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अपने खेल से टीम को कई बार मुश्किलों से निकाला, जब खुद मुश्किलों में फसा तो सब हो गए खिलाफ

Bihari News

टीम को मुश्किलों से निकालने वाला महान ऑलराउंडर कैसे हो गया पाईपाई को मोहताज ?

अपने खेल से टीम को कई बार मुश्किलों से निकाला, जब खुद मुश्किलों में फसा तो सब हो गए खिलाफ

न्यूजीलैंड का महान ऑलराउंडर कैसे हो गया ख़ाक छानने को है मजबूर ?

अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से जिसने टीम को जिताए कई मुकाबले, आज लड़ रहा है जिंदगी और मौत से

फिक्सिंग का लगा आरोप, खुद को न्याय दिलाने में हो गए बर्बाद, बसों और ट्रकों को साफ करने के लिए हुए मजबूर

बहन के लिए किया था 1000 किलोमीटर का पैदल मार्च

इंसान का भाग्य का सिक्का कब पलट जाए कोई नहीं जानता और ये बात भी सच है कि इस दुनिया में कोई किसी का सगा नहीं होता. मतलब इंसान को इंसान और यही मतलब इंसान को हैवान बना देता है. फिर बात चाहे आम लोगों की हो या फिर बड़े लोगों की, सबपर यह लागू होता है. क्रिकेट की दुनिया भी बड़ी जालिम होती है दोस्तों. मैदान पर अपने देश के लिए जी जान लगाकर मुश्किलों से निकालने वाले को जब असल जिंदगी में मदद की जरुरत पड़ी तो सबने हाथ खड़े कर दिए.

इस लेख में हम बात करेंगे एक ऐसे महान खिलाड़ी की, जिसने अपने देश के लिए कई बार शानदार प्रदर्शन कर टीम को मुश्किलों से निकाला, मुकाबले जितवाए लेकिन आज यही खिलाड़ी गरीबी और गुमनामी की जिंदगी जीने को मजबूर है. एक वक्त करोड़ों लोग जिस खिलाड़ी के चौकोंछक्कों पर ताली बजाते थे, आज कोई इनके पास नहीं है. आज यह खिलाड़ी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. आज बात होगी महान क्रिकेटर क्रिस केरन्स की. इस लेख में हम न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर क्रिस केरन्स के जीवन से जुड़ी कुछ जानीअनजानी और अनकही बातों को जानने की कोशिश करेंगे.

दोस्तों, क्रिस केरन्स का जन्म 13 जून, 1970 को न्यूजीलैंड के पीक्टन शहर में हुआ था. क्रिस केरन्स के पिता लांस केरन्स भी न्यूजीलैंड के लिए खेल चुके हैं और देश के जानेमाने क्रिकेटर रह चुके हैं. लांस न्यूजीलैंड के लिए 43 टेस्ट और 78 वनडे खेल चुके हैं. क्रिस की मां स्यू क्रेन्स एक हाउसवाइफ थी. क्रिस केरन्स ने अपनी स्कूलिंग क्राइस्टचर्च बॉयज हाईस्कूल से पूरी की थी.

