बिहार में इन दिनों कई नेताओं को वाई प्लस की सुरक्षा प्रदान की गई है. बता दें कि पिछले दिनों नई नई राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन करने वाले उपेंद्र कुशवाहा को भी वाई सुरक्षा मुहैया कराई गई है. बता दें कि कुशवाहा ने जदयू से नाता तोड़कर अपनी एक अलग पार्टी की स्थापना की और कुछ दिनों के बाद बिहार कि यात्रा पर निकल गए. मीडिया में चल रही खबरों की माने तो बीजेपी इन दिनों महागठबंधन तो तोड़ने की कोशिश कर रही है साथ ही बिहार एनडीए में अपने कुनवे को बड़ा करना चाहती है. बता दें कि बिहार में बीजेपी से नीतीश कुमार के अलग होने के बाद से बीजेपी अपने आप को बहुत मजबूत नहीं समझ रही है ऐसे में वह अपने विरोधी नेताओं को अपनी ओर साधना चाह रही है ताकि बिहार में महागठबंधन से मजबूती के साथ लड़ा जा सके.

मीडिया में चल रही खबरों की माने तो यह बताया जा रहा है कि IB की रिपोर्ट के आधार पर वाई प्लस की सुरक्षा बिहार में नेताओं को प्रदान की जा रही है. इसी कड़ी में उपेंद्र कुशवाहा को यह सुरक्षा मुहैया करवाई गई है. बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी नई पार्टी के गठन के बाद पूरे प्रदेश में विरासत बचाओं नमन यात्रा पर निकले हुए हैं. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि बिहार में पिछले दिनों को घटना को ध्यान में रखते हुए कुशवाहा को यह सुरक्षा मुहैया करवाई गई है. बता दें कि कुशवाहा अपनी यात्राओं में नीतीश पर हमला कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया था. नीतीश ने कहा था कि अगला 2025 बिहार विधानसभा चुनाव राजद नेता के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. वास्तव में, JDU नेतृत्व के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा के विद्रोह का यही असली कारण बताया जा रहा है.

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा विपक्षी खेमे से तीसरे व्यक्ति हैं जिन्हें केंद्र से सुरक्षा प्रदान की गई है. पिछले महीने, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में BJP के पूर्व सहयोगी VIP प्रमुख मुकेश साहनी को ‘वाई’ प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी, जनवरी में लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी. चिराग ने मोकामा, गोपालगंज और कुढ़नी विधानसभा उपचुनावों में BJP उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था.  जिसमें बिहार एनडीए को काफी फायदा हुआ था.

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