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टेस्ट की एक पारी में दस विकेट लेने वाला विश्व का तीसरा गेंदबाज

Bihari News

वो क्रिकेटर जिसकी प्रतिभा को दबाया गया…

टेस्ट की एक पारी में दस विकेट लेने वाला विश्व का तीसरा गेंदबाज

एक तेज गेंदबाज कैसे बना बाएं हाथ का आर्थोडॉक्स स्पिनर

दस सालों तक किया इंतजार लेकिन जब मिला मौका तो सबको चौंका दिया

मुंबई में जन्मा, न्यूजीलैंड में बसाया घर और फिर बन गया बेहतरीन स्पिनर

भारत एक ऐसा देश जहां खेल संशाधनो का अभाव तो हो सकता है परंतु खेल प्रतिभाओं का अभाव कभी नहीं हो सकता । दोस्तों खेल के ना जाने कितने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय प्रतिभाएं अपना हुनर बिखेर चुकी है। और ना जाने कितने भारतीय खिलाड़ी विश्व के मंच पर अपना सर्वोच्च मुकाम हासिल कर चुके है। लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत से निकली प्रतिभाओं ने सिर्फ भारत देश का मान सम्मान बढ़ाया है। बल्कि भारतीय मूल से निकले कई हुनरबाज दूसरे मुल्कों में जाकर अपने और भारत का मान सम्मान बढ़ाया है…

दोस्तों, विश्व क्रिकेट के इतिहास में बहुत से ऐसे खिलाड़ी हुए है जिनका जन्म अपने मुल्क में हुआ लेकिन उन्होंने क्रिकेट खेलने का फैसला दूसरे मुल्क के लिए किया।दोस्तों भारत भी उन्ही मुल्कों में शामिल है जहां ना जाने कितने क्रिकेटरों का जन्म भारत की धरती में हुआ लेकिन उन्होंने अपनी चमक क्रिकेट के मैदान में किसी दूसरे देश से खेलते हुए बिखेरी। वेस्टइंडीज के शिव नारायण चंद्र पॉल, साउथ अफ्रीका के हाशिम अमला, इंग्लैंड के नासिर हुसैन और मोंटी पनेसर या फिर न्यूजीलैंड के ईश सोढ़ी हो इन सभी का जन्म भारत में हुआ। और क्रिकेट किसी दूसरे मुल्क से खेला। दोस्तों इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है कीवी गेंदबाज एजाज पटेल का…. और आज अपने इस विडियो में इसी खिलाड़ी के जीवन से जुड़ी बातों की चर्चा करेंगे।

हम बात करने वाले हैं न्यूजीलैंड का उभरता हुआ स्पिनर गेंदबाज एजाज पटेल की। क्रिकेट में इस खिलाड़ी के आंकड़े भले ही इसे महान ना बताते हो लेकिन उनका खेल ये बताने के लिए काफी है कि उसने बहुत कम समय में क्रिकेट की दुनिया में वो मुकाम और महारत हासिल कर ली है जिसे पाने में कई क्रिकेटरों को सालों लग जाते है…

दोस्तों, एजाज पटेल का जन्म 21 अक्टूबर 1988 को मुंबई के जागेश्वरी वेस्ट में हुआ था। एजाज के पिता का नाम युनुस पटेल है जो मुंबई में कारोबार करते थे। और मां शाहनाज पटेल स्कूल टीचर थी। एजाज के परिवार का ताल्लुक मुख्य रूप से गुजरात से है। एजाज पटेल के परिवार में दो बहने भी है। जब एजाज महज आठ साल के थे तो साल 1996 में इनका पूरा परिवार न्यूजीलैंड में जाकर बस गया था। जहां इनके पिता ने नए सिरे से कारोबार शुरू किया और नए देश में नए लोगों के बीच सफल बिजनेसमैन बन गए। एजाज के परिवार को न्यूजीलैंड आने पर सबसे बड़ी और पहली दिक्कत भाषा की हुई। क्योंकि इनके परिवार में कोई भी सदस्य अंग्रेजी भाषा में परिपक्व नहीं था। कुछ सालों बाद एजाज और उनके परिवार ने इस दिक्कत को लेकर निजात पा लिया और फिर एजाज हमेशा के लिए न्यूजीलैंड के होकर ही रह गए। साथ ही कुछ समय बाद एजाज और उनके पूरे परिवार को भारत के अलावा एक और देश की मान्यता भी मिल गई।