एक क्रिकेटर के घर पैदा होने के कारण क्रिस को बचपन से ही खेल के प्रति आकर्षण था. क्रिस के पिता उन्हें क्रिकेटर बनाना चाहते थे लेकिन उनकी दिलचस्पी रग्बी में अधिक थी. ये रग्बी के लिए उनका प्यार ही था कि हाईस्कूल के बाद वो न्यूजीलैंड की अंडर-17 रग्बी टीम में आ गए लेकिन फिर पिता की बात मानते हुए उन्होंने रग्बी छोड़ दिया और अपने पिता के सपने को सच करने में जुट गए. क्रिस केरन्स ने अपने देश के महानतम क्रिकेटर रिचर्ड हेडली को देखकर क्रिकेट खेलना और सीखना शुरू किया था और उन्हीं की तरह एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे. क्रिस की मेहनत रंग लाइ और 1988 यूथ क्रिकेट वर्ल्ड कप जिसे अब अंडर-19 वर्ल्ड कप के नाम से जाना जाता है इसके लिए न्यूजीलैंड की टीम में चुन लिया गया. इस वर्ल्ड कप के दौरान क्रिस जिस कमरे में थे उसमें शेन थोमसन, ली जर्मन और एंडी कैडिक भी उनके साथ थे, यही नहीं टूर्नामेंट में ब्रायन लारा, इंजमाम उल हक और नासिर हुसैन जैसे धुरंधर भी खेल रहे थे. इसी साल यानी 1988 में क्रिस केरन्स ने इंग्लैंड की डोमेस्टिक टीम नॉटिंघमशायर की तरफ से खेलते हुए अपने फर्स्ट क्लास करियर की भी शुरुआत की थी. इसके एक साल बाद क्रिस को अपने देश की तरफ से भी फर्स्ट क्लास खेलने का मौका मिला जहां उन्होंने डोमेस्टिक टीम नदर्न डिस्ट्रिक्ट टीम का प्रतिनिधित्व किया. क्रिस ने इस दौरान अपने बेहतरीन ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम को कई मुकाबले जितवाए. 19 वर्षीय क्रिस ने इस दौरान अपने फर्स्ट क्लास करियर का पहला शतक भी लगाया. शानदार फर्स्ट क्लास परफॉरमेंस के बाद क्रिस के लिए न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय टीम के भी दरवाजे भी खुल गए और उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया.

24 नवंबर, 1989 ये वो दिन था जब क्रिस केरन्स ने अपना पहला टेस्ट अंतराष्ट्रीय मुकाबला खेला था. लेकिन अपने डेब्यू मैच में क्रिस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. क्रिस अपने डेब्यू मैच की पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में सिर्फ 28 रन बनाकर आउट हुए और वो एक विकेट भी लेने में सफल नहीं हो पाए थे. इसके अलावा अपने डेब्यू मैच में ही क्रिस को पीठ की इंजरी हो गई, जिसने पूरे क्रिकेट करियर में उनका दामन नहीं छोड़ा.

इसके बाद लगभग 1 साल तक वो क्रिकेट से दूर रहे, 1991 में क्रिस ने मैदान पर वापसी की और उन्हें पहली बार न्यूजीलैंड की वनडे टीम से खेलने का मौका मिला.

13 फरवरी, 1991 को इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दूसरे मैच में क्रिस केरन्स ने अपना वनडे अंतराष्ट्रीय डेब्यू किया था. अपने पहले वनडे मैच में क्रिस बल्ले से तो कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे लेकिन गेंद से उम्दा प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 2 विकेट चटकाए थे. क्रिस की सधी हुई गेंदबाजी के चलते कीवी टीम ने 196 रनों को डिफेंड करते हुए 9 रन से मैच जीता था. इसके बाद करियर के अपने दूसरे वनडे मुकाबले में क्रिस ने 4 विकेट झटके और न्यूजीलैंड को सीरीज जिताने में अहम भूमिका निभाई थी. क्रिस को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए अपने दूसरे वनडे में ही प्लेयर ऑफ द मैचअवार्ड से सम्मानित किया गया था.

वनडे क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन को देखते हुए क्रिस को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के चौथे मैच में खेलने का मौका मिला, जहां क्रिस केरन्स ने टेस्ट क्रिकेट में शानदार वापसी करते हुए कुल 9 विकेट चटकाए थे. क्रिस का करियर अब अपने परवान पर था लेकिन तभी उनके जिंदगी में एक हादसा हो गया, जिससे वह बुरी तरह टूट गए. दरअसल, 1993 में रोलेस्टोन नाम के कसबे में एक रेल हादसे हुआ, जिसमें उनकी बहन का निधन हो गया था. क्रिस केरन्स इस घटना के बाद पूरी तरह बिखर गए थे लेकिन साल 1996 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 10 चौकों और 9 छक्कों की मदद से अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ दिया. क्रिस केरन्स न्यूजीलैंड की टीम के जरुरत बन गए थे, जहां वो अपनी टीम को एक के बाद एक मैच जितवा रहे थे.

