विश्व 2023 की शुरुआत हो गई है. भारतीय टीम इस बार विश्वकप पर कब्जा जमाने के लिए दिन रात पसीना बहा रही है. इस बार के विश्वकप में कोई भी किसी को कमजोर आंकने की हिमाकत नहीं कर रहा है. यहां तक कि बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसी टीमों को लेकर भी बड़े बड़े बयान सामने आ रहे हैं. खैर इन सब के बीच में हर किसी की नजर भारतीय टीम पर है. क्योंकि भारतीय टीम कुछ दिन पहले ही एशिया कप का खिताब जीतकर आई है उससे पहले ऑस्ट्रेलिया को हराया है. और इस बार का विश्वकप भारतीय सरजमीं पर हो रहा है तो ऐसे में हर किसी कि नजर है कि भारतीय टीम इस बार किस तरह के खेल के प्रदर्शन करती है. जिस तरह से पिछले कुछ सालों में लिग टूर्नामेंट और टी-20 का बोलबाला हुआ है. उसके बाद से वन–डे में भी इसी तरह की झलकियां देखने को मिलती है. खासकर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमें शुरुआती ओवरों में अटैकिंग मोड में आ जाती है. खैर अब देखना है कि भारतीय सलामी बल्लेबाजों की रणनीति किस तरह की होती है. लेकिन एक बात तो तय है कि भारत में हो रहे इस विश्वकप का भारतीय टीम को जबदस्त फायदा मिलने वाला है. अपना घर अपने दर्शक. लेकिन दवाब भी होगा. ऐसे में भारतीय टीम को बहुत ही संतुलित होकर मैचों में आगे बढ़ना है. बहरहाल अब चलते हैं टीम इंडिया की रणनीति की तरफ, इस बार टीम के पास वह कौन से हथियार है जिसके बदौलत विश्वकप को अपने कब्जे में लाने का माद्दा रखती है. हम इससे पहले दो विश्वकप अपने नाम कर चुके हैं. साल 1983 का विश्वकप तब भारतीय टीम की कमान महान ऑलराउंडर कपिल देव के पास थी. उसके बाद साल 2011 का विश्वकप इस समय भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के पास थी. धोनी की कप्तानी ने भारतीय टीम ने विश्व के लगभग सभी टूर्नामेंटों में विजेता नाम दर्ज करवाया है. तब एक बात कही जाती थी अगर मैच में माही है तो मैच अपना है. खैर उसके बाद एक लंबा समय गुजरा और भारतीय टीम को साल 2023 का एशिया कप जीतने का मौका मिला. यह एशिया कप भारतीय टीम को विश्वकप जीताने में टॉनिक की तरह काम करेगा.
भारतीय टीम की कमजोरी
तो सबसे पहले बात करते हैं भारतीय टीम के कमजोर पक्ष के बारे मेंः– भारतीय टीम में खिलाड़ियों को देखते हुए इस बात की चिंता नहीं है कि भारतीय टीम कमजोर है लेकिन कुछ बातें ऐसी है जो सोचने पर मजबूर कर देती है. जैसे कि भारतीय टीम का प्लेइंग इलेवन सेट नहीं है. दूसरा नीचले क्रम में बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाज रन नहीं बना रहे हैं. उसके बाद भारतीय टीम कि फिल्डिंग पे भी सवालियां निशान खड़े होते रहे हैं. खासकर एशिया कप के दौरान कई कैच ऐसे थे जो आसानी से टपकाए गए हैं. इन सब के अलावा जो सबसे अहम बात है भारतीय टीम बड़े मुकाबलों में बिखर जाती है. ये बात हम नहीं कह रहे हैं ये आंकड़ें बता रहे हैं कि साल 2013 के बाद से भारतीय टीम कोई भी बड़े मुकाबले जीतने में असफल रही है. हम एक विश्वविजेता की तरह खेलते जरूर हैं लेकिन आखिरी में आते आते हम फुस्स हो जाते हैं. साल 2014 का T-20 विश्वकप हम फाइनल में जाकर हार गए. 2015 का वन–डे विश्वकप हमें ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा. 2016 के टी-20 विश्वकप हम वेस्टइंडीज से बुरी तरह से हारे. साल 2017 के चैंपियन ट्रॉफी में हमें पाकिस्तान के हाथों हार झेलनी पड़ी. इसके बाद आया साल 2019 का विश्वकप हम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार गए उसके बाद 2021 और 22 के टी-20 विश्वकप में भी लचर प्रदर्शन के कारण हम ट्रॉफी जीत नहीं पाए. इसीलिए कहा जा रहा है कि हमारी टीम इस बार अपना मनोबल आखिरी तक बनाए रखी तो हम विश्वकप जरूर जीतेंगे. पिछले कुछ मुकाबलों में टीम ने अटैकिंग गेम दिखाया भी है.
