गुजरात टाइटन्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स क्वालीफायर 1 में जो हुआ उसके बाद किसी का कहना है कि धोनी ने बेईमानी की है तो कोई कह रहा है वो महेंद्र सिंह धोनी हैं वो बेईमानी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने बस अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है. इसे प्रजेंस ऑफ़ मंद कहते हैं. लेकिन वीडियो के अंत में हम आपसे जानना चाहेंगे की जो हुआ वो बेईमानी थी या धोनी की प्रजेंस ऑफ़ माइंड. क्या धोनी ने बेईमानी कर फाइनल के क्वालीफाई किया? क्या धोनी ने धोनी होने के रुतबे का गलत इस्तेमाल किया? और लोगो ने भी इस विषय को यूँही जाने दिया की वो महेंद्र सिंह धोनी हैं? क्या गुजरात के प्लेयर्स ने इस विषय पर इसलिए टिका टिपण्णी नहीं की क्यूंकि वो महेंद्र सिंह धोनी थे? क्या अम्पायर ने भी इसलिए इस बात को जाने दिया की वो महेंद्र सिंह धोनी थे? क्या अम्पायर को महेंद्र सिंह धोनी को वो नियम याद दिलाने की जरुरत नहीं थी?
अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बता दें की यह मामला csk और gt के बीच खेले गए आईपीएल 2023 के क्वालीफायर 1 का है जिसमें टॉस जीतकर गुजरात ने चेन्नई को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. वहीँ गुजरात की बल्लेबाजी के दौरान एक ऐसा ओवर आया जिसमें कहा जा रहा है कि धोनी ने बेईमानी कर ली अगर दूसरा कोई खिलाड़ी ऐसा किया होता तो अभी तक हमलोगों ने बखिया उधेड़ दिया होता. दरअसल गुजरात की बल्लेबाजी के दौरान एक समय ऐसा आता है जब धोनी और पथिराना ब्रेक लेते हैं. जिसमें पथिराना 4 मिनट तक बाहर रहते हैं. उसके बाद आते हैं, यह कुछ 15 वे ओवर का वक़्त होता है, उन्हें गेंदबाजी करना होता है. लेकिन आईपीएल नियम के अनुसार जितनी देर आप मैच के दौरान बाहर रहेंगे उतनी देर आप गेंदबाजी नहीं कर सकते. इस लिहाज से पथिराना को गेंदबाजी नहीं करनी थी. इस बीच धोनी को जब ये समझ में आता है कि पथिराना गेंदबाजी नहीं कर सकते ऐसे में किसी और गेंदबाज को गेंद देने की जगह वो अम्पायर के पास चले जाते हैं और वो वक़्त उधर ही चला जाता है.
इस दौरान लखनऊ के कोच स्टाफ बार बार घड़ी की ओर इशारा कर रहे होते हैं कि वक़्त निकल रहा है धोनी गलत कर रहे हैं लेकिन फिर इस बात को जाने दिया गया. क्यूंकि वो महेंद्र सिंह धोनी हैं? आप अगर इस खबर से बेखबर हैं तो आपको बता दें की सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत सारे सवालों के बौछार हो रहे हैं लोगों को ये जानना है कि ये हुआ तो आखिर क्यूँ हुआ?
धोनी की टीम ने गुजरात को 173 रनों का टारगेट देती है. जो गुजरात चेज कर रही थी. स्ट्रेटजी ब्रेक के बाद धोनी को 16 वां ओवर पथिराना से करवाना था. क्यूंकि ये 20-20 खेल का वीक मोमेंट होता है जिसमें खेल का पासा कभी भी पलट सकता है. ऐसे में धोनी रिस्क नहीं लेकर 16, 18 और 20 ओवर पथिराना से करवाना चाहते थे. लेकिन नियम के अनुसार पथिराना 4 मिनट बाहर रहे तो उन्हें 4 मिनट तक अन्दर गेंदबाजी नहीं करने दिया जाता वहीँ अगर धोनी पथिराना से 17 वां ओवर देते तो मुश्किल से पथिराना आगे 19 वां ओवर कर पाते और डेथ ओवर में मामला बिगड़ जाता.
और हुआ भी कुछ ऐसा ही पथिराना जैसे ही गेंदबाजी करने आये अम्पायर ने पथिराना को रोक दिया लेकिन अपनी यूनिक टेक्तिस के लिए जाने जाने वाले धोनी ने कुछ इस तरह समय का उपयोग किया कि पथिराना को वापस 16 वां ओवर मिला. हुआ कुछ ये की जब अम्पायर ने पथिराना को गेंदबाजी करने से मना किया तो धोनी अम्पायर के पास चले गए. धोनी का कहना था की गेंदबाजी नहीं करने दो कोई बात नहीं हमसे बात करो इस दौरान सभी के रिएक्शन साफ़ साफ़ दिख रहा था की धोनी गलत कर रहे हैं. कमेंटेटर्स कह रहे थे गुजरात के टीम के रिएक्शन कह रहे थे. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई की धोनी को जाकर कहे और इसी में वो 4 मिनट निकल जाता है और वापस से 16 वां ओवर पथिराना को मिल जाता है. तो कुछ इस प्रकार महेंद्र सिंह धोनी ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया भले ही टीम को 20 ओवर देरी से ख़त्म करने के लिए जुर्माना देना पड़ा लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ये मैच 15 रनों से जीत गयी और क्वालीफायर 1 जीतकर फाइनल में पहुँच गयी. जबकि यह ज्यादा रनों का अंतर नहीं था गुजरात जैसी दमदार टीम आराम से इतने रनों को छू लेती. क्या ये इसलिए संभव नहीं हो पाया क्यूंकि सामने में धोनी की प्रजेंस ऑफ़ माइंड थी
धोनी ने ये इसलिए किया क्यूंकि उन्हें पथिराना से 16 वां ओवर 18 वां ओवर और 20 वां ओवर करवाना था. धोनी ये जानते थे की अगर 4 मिनट रुके और 16 वां ओवर किसी और गेंदबाज को मिला तो सब गड़बड़ हो सकता है. फिर पथिराना से वो 17 वां और 19 वां या 18 वां और 20 वां करवाना होगा. पथिराना उनके डेथ ओवर गेंदबाज थे इसलिए धोनी ने ये स्ट्रेटजी अपनाई और किसी ने कुछ नहीं कहा
क्या अम्पायर के कहने के बावजूद भी धोनी ने समय जाया किया. और किसी ने कुछ नहीं कहा क्यूंकि वो धोनी हैं.
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