1999 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान एक मुकाबले में क्रिस केरन्स ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन की अमिट छाप छोड़ी थी, जब उन्होंने बल्ले से 72 रन बनाए थे और 27 रन देकर 7 बल्लेबाजों को आउट किया था. यह क्रिस के अबतक के टेस्ट करियर का सबसे बेस्ट परफॉरमेंस था. क्रिस केरन्स ताबरतोड़ बल्लेबाजी में यकीन रखते थे और उनकी यही शैली किसी भी परिस्थिति से उबरकर अपनी टीम को जीत दिलाने में सक्षम बनाती थी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण मिला था साल 2000 में हुई ICC नॉकआउट ट्रॉफी में, जहां न्यूजीलैंड की टीम का सामना सौरव गांगुली समेत कई महान खिलाड़ियों से सजी भारतीय टीम से हो रहा था. भारत द्वारा दिए गए 265 रनों के लक्ष्य के जवाब में न्यूजीलैंड की टीम का स्कोर एक समय 132 रन पर 5 विकेट था. तब क्रीज पर उतरे क्रिस केरन्स ने नाबाद 102 रनों की पारी खेलकर करोड़ों भारतीय फैंस का दिल तोड़ दिया था. क्रिस की इस करिश्माई पारी की बदौलत न्यूजीलैंड की टीम पहली बार किसी ICC इवेंट का विजेता बनी थी. वो मैन ऑफ द मैच तो बने ही थे साथ ही इस प्रदर्शन के लिए उनको विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयरचुना गया था.

क्रिस केरन्स का नाता विवादों से भी रहा. सबसे पहला विवाद साल 1996 में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली सीरीज से पहले हुआ था, जब उन्होंने न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड से चल रहे अपने मतभेदों के चलते वेस्टइंडीज जाने से मना कर दिया था. इसके अलावा मैच फिक्सिंग मामले में भी उनका नाम आया लेकिन वो हम आपको आगे बताएंगे.

साल 2004 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में क्रिस केरन्स ने 158 रनों की पारी खेली थी, जो उनके टेस्ट करियर का सर्वाधिक स्कोर है. जैसा हमने आपको पहले बताया था कि क्रिस केरन्स को अपने टेस्ट डेब्यू मैच में ही पीठ की इंजरी का शिकार होना पड़ा था, जिसने पूरे करियर में उनको सताया. 15 सालों के करियर में कुल 55 टेस्ट मैचों में अपनी चोटों के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था.

10 जनवरी, 2005 को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सुनामी के लिए रूपए जुटाने हेतु मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर एक मैच खेला गया था, जिसमें खेलते हुए क्रिस ने 47 गेंदों में 69 रन की पारी खेली थी.

जैसा हमने आपको बताया था कि रेल हादसे में क्रिस केरन्स की बहन का निधन हो गया था, जिससे वो बुरी तरह टूट गए थे. क्रिस ने अपनी बहन के याद में सितंबर, 2008 में एक हजार किलोमीटर का पैदल मार्च करते हुए रेल सेफ्टी का संदेश दिया था.

22 जनवरी, 2006 को एक प्रेस कॉनफ्रेंस में क्रिस केरन्स ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी थी. 16 फरवरी, 2006 को अपने पहले और आखिरी टी20 अंतराष्ट्रीय में क्रिस केरन्स आखिरी बार न्यूजीलैंड की तरफ से खेले थे, दरअसल ये उनका फेयरवेल मैच था. अपने आखिरी मैच में भी क्रिस केरन्स को कोई विकेट नहीं मिला था उन्होंने 4 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें वो एक भी विकेट चटकाने में सफल नहीं हो पाए थे. गेंद के अलावा बल्ले से भी वो फ्लॉप रहे थे, 9 गेंद खेलकर बिना कोई रन बनाए वो आउट हो गए थे.

