साथ टीम इंडिया की अंडर-23 ACC इमर्जिंग टीम कप की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. वहीं अपने टैलेंट के दम पर वो 2012 में गुजरात के लिए रणजी डेब्यू कर चुके थे, जहां अपने दूसरे ही मैच में दिल्ली जैसी बड़ी टीम के खिलाफ सिर्फ 55 रन देकर 6 विकेट लेकर यादगार प्रदर्शन किया था. इसके बाद अगले रणजी सीजन में अक्सर ने 46 की एवरेज से 369 रन और 29 विकेट चटकाकर सनसनी मचाई थी. अक्सर के दमदार ऑलराउंड प्रदर्शन ने आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियन्स का ध्यान खींचा और 2013 आईपीएल सीजन में उन्हें खरीद लिया. हालांकि इस सीजन अक्सर को एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला था. लेकिन मुंबई के डगआउट में अक्सर को प्रेशर हैंडल करने का माहौल मिला, जिसे अक्सर ने अगले आईपीएल सीजन में किंग्स 11 पंजाब के लिए खेलते हुए इस्तेमाल किया.

2014 आईपीएल सीजन में अक्सर ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कुल 17 विकेट चटकाए थे और इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द सीजन बन गए. 20 साल के अक्सर पटेल को अब हर कोई जानने लगा था, क्रिकेट के गलियारों में अक्सर पटेल के नाम की चर्चा थी और नेशनल सेलेक्टर्स के कान में भी अक्सर का नाम गया. वो सेलेक्टर्स के रडार में थे लेकिन उस दौरान भारत की राष्ट्रीय टीम में रवीन्द्र जडेजा, स्टुअर्ट बिनी, सुरेश रैना और अक्सर के आइडल युवराज सिंह जैसे बड़े खिलाड़ी अपनी जगह के लिए लड़ रहे थे. ऐसे में खुद अक्सर भी अपने इंटरनेशनल डेब्यू की उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. उन्हें वेस्टइंडीज के विरुद्ध आखिरी 2 वनडे मैचों के लिए भारतीय स्क्वाड में चुन लिया गया. अक्सर को इस बात की खबर नहीं थी, वो तो रोहतक में दलीप ट्रॉफी मैच की तैयारी में लगे थे. जब अक्सर के दोस्तों ने भारतीय टीम में उनके चयन की बात बताई तो अक्सर उसे मजाक समझ रहे थे. हालांकि अक्सर का इंटरनेशनल डेब्यू वेस्टइंडीज के विरुद्ध नहीं बल्कि 15 जून, 2014 को बांग्लादेश के सामने हुआ. उस क्षण को याद करते हुए अक्सर एक इंटरव्यू में कहते हैं,मैं उस दिन बहुत खुश था मगर दादी को भी मिस कर रहा था क्योंकि वो मुझे इंडियन जर्सी में देखना चाहती थी, वो मुझे टीवी पर खेलते हुए देखना चाहती थी.”

ये शायद दादी की दुआओं और आशीर्वाद का ही असर था कि अक्सर को बड़े करिश्माई अंदाज में 2015 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड में जगह मिल गई. हालांकि अक्सर को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. लेकिन इस दौरान अक्सर को बहुत कुछ सीखने को मिला और इसका फायदा उनको जिम्बाब्वे के विरुद्ध टी20 सीरीज में मिला, जहां अपने टी20आई डेब्यू पर 3 विकेट लेकर वो मैन ऑफ द मैचबने थे. इसके बाद सेलेक्टर्स ने अक्सर पर भरोसा जताना शुरू किया और अब अक्सर को टीम इंडिया में अक्सर देखा जाने लगा.

लेकिन अभी तो अक्सर के नसीब में इंतजार लिखा था क्योंकि रवीन्द्र जडेजा का गोल्डन एरा शुरू हो गया था. क्या वाइट बॉल और क्या रेड बॉल, देश हो या विदेश, इंटरनेशनल क्रिकेट हो या फिर डोमेस्टिक क्रिकेट, जडेजा अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से छाए थे. ऐसे में अक्सर पटेल को भला कौन पूछता. सबने इस बात को मानना शुरू कर दिया था कि जडेजा के रहते अक्सर को मौका मिलना असंभव है और लग रहा था अक्सर गुमनामी के अंधेरे में खो जाएंगे. लेकिन अक्सर ने हार नहीं मानी, जब भी मौके मिले अक्सर ने खुद को साबित किया. आईपीएल और डोमेस्टिक क्रिकेट में अक्सर अपने प्रदर्शन की चमक बिखेर रहे थे और वो दिन भी आया जब अक्सर को 3 साल के लंबे इंतजार के बाद वापस टीम इंडिया में चुना गया. 2021 के शुरुआत में इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई थी, तब जडेजा टीम के लिए उपलब्ध नहीं थे. चयनकर्ताओं ने अक्सर को टीम में शामिल किया और अक्सर ने भी अपने प्रदर्शन से सनसनी मचा दी. उन्होंने 3 मैचों में कुल 27 विकेट चटकाए थे.