एजाज ने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के गोरेगांव में स्थित माउंट मैरी नामक स्कूल से पूरी की। इसके बाद न्यूजीलैंड आकर एजाज का दाखिला ऑकलैंड के अवोडेल कॉलेज सेंट्रल में करा दिया गया। अपनी दो छोटी बहनों के साथ खेलते खेलते बड़े हुए एजाज पटेल ने अपने पिता को जीतोड़ मेहनत करते हुए देखा था। यही वजह है कि एजाज पटेल ने अपने आने वाले जीवन में किसी भी संघर्ष को बड़ा और मुश्किल नहीं माना। एक बार मैच में अपार सफलता प्राप्त करने के बाद एक इंटरव्यू में एजाज ने कहा था कि मेरे जीवन के हीरो सिर्फ मेरे पापा हैं और मैं उन्हें ही अपना प्रेरणास्त्रोत मानता हूं। एजाज जब 6 साल के थे तो वो सिर्फ टीवी पर ही क्रिकेट देखा करते थे। न्यूजीलैंड जाकर एजाज ने क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में भी रुचि दिखाई। क्योंकि न्यूजीलैंड जैसे देश में क्रिकेट से ज्यादा लोकप्रिय रग्बी है। इसलिए एजाज पास के ही एक क्लब में रग्बी देखने जाते थे। एक बार एजाज के पड़ोसी दोस्त ने उन्हें साथ में क्रिकेट देखने के लिए कहा। एजाज चले गए। लेकिन एजाज ने इस खेल को सीरियसली नही लिया था। लेकिन अपने दोस्तो के साथ क्रिकेट खेला करते थे। ना जाने अचानक क्या हुआ कि क्रिकेट में एजाज की रुचि इस कदर बढी कि उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा।

एजाज को क्रिकेट में भविष्य बनाने की सोच स्कूली क्रिकेट में दिखी। जब वो हाई स्कूल की पढ़ाई कर रहे थे। एजाज के खेल और उनकी प्रतिभा को उनके चाचा सईद पटेल ने पहचाना तब उनके चाचा ने उनका दाखिला एक क्रिकेट क्लब में करा दिया। यहां से एजाज पटेल के अंदर एक इंटरनेशनल क्रिकेटर बनने की उम्मीद जागने लगी थी। 16 साल की उम्र तक आते आते एजाज पाते क्लब क्रिकेट में एक जाना चेहरा बन गए थे। और उस समय यह खिलाड़ी एक तेज गेंदबाज के रूप में भविष्य को संवारने में लगा हुआ था। एजाज पटेल ने जब से क्रिकेट में कदम रखा था वो एक तेज गेंदबाज के रूप में ही खेलते आ रहे थे। एक बार एजाज पटेल की गेंदों पर खूब पिटाई हो रही थी तभी उनके कुछ साथियों ने स्विंग गेंदबाजी करने का सुझाव दिया। उनके साथियों ने कहा कि तुम्हारी लंबाई कम है तुम तेज गेंदबाजी को छोड़कर स्पिन गेंदबाजी में फोकस करो। हालाकि एजाज जब तेज गेंदबाजी करते थे तो उनका प्रदर्शन बुरा नहीं था। लेकिन जब रोज रोज साथी खिलाड़ियों ने एजाज को स्पिन गेंदबाजी करने पर जोर देते तो एजाज ने तेज गेंदबाजी को हमेशा के लिए त्याग कर स्पिन गेंदबाजी करने लगे ।

ऑकलैंड की तरफ से अंडर 17 में सेलेक्ट होने के बाद एक तेज गेंदबाज एजाज पटेल को अंडर 19 ट्रायल के लिए बुलाया गया तो एजाज ने शानदार खेल दिखाया। और अपना स्थान सीधे न्यूजीलैंड की अंडर 19 टीम में बना लिया। यहां से एजाज पटेल ने खुद को एक बेहतरीन स्पिनर के रूप में तैयार करना शुरू कर दिया। इसमें इनकी मदद पूर्व न्यूजीलैंड खिलाड़ी दीपक पटेल ने की। दीपक पटेल ने एजाज को एक स्लो आर्म लेफ्ट स्पिनर गेंदबाज बनाने में हर संभव मदद की। एजाज पटेल घरेलू क्रिकेट में अपना शानदार प्रदर्शन दिखा रहे थे। लेकिन न्यूजीलैंड की नेशनल टीम की तरफ से उन्हें बुलाया नहीं आ रहा था। एजाज इस बात से काफी निराश थे। लेकिन यहां उनकी हिम्मत बांधने का काम उनके पिता के संघर्ष ने किया। जिसे सोचकर एजाज सोचा करते थे कि नए देश में आकर संघर्ष कर पिता जब सफल बिजनेसमैन बन सकते हैं तो फिर उनके हार मानने का कोई कारण ही नहीं बनता है। बस इसी हिम्मत के साथ एजाज पटेल घरेलू क्रिकेट में साल दर साल शानदार प्रदर्शन करते रहे। और जब भी किसी नए दौर के लिए न्यूजीलैंड टीम का चयन होता तो एजाज बहुत उम्मीद के साथ चयनित टीम को देखते वो इस आशा में कि शायद उनका नाम शामिल किया गया हो लेकिन ऐसा नहीं होता था। एजाज फिर काफी निराश होते तो वो अपने पिता संघर्ष को फिर याद कर लेते। और बस इसी इंतजार के बीच एजाज के संघर्ष का एक दशक पूरा हो गया। एजाज ने एक बार एक वाक्य शेयर किया कि जब उन्हें टीम में नही चुना जाता तो खाली समय में वो आईपीएल के मैच वानखेड़े स्टेडियम में जाकर देखा करते थे। और कभी कभी उन्हे मुंबई की टीम के लिए नेट्स में गेंदबाजी करने का मौका भी मिल जाता था। एजाज पटेल जो किसी भी मौके को हाथ से गंवाना नही चाहते थे यह जानकर वो बेस्ट गेंदबाजी किया करते थे।

