देश में जब बीजेपी की सरकार बनी तो इसने देश को बुलेट ट्रेन का सपना दिखाया. हालांकि इस दौरान विपक्ष की तरफ से यह कहा गया है कि हमारे पास इतनी अर्थव्यवस्था है कि हम इस तरह की ट्रेनों को चला सकते हैं. जवाब में बीजेपी ने भी अपने तर्क दिए और बुलेट चलाने का पूरा खाका सदन में पेश किया है. हालांकि उस समय एक उदाहरण भी दिया गया था जिसमें न्यूयार्क और लंदन के बीच की दूरी जो 8 घंटे की है उसे महज तीन घंटे में पूरी करने की बात कही गई थी लेकिन बाद के दिनों में यह एहसास हुआ कि यह परियोजना सफल नहीं हो सकती है और उसे बंद कर दिया गया. तमाम विरोध के बाद देश में बुलेट ट्रेन की परिकल्पना की गई और देश के रेल मंत्री ने बुलेट ट्रेन के बारे में बताता हुए उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 90 फीसदी जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. साथ ही यह भी बताया गया है कि देश में बुलेट परियोजना में हर महीने 8 किलोमीटर का निर्माण किया जा रहा है. सरकार की तरफ से यह भी बताया गया है कि जमीन अधिग्रहण में हुई देरी की वजह से ट्रेन परिचालन में देरी हो रही है. हालांकि भारत सरकार ने बुलेट ट्रेन को टक्कर देने वाली एक देशी ट्रेन का भी निर्माण किया है जोकि एक मामले में बुलेट ट्रेन से आगे निकल गई है.

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2015 में मुंबई और अहमदाबाद के बीच में बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही जिसमें 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की भी बात कही गई. आज जब इसकी शुरुआत के 7 साल हो गए है तब इसकी स्थिति यह है कि 1396 हेक्टेयर भूमि में से 1248 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. बताया तो यह भी जा रहा है कि गुजरात में 99 फीसदी से अधिक और महाराष्ट्र में 85 प्रतिशत से अधिक जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. इसके लिए वन विभाग से मंजूरी मिल चुकी है. भारत में जो बुलेट ट्रेन चलनी है वह जापान में बनाई जाती है. बता दें कि इसकी रफ्तार 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी. जब बुलेट ट्रेन के रफ्तार की ही बात हो ही रही है तो देश में निर्मित बुलेट ट्रेन की रफ्तार भी किसी बुलेट ट्रेन से कम नहीं है.

इन दिनों देश में देशी बुलेट ट्रेन की चर्चा खुब हो रही है. कहा जा रहा है कि इस ट्रेन के परिचालन से अहमदाबाद और मुंबई के बीच में सफर मात्र 6 घंटे में पूरा हो सकता है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ने 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ने के मामले में बुलेट ट्रेन को पीछे छोड़ दिया है. इस ट्रेन के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि यह ट्रेन महज 52 सेकेंड में 100 की रफ्तार पकड़ सकती है. जबकि बुलेट ट्रेन को इतनी रफ्तार पकड़ने में 54 सेकेंड का समय लगता है. नई बंदे बारत ट्रेन का तीसरा परीक्षण पूरा हुआ है. जिसमें 0 से 100 तक की रफ्तार पकड़ने में ट्रेन को 52 सेकेंड लगता है जबकि बुलेट ट्रेन की रफ्तार को यह हासिल करने के लिए 54.6 सेकेंड का समय लगता है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि इस नई ट्रेन की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है जबकि पुराने वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे रखी गई है. साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच में सिर्फ दो स्टेशनों सूरत और वडोरदा के बीच में रुकेगी.

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