13 फरवरी, 2021 को अक्सर पटेल ने अपना टेस्ट अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया था और अपने डेब्यू मैच में ही अक्सर ने दूसरी पारी में 5 विकेट चटका लिए. उनका पहला टेस्ट इंटरनेशनल विकेट इंग्लैंड के कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज जो रूट थे. इसके बाद दूसरे टेस्ट में, जो कि उनके घरेलु मैदान में ही खेला गया था, अक्सर पटेल ने विकेटों का छक्का जड़ दिया. अक्सर पटेल करियर के शुरूआती दो टेस्ट मैच में लगातार दो बार पांच विकेट हासिल करने वाले तीसरे भारतीय बन गए हैं. उनसे पहले मोहम्मद निसार और नरेंद्र हिरवानी ने ये कारनामा किया था. इसके अलावा अक्सर पटेल टेस्ट क्रिकेट में लाल और गुलाबी गेंद से डेब्यू करते हुए पांच विकेट लेने वाले दुनिया के पहले स्पिन गेंदबाज बन गए हैं. इसके बाद अक्सर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार उम्दा प्रदर्शन करते चले गए.

सितंबर, 2021 में अक्सर पटेल को ICC टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के स्क्वाड में शामिल किया गया. 25 जुलाई, 2022 को अक्सर पटेल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने वनडे इंटरनेशनल करियर का पहला अर्धशतक ठोक दिया. उस मुकाबले में उन्होंने 35 गेंदों पर 64 रनों की तूफानी पारी खेली थी और विनिंग सिक्स लगाया था. फिर 5 जनवरी, 2023 को अक्सर पटेल ने श्रीलंका के विरुद्ध अपने टी20 अंतराष्ट्रीय करियर का पहला अर्धशतक लगाया. इस मैच में अक्सर ने 31 गेंदों पर 65 रन बनाए थे, जिसमें 6 छक्के और 3 चौके शामिल थे. अक्सर पटेल ने मुकाबले में श्रीलंका के बेस्ट स्पिनर वनिंदु हसरंगा को हैट्रिक छक्का लगाया था. अक्सर ने इस तूफानी पारी से ना सिर्फ सबके होश उड़ा दिए बल्कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना दिया. वह टी20 क्रिकेट में पहला अर्धशतक बनाते हुए उच्चतम स्ट्राइक रेट रखने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए.

ये अक्सर के कभी हार ना मानने वाली स्पिरिट का ही नतीजा है कि एक समय क्रिकेट छोड़ने वाले अक्सर पटेल जडेजा की परछाई में दबने वाले अक्सर, आज दुनिया के बेस्ट बॉलिंगऑलराउंडर के तौर पर गिने जाते हैं.

अक्सर पटेल ने अबतक भारत के लिए 8 टेस्ट मैचों में 47 विकेट और 249 रन बनाए हैं. 49 वनडे मैचों में अक्सर ने 56 विकेट और 381 रन बनाए हैं. वहीं अक्सर ने भारत के लिए 40 टी20 मैचों में 37 विकेट और 288 रन बनाए हैं. फर्स्ट क्लास में अक्सर के नाम 48 मैचों में 182 विकेट और 1914 रन दर्ज हैं. अक्सर पटेल ने 144 लिस्ट ए मैचों में 180 विकेट लेने के अलावा 2236 रन बनाए हैं.

अक्सर पटेल के निजी जीवन की बात करें तो उन्होंने 26 जनवरी, 2023 को गुजरात के वडोदरा में मेहा पटेल से शादी रचाई थी. अब आपको अक्सर के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं से रूबरू करवाते हैं. अक्सर पटेल के दिए एक इंटरव्यू के मुताबिक उनके क्रिकेट खेलने को पिता का समर्थन था लेकिन उनकी मां ऐसा नहीं चाहती थी. मां को डर था , कि कहीं उनके बेटे को चोट ना लग जाए.

आज अक्सर पटेल का परिवार बेहद खुश है लेकिन दो साल पहले एक हादसे ने सबकुछ हिला कर रख दिया था. अक्सर के पिता अपने कुछ दोस्तों के साथ बाहर गए हुए थे , जहां एक दुर्घटना में उनके सर का बायां हिस्सा बुरी तरह टूट गया था. वो किसी तरह चार महीने के इलाज के बाद उस स्थिति से बाहर निकले. इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में अक्सर पटेल के पिता ने बताया कि उन कठिन क्षणों में कम उम्र के अक्षर ने बेहद संयम से काम लिया और उसी के सहारे वो उस हादसे से उबरने में सफल रहे. अक्सर ने अपने पिता के इलाज में किसी चीज की कमी नहीं होने दी और जरुरत पड़ने पर उनको विदेश भी ले जाने को तैयार थे.

अक्षर से अक्सर कैसे बने ?

अक्सर पटेल जब स्कूल में थे, तब उनके प्रिंसिपल ने सर्टिफिकेट पर अक्षर को अक्सर लिख दिया था. अक्सर ने इस नाम को ना बदलने का फैसला किया और तब से उनका यही नाम लिखा जाने लगा. हालांकि अपने इन्स्टाग्राम अकाउंट पर अपना नाम अक्सर ने अक्षर पटेल ही लिखा है.

नाडियाड के जयसूर्या

अक्सर पटेल को नाडियाद का जयसूर्या कहा जाता था, ये निकनेम उनको श्रीलंका के महान पूर्व ऑलराउंडर सनथ जयसूर्या के नाम पर दिया गया था. बचपन से क्रिकेट के मैदान पर उनकी फिरकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी के अंदाज को देखकर उनको जयसूर्या बुलाया जाने लगा. चेन्नई टेस्ट में भी इसकी झलक देखी गई जब विकेटकीपर ऋषभ पंत उनको इसी नाम से पुकारते नजर आए. स्टंप माइक के जरिए पंत को ऐसा कहते सुना गया.

चक दे क्रिकेट की पूरी टीम ऑलराउंडर अक्सर पटेल के उज्जवल भविष्य की कामना करती है.

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