साल 2010 में एजाज पटेल क्रैनली क्रिकेट क्लब की टीम में शामिल हुए। इसके बाद 6 वर्षो तक यह खिलाड़ी फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपनी किस्मत आजमाना रहा। एजाज का प्रदर्शन हर शानदार ही रहता। 27 दिसंबर 2015 में एजाज पटेल ने अपने लिस्ट ए करियर की शुरुआत की थी। यहां एजाज ने सबसे ज्यादा 43 विकेट चटकाए थे एजाज का यह शानदार प्रदर्शन अगले साल भी जारी रहा और इस सीजन में उन्होंने 44 विकेट हासिल किए। एजाज के लिए गौरवशाली पल साल 2018 में आया जब उन्हें न्यूजीलैंड क्रिकेट के एक समारोह में घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के लिए पुरुस्कार से नवाजा गया। घरेलू में बेहतरीन प्रदर्शन का इनाम उन्हे मिलने ही वाला था। सेलेक्टरों के बीच एजाज अब चर्चा का विषय बने हुए थे। जून 2018 में उन्हे नेशनल टीम में चुना गया। एजाज पटेल को जब टीम में चुना जा रहा था तब वो अपने पूरे परिवार के साथ खाना खा रहे थे। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का जो इनाम उन्हे मिला था उसका सेलिब्रेशन चल रहा था। तभी एजाज के पास फोन गया और कहा आपको पाकिस्तान दौरे पर जाने वाली न्यूजीलैंड की टी 20 टीम में चुना गया है। तब परिवार खुशी दुगनी हो गई।

31 अक्टूबर 2018 को आबूधाबी के मैदान पर एजाज ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहले अंतर्राष्ट्रीय टी 20 मैच खेला। इसके बाद इसी साल 16 नवंबर 2018 को 30 साल की उम्र में एजाज पटेल को पाकिस्तान के ही खिलाफ अपना पहला टेस्ट खेलने का अवसर भी मिल गया। जो उनके लिए एक ड्रीम डेब्यू था। एजाज बताते हैं कि डेब्यू टेस्ट खेलने लिए उन्होंने ना जाने कितनी रातों तक आंसू बहाए है। आखिरकार उनका सपना आज पूरा हो गया। प्रतिभा से भरे एजाज ने अपने डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में दो विकेट और दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर सबको चौंका दिया। और यह टेस्ट पाकिस्तान हार गया। एजाज पटेल को अपने पहले ही टेस्ट में मैन ऑफ द मैच भी मिला। साल 2021 में भारत दौरे पर आई कीवी टेस्ट टीम में एजाज पटेल भी थे। इस सीरीज के एक टेस्ट मैच में एजाज पटेल ने अपने करियर की वो करिश्माई गेंदबाजी की जिसको देखकर दुनिया हैरत में गई। एजाज ने एक पारी में भारत के सभी दस बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। और पूरे दस विकेट हासिल किए। एक पारी में दस विकेट लेने वाले एजाज दुनिया के तीसरे खिलाड़ी बन गए। उनसे पहले 1956 में जिम लेकर और 1999 में अनिल कुंबले यह करनामा चुके थे। एजाज के इस प्रदर्शन को सिर्फ उनकी ही टीम नहीं बल्कि भारतीय टीम ने भी तालियां बजाईं थी। एजाज पटेल के प्रदर्शन की बात जब उनके नाना को पता चली तो उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा ऐसे चमकेंगा। उसके जादुई प्रदर्शन से मैं बहुत खुश हूं।

दोस्तों, एजाज पटेल एक ऐसा खिलाड़ी जिसके बारे कुछ सालों तक किसी को पता भी नहीं था। लेकिन जब यह खिलाड़ी इंटरनेशनल क्रिकेट की दुनिया में आया तो तहलका मचा दिया। वो कहते है ना कि देर आए लेकिन दुरस्त आए एजाज पटेल वही खिलाड़ी हैं।

आइए अब आपको बताते हैं एजाज पटेल के क्रिकेट करियर के बारे में .. डेनियल विटोरी को अपना आदर्श मानने वाले एजाज पटेल ने अभी तक अपने छोटे से करियर में 14 टेस्ट मैचों में 48 विकेट चटकाए हैं तो वहीं टी 20 क्रिकेट के 7 मैचों मे 11 विकेट अपने नाम किए है।

दोस्तों, क्या एजाज पटेल की प्रतिभा को देखकर नेशनल सेलेक्टरों को कुछ जल्दी मौका नहीं देना चाहिए था? आप एजाज पटेल के करियर को कैसे देखते हैं, आप हमें अपनी राय कमेंट करके बता सकते हैं .

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