भारतीय टीम की ताकत
अब बात करते हैं भारतीय टीम की ताकत के बारे मेंः– भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी फायदे की बात यह है कि यह पूरा टूर्नामेंट भारत में खेला जाएगा ऐसे में भारतीय टीम को घरेलू मैदान का फायदा मिलने वाला है. इन दिनों विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल फॉर्म में हैं. भारतीय टीम की मजबूती में हमेशा से बल्लेबाजी रही है. इन दिनों जिस तरह से भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित और शुभमन कमाल दिखा रहे हैं. अब तक इन दोनों जोड़ियों ने 12 पारियों में 4 बार शतकीय साझेदारी की है और 1042 रन बनाए हैं. इसके बाद नाम आता है विराट कोहली का. इन दिनों विराट का बल्ला भी रन उगल रहा है. इन दिनों मध्यमक्रम की जिम्मेदारी के एल राहुल, श्रेयस अय्यर, हार्दिक पांड्या और ईशान किशन के कंधे पर हैं. इन सब के लिए अच्छी बात यह है कि ये सभी बल्लेबाज फॉर्म में हैं. कुल मिलाकर कहें तो भारतीय बल्लेबाजी ऑर्डर शानदार है. वहीं गेंदबाजी की बात करें तो बुमराह, सिराज और शमी की तिकड़ी कहर बरपाने को तैयार है. भारतीय टीम ने देर से ही सही अश्विन को टीम के साथ जोड़कर ऑलराउंडरों की लिस्ट में अपनी ताकत और भी मजबूत कर लिया है.
इन खिलाड़ियों पर होगी नजरेंः–
मोहम्मद सिराज दुनिया के नंबर-1 गेंदबाजः– मोहम्द सिराज ICC के नंबर एक गेंदबाज है. सिराज भारत की नई गेंद की सफलता की कुंजी होगे. केवल कुछ ही गेंदबाज स्विंग और सीम दोनों से घातक हो सकते हैं. सिराज पावरप्ले में किसी भी बल्लेबाजी लाइनअप के लिए सबसे बड़ा खतरा होने वाले हैं.
शुभमन गिलः– भारतीय टीम की सलामी जोड़ी में शामिल शुभमन गिल इन दिनों शानदार फॉर्म में हैं. एशिया कप में उनका बल्ला खुब बोला है. उनके नाम कुछ खास रिकॉर्ड एक रिकॉर्ड यह भी है कि वे तीनों फॉर्मेंट में शतक लगा चुके हैं. जो औरों से अलग हैं. इतना ही नहीं न्यूजीलैंड के खिलाफ दोहरा शतक भी जमा चुके हैं. यह खिलाड़ी मैदान पर अगर खड़ा हो गया तो रनों की बारिश हो जाएगी.
विराट कोहलीः– विराट कोहली का फॉर्म इन दिनों जबरदस्त है. उन्हें तो पहले से रन मशीन कहा जाता रहा है. इस साल के वन–डे फॉर्में में इनके बल्ले से खुब रन निकले हैं. वन–डे की 14 पारियों में इन्होंने 730 रन बनाए हैं. अगर इस खिलाड़ी का बल्ला चला तो टीम का स्कोर तीन सौ के पार चला जाएगा.
हार्दिक पांड्या :- भारतीय टीम के बेहतरीन ऑलराउंडरों में इनका नाम शामिल है. गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी इनका जलवा दोनों ही तरफ देखने को मिलता है. हार्दिक ने पिछले 15 वन–डे मुकाबलों की 12 पारियों में 372 रन बनाए हैं और 12 खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया है.
कुलदीप यादवः– इन दिनों एक नाम है जो हर कोई ले रहा है कुलदीप यादव का. कुलदीप ने अपनी फिरकी से हर किसी को प्रभावित किया है. उन्होंने इस साल 15 वन–डे मुकाबलों में 31 खिलाड़ियों को अपना शिकार बनाया है. विपक्षी खिलाड़ियों को इनसे बचने की जरूरत है.
इस बार की भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन कमाल की है. एक तरफ जहां गेंदबाजी शानदार है तो वहीं दूसरी तरफ बल्लेबाजी भी कमाल की. ऑलराउंडर भी अपना जौहर दिखाने को बेताव हैं. ऐसे में भारतीय फैंस तो बस यही चाह रहे हैं कि भारत तीसरी बार विश्वकप अपने नाम दर्ज करें.
भारतीय टीमः– रोहित शर्मा (कप्तान), हार्दिक पांड्या (उपकप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, ईशान किशन(विकेटकीपर), के एल राहुल ( विकेटकीपर), सूर्यकुमार यादव, रवींद्र जडेजा, आर अश्विन, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव