बिहार में मानसून इन दिनों एक्टिव है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश जैसे हालात हैं. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आसमान में बादल छाए हुए हैं और बारिश जैसे हालात हैं. पिछले दो दिनों से राजधानी पटना के साथ ही प्रदेश के ज्यादातर जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई है. जिसके बाद से तापमान में गिरवाट देखी गई है. लंबे समय से लोग गर्मी और उमस से परेशान थे उससे लोगों को राहत मिली है. और घरों के AC बंद हो गए हैं. इस बारिश से किसानों को लाभ मिला है. इधर किसानों का कहना है कि यह बारिश कुछ दिन और पहले हो गई होती तो उनकी धान की फसलें बर्वाद होने से बच जाती.

इधर मौसम के जानकारों का कहना है कि मानसून ट्रफ लाइन रेखा जैसलमेर, कोट, मध्यप्रदेश होते हुए निम्न दवाब का क्षेत्र सिद्धि अंबिकापुर, जमशेदपुर, दीघा होते हुए उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी की तरफ गुजर रही है. इस मौसम सिस्टम के कारण बिहार में बारिश हो रही है. और आगे भी बारिश होने की संभावना जताई गई है. बता दें कि इस दौरान प्रदेश में दक्षिण पूर्व हवा का प्रवाह 12 से 15 किमी प्रतिघंटा चलने की बात कही गई है. साथ ही प्रदेश में आने वाले दो दिनों तक मेघ गर्जन और वज्रपात होने की संभावना जताई गई है.

विभाग की तरफ से जारी अपडेट में यह बताया गया है कि 15 सिंतबर को पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, मजफ्फरपुर और दरभंगा जिले में एक से दो स्थानों पर बारिश होने की संभावना जताई गई है. साथ ही विभाग की तरफ से यह भी बताया गया है कि उत्तरपश्चिम, उत्तरमध्य और दक्षिण के जिलों में एक से दो स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई है. 16 सितंबर को लेकर जारी अपडेट में यह बताया गया है कि पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, शिवहर, मधुबनी, मजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल, अररिया, और किशनगंज जिलों में एक से दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. साथ ही यह भी बताया गया है कि प्रदेश के उत्तरपश्चिम, उत्तर मध्य, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण मध्य के सभी जिलों में बारिश होने की संभावना जताई गई है. साथ ही यह भी बताया गया है कि इस दौरान वज्रपात होने की भी संभावना है. वज्रपात और बारिश को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. इधर आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की तरफसे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि इस दौरान हो सके तो पक्के मकान में रहे. इस दौरान खुले में न रहे. साथ ही बारिश के दौरान पेड़े के नीचे या फिर किसी बिजली के खंभों के आसापास खड़ा न रहे.

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