क्रिस केरन्स ने न्यूजीलैंड के लिए कुल 62 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 3320 रन और 218 विकेट चटकाए. इसके अलावा 215 वनडे मैचों में उन्होंने 4950 रन और 201 विकेट झटके. टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेते वक्त इस फॉर्मेट में सबसे ज्यादा 87 छक्कों का रिकॉर्ड क्रिस के ही नाम था जिसे आगे चलकर एडम गिलक्रिस्ट ने तोड़ा था. इसके अलावा न्यूजीलैंड के लिए सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड भी कई सालों तक क्रिस के ही नाम रहा था. टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट और 3000 रन बनाने वाले क्रिस तीसरे सबसे तेज ऑलराउंडर हैं.

क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कुछ समय तक क्रिस एक कमेंटेटर के रूप में क्रिकेट से जुड़े रहे थे, इसके बाद उन्होंने अपना हीरों का बिजनेस शुरू किया था. दिसंबर, 2013 में ICC द्वारा जारी किए गए एक रिपोर्ट में क्रिस केरन्स को 2008 में इंडियन क्रिकेट लीग के एक मैच में फिक्सिंग का दोषी पाया गया था. यहां आपको बता दें कि क्रिस केरन्स इंडियन क्रिकेट लीग में चंडीगढ़ लायंस की कप्तानी भी कर चुके हैं.

क्रिस पर यह आरोप लगने के बाद न्यूजीलैंड के तत्कालीन कप्तान ब्रेंडन मैकुल्लम ने भी ICC की anti-corruption and security unit को क्रिस के खिलाफ बयान दिया था. लेकिन क्रिस ने हमेशा खुद पर लगे आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया.

खुद को न्याय दिलाने के लिए क्रिस ने 2012 में ललित मोदी के खिलाफ केस दर्ज करवाया था क्योंकि 2010 में ललित मोदी ने अपने एक ट्वीट के जरिए क्रिस को 2008 में होने वाली मैच फिक्सिंग में लिप्त बताया था. क्रिस केरन्स केस तो जीत गए लेकिन अपने ऊपर आई मुसीबत से खुद को निजात नहीं दिला पाए.

30 नवंबर, 2015 को क्रिस झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने और कानून को भ्रमित करने के मामले में आरोपी पाए गए थे. इन्हीं कानूनी कार्यवाई और केस लड़तेलड़ते क्रिस का बिजनेस पूरी तरह से चौपट हो गया, जिसके चलते उनके सामने आर्थिक तंगी का संकट भी खड़ा हो गया था. आर्थिक तंगी का आलम ये था कि हाल में उन्हें बसों और ट्रकों को साफ करते हुए देखा गया था.

क्रिस के एक साथ खिलाड़ी ने न्यूजीलैंड हैराल्ड अखबार को बताया था कि क्रिस अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए बसों और ट्रकों की सफाई करते हैं. साल 2010 में क्रिस का विवाह ऑस्ट्रेलियाई मूल की महिला मेलानी क्रोसर से हुआ था, यह उनकी तीसरी शादी थी.

10 अगस्त, 2021 को उनके हार्ट अटैक की खबर सामने आई, ऑस्ट्रेलिया में ही उनका इलाज चला और 20 अगस्त, 2021 को खबर आई कि अब वो खतरे से बाहर हैं और ICU से उनको बाहर निकाला जा चुका है.

5 फरवरी 2022 को, उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर खुलासा किया कि एक दिन पहले नियमित जांच के बाद उन्हें आंत्र कैंसर का पता चला था.

क्या कोई सोच सकता था कि न्यूजीलैंड का यह महान खिलाड़ी आज ख़ाक छानने पर मजबूर हो जाएगा. लेकिन ऐसा पहला मामला भी नहीं है जहां क्रिकेटर ने अमीरी से गरीबी का सफर तय किया हो, क्रिस के अलावा भी कई क्रिकेटर हुए जो अर्श से फर्स तक पहुंच गए.

चक दे क्रिकेट की पूरी टीम क्रिस केरन्स के स्वस्थ जीवन और उज्जवल भविष्य की कामना करती है. क्या आपको न्यूजीलैंड के इस महान खिलाड़ी के बारे में जानकारी थी ? कमेंट में हमें जरुर बताएं.

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