वैसे लोग जो भोजपुर में मकान रजिस्ट्री कराने के साथ-साथ मकानों की खरीद बिक्री करने वाले के लिए एक राहत भरी खबर है. बता दे कि जमीन रजिस्ट्री या मकानों की खरीद के पहले होने वाली अनिवार्य जांच पर मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के द्वारा पहले के नियम में संसोधन करते हुए समाप्त कर दी गयी हैं. अब नए नियम के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति जमीन और मकानों की खरीद बिक्री करता है तो उसके पहले जांच करवाना अनिवार्य नही रहेगा. विभाग के द्वारा इस नियम को इसलिए हटाया गया क्योंकि इस नियम के कारण जिले समेत बिहार के कई स्थानों पर जमीन और मकान की खरीद पर अनावश्यक विलम्ब होने के साथ जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इसके अलावा कई बार ऐसे मौके आते थे की लोगों को पदाधिकारियों और कर्मचारियों को चढ़ावा भी चढ़ाना पड़ता था. कई बार इस तरह की शिकायतों को राज्य मुख्यालय तक पहुंचाया गया था.

बता दे कि बीते दिन गुरुवार को बिहार के सभी जिला निबंधक, जिला अवर निबंधक को मद्य निषेध एवं निबंधन विभाग के निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी के द्वारा इस मामले को लेकर पत्र लिखा गया हैं. इस पत्र में महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी के द्वारा यह स्पष्ट कहा गया है कि पहले से चली आ रही परंपरा जमीन और मकान की रजिस्ट्री के पहले जांच अनिवार्य को खत्म किया जाता हैं. अब जब इस नियम में बदलाव कर दिया गया है तो, अब जमीन रजिस्ट्री के बाद सहायक महानिरीक्षक जिले के अवर निबंधन कार्यालय, जिसमे जगदीशपुर और पिरो आता है का निरीक्षण और कागजातों की जांच रैंडमली की जाएगी. इसका निरीक्षण जिला निबंधक और उनके साथ सह डीएम जिला अवर निबंधक यानी की आरा रजिस्ट्री कार्यालय का करेंगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस नियम के हटने से भोजपुर जिले में जमीन और मकान की खरीद बिक्री करने वाले दर्जनों लोगों को इस अनावश्यक जांच से छुटकारा मिलेगा. इसके अलावा भी इस नियम के हटने से एक तरफ जहां रजिस्ट्री के कार्यों में तेजी आएगी वहीं दूसरी ओर सरकार को भी इससे अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी. फिलहाल भोजपुर जिलें में अभी तीनों आरा, जगदीशपुर और पिरो निम्बंधन कार्यालय को मिलाकर 125 से 150 कागजातों का निबंधन रोजाना होता है. इससे लगभग सरकार को रोजाना आठ कारोड़ राजस्व की प्राप्ति होती हैं.

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