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गेंदबाजी के दम पर टीम में मिली जगह, आज बन गए हैं किलर बल्लेबाज

Bihari News

वो फ्लॉप बैटर जिसने किलर अंदाज में वापसी की

मैदान पर शांत रहने वाला खिलाड़ी बैटिंग में किलर कैसे बना

पिता के सपनों के डेविड मिलर ने पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट को तवज्जो दी

डूबती टीम को बचाने के लिए मैदान पर संकटमोचक की तरह मुसीबत से निकालने का हिटर डेविड मिलर

जब मिलर के डूबते करियर को कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने बचाया

यूं तो आपने क्रिकेट में कई ऐसे बल्लेबाजों को खेलते हुए देखा है जो टीम की जरूरत के हिसाब से खेलते है। अपने सिग्नेचर शॉट, टाइमिंग और हार्ड हिटिंग के बदौलत टीम की डूबती नैया को बचा ले जाते हैं। लेकिन अटैकिंग अप्रोच ये वो शब्द है जिसने क्रिकेट में बल्लेबाजों की बैटिंग करने की परिभाषा ही बदल कर रख दी। क्रिकेट के खेल में जब से टी 20 का जन्म हुआ है ज्यादातर बल्लेबाजों में अटैकिंग अप्रोच जैसा खेल देखने को मिला है। एक बल्लेबाज जो शुरू में अपने टेंप्रामेंट ,टाइमिंग और क्लास के लिए जाना जाता था। अब कुछ बल्लेबाज सिर्फ अपने अटैकिंग अप्रोच के लिए जाने जाते है। क्रिकेट के खेल में टी 20 का चलन और लीग क्रिकेट के चढ़ते शबाब ने बल्लेबाजों को ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है। यही वजह है कि विराट कोहली, बाबर आजम, और डेविड वार्नर जैसे बल्लेबाज अपने स्ट्रोक में ज्यादा पॉवर जनरेट करते है। क्योंकि आज की क्रिकेट की डिमांड यही है। और रही कही कसर बेन स्टोक्स, जॉनी बेरिस्टो ,ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पॉवर हिटिंग का करिश्मा दिखाया है।

इसी परम्परा को आज की नई जनरेशन भी आगे बढ़ा रही है। वो चाहते है कि टीम के लिए रन बने भले ही उनकी अप्रोच कैसी भी हो। दोस्तों क्रिकेट के बदलते स्वरूप और नियमों के बीच दुनिया में एक ऐसा क्रिकेटर अभी ऐसा है जिसने अपने अटैकिंग अप्रोच और पॉवर हिटिंग से ज्यादा अपने रियल लाइफ की क्रिकेट को ज्यादा तवज्जो दी है। आज अपने उसी अंदाज में खेलते हुए इस खिलाड़ी ने ना जाने कितने हारे हुए मैचों को जीत में तब्दील किया है। जिसे दुनिया आज क्रिकेट का किलर भी कहती है

आज हम बात करने वाले हैं दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड मिलर की.. जिसे दुनिया हार्ड हिटर किलर मिलर के नाम से जानती है।

10 जून 1989 दक्षिण अफ्रीका का पीटरमैरिट्सबर्ग वो शहर जहां डेविड मिलर का जन्म हुआ। मिलर का पूरा नाम डेविड एंड्रयू मिलर है। मिलर के पिता एंड्रयू मिलर एक क्लब क्रिकेटर थे। वो क्रिकेटर बन अपने देश से खेलना चाहते थे। लेकिन किसी कारण वश उनका ये सपना अधूरा रह गया। लेकिन उन्होंने अपने बेटे डेविड मिलर को क्रिकेटर बनाने की जिद ठान ली। और उसकी परवरिश एक इंटरनेशनल क्रिकेटर जैसी ही की। पिता ने डेविड मिलर का एडमिशन स्कूल में करा दिया। जहां उन्हें स्कूली क्रिकेट खूब खेलने को मिलती। मिलर ने भी अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए खूब मन लगाकर क्रिकेट खेला। मिलर अपने खाली दिनों में अन्य स्पोर्ट्स गेम भी खेला करते थे। छोटी सी उम्र में ही मिलर ने क्रिकेटिंग के सारे गुण सीख लिए थे। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने टीवी पर मैथ्यू हेडन की बल्लेबाजी को देखकर कई खूबियां सीखी। और उन्हें अपना आदर्श भी माना। डेविड साल दर साल अपने खेल में निखार ला रहे थे। और यही वजह थी कि डेविड मिलर महज 19 साल की उम्र में साल 2008 में डॉल्फिन के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू कर गए। गेंदबाजी के दम पर क्रिकेट में कदम रखने वाले डेविड मिलर कब बाएं हाथ के हार्ड हिटर बल्लेबाज बन गए पता ही नही चला।डेविड अपने पहले ही फर्स्ट क्लास मैच में अर्द्ध शतक जड़ सबको अपनी काबिलियत से परिचय करा दिया। इसके साल बाद 2009 और 2010 में डेविड ने घरेलू क्रिकेट में लिमिटेड ओवर मैच में कई शानदार पारियां खेली। यह उस समय की बात है जब दक्षिण अफ्रीकी टीम कई शानदार बड़े खिलाड़ी थे। फिर भी ग्रीम स्मिथ, जैक कैलिस, जेपी डुमिनी और हाशिम अमला जैसे खिलाड़ियों से सजी टीम को मध्य क्रम में एक अटैकिंग बल्लेबाज की जरूरत थी।

घरेलू क्रिकेट में डेविड मिलर का बल्ला आग उगल रहा था। तभी सेलेक्टरों की नजर 6 फुट 4 इंच ऊंचे लंबे कद के डेविड मिलर पर पड़ी। तनिक भी देर ना करते हुए उन्हें अफ्रीका की अंतरराष्ट्रीय टीम में चुन लिया गया। 10 मई 2010 को वेस्टइंडीज के खिलाफ मिलर ने अपना पहला इंटरनेशनल टी 20 मैच खेला। डेब्यू मैच में 33 रन बनाए और अफ्रीका मैच जीत गया। मिलर तब एक सधे हुए बल्लेबाज थे। साल 2011 में अफ्रीकी टीम में कई बड़े खिलाड़ियों ने डेब्यू किया। कोलिन इन ग्राम , फाफ डु प्लेसिस और वेन पर्नेल जैसे हिटर बल्लेबाज टीम में शामिल हुए। इसके चलते डेविड मिलर को 2011 और 2012 में टीम से बाहर ही रहना पड़ा। मिलर काफी निराश थे। तभी किस्मत ने उनके लिए दूसरे दरवाजे खोल दिए। आईपीएल के रूप में। साल 2012 में डेविड मिलर को आईपीएल की किंग इलेवन पंजाब ने शामिल किया। मिलर पहले ही सीजन के 6 मैचों मे सिर्फ 98 रन ही बना सके। पंजाब को लगने लगा कि उन्होंने कोई बड़ी गलती कर दी। लेकिन पंजाब मिलर को एक मौका और देना चाहती थी।

साल 2013 के आईपीएल में मिलर फिर पंजाब की तरफ से खेले। और फिर जो हुआ उसे देखकर पंजाब दंग रह गई। मैदान पर डेविड मिलर ने अपना किलर वाला अंदाज दिखाया। मिलर का किलर बनना अभी बाकी था। इस आईपीएल में मिलर ने 12 मैचों मे 418 रन बनाए थे। बंगलोर के खिलाफ एक मैच में मिलर ने 38 गेंदों पर शतकीय पारी खेली थी मिलर ने उस साल आईपीएल में छक्कों की झड़ी लगा दी थी। मिलर के एक छक्का ऐसा लगाया की गेंद बाउंड्री पर एक पुलिसकर्मी की आंख पर जा लगी। उस पुलिसकर्मी के आंख की रौशनी चली गई। तब उनके फैंस ने उन्हें किलर की उपाधि दी। और यहां मिलर डेविड से किलर मिलर बन गए। उधर साउथ अफ्रीका के सेलेक्टरों के मन में मिलर बस गए। फेलियर के बावजूद मिलर को खूब मौके मिले और मिलर ने उन मौकों को भुनाया भी। सबकुछ ठीक चल रहा था। साल 2015 के विश्व कप में मिलर ने टीम के लिए कई उपयोगी पारियां खेली। टीम सेमीफाइनल में भी पहुंची। जहां उसका सामना न्यूजीलैंड से था। लेकिन सेमीफाइनल में अफ्रीका मैच हार गया। और 1992 में मिले चोकर्स के तमगे को यहां भी बरकरार रखा। इसके बाद डेविड मिलर का बुरा दौर शुरू हुआ। साल 2016 में सिर्फ पांच मैचों में मिलर को खेलने का मौका मिला। इस बीच उनका बल्ला खामोश रहा। आईपीएल में भी मिलर को लेकर कोई इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहा था। विरोधी गेंदबाज मिलर स्लोअर बाउंसर और अंदर आती हुई गेंदों पर फंसाना शुरू कर दिया था। यहां से मिलर को लगने लगा उनका करियर अब दम तोड रहा है।

लेकिन वो कहते हैं ना कि महानता मुसीबत के बाद ही मिलती है।और वही हुआ मिलर के साथ। फाफ डु प्लेसिस को टीम की कमान मिली तो उन्होंने मिलर को टीम के साथ रख लिया। इसके बाद मिलर ने 35 गेंदों पर शतक ठोक डाला। इस शानदार पारी ने मिलकर के लिए सिर्फ देश ही नहीं लीग क्रिकेट के दरवाजे भी खोल दिए। मिलर ने ऑस्ट्रेलिया , वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और भारत के खिलाफ अपने हार्ड हिटिंग बल्लेबाजी से तहलका मचा दिया। अफ्रीकी टीम के मध्य क्रम से अब जेपी डुमिनी, जैक कैलिस जैसे खिलाड़ी नही थे। साल 2020 में अफ्रीका को मध्यक्रम में एक पॉवर हिटर की जरूरत थी। और मिलर मध्य क्रम में शामिल होकर अफ्रीकी टीम की रीढ़ बन गए। आईपीएल 2021 की नीलामी में सभी खिलाड़ियों की बोली लग रही थी मिलर को कोई खरीददार नहीं मिल रहा था। तभी आशीष नेहरा मिलर के लिए मसीहा बनकर आए और बोली लगाकर टीम में शामिल किया। साल 2022 की नई नवेली टीम गुजरात टायटंस में शामिल हुए मिलर को नेहरा और कप्तान हार्दिक का पूरा साथ मिला। इसके बाद मिलर ने आईपीएल में जो किया उसे दुनिया देखती रही। गुजरात टाइटंस पहली ही बार चैंपियन बन गया। और मिलर चारो तरफ छा गए।

हार्ड हिटर डेविड मिलर ने अपने करियर में 152 वनडे और 111 टी 20 मैच खेले जिसमें तकरीबन 6 हजार रन बनाए है। वहीं IPL के 105 मैचों मे 2455 रन बनाए है। मिलर ने सभी फॉर्मेट की क्रिकेट में कुल 8 शतक जड़े है।

दोस्तों क्या आपको मौजूदा वक्त में बाएं हाथ के हार्ड हिटर डेविड मिलर से अच्छा कोई बल्लेबाज लगता है। आप हमें वीडियो में कमेंट करके बता सकते हैं. 

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