स्विंग का बादशाह इरफान पठान अपने ही करियर के लिए ग्रहण बन गया…

स्विंग के सुल्तान का ऑल राउंडर बनने की फिराक में कैसे खत्म हुआ करियर

टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाला दूसरा भारतीय तेज गेंदबाज

जब कपिल देव के बाद इंडिया को मिला बेस्ट ऑलराउंडर फिर कैसे जाने लगा ढलान में करियर

अपनी स्विंग गेंदबाजी से लड़कियों को दीवाना बनाने वाला खिलाड़ी

आज हम एक खिलाड़ी के बायोग्राफी की कहानी शुरू करने से पहले दो शब्दो की बात करते है। ये दो शब्द हद और रिस्क …. यही दोनो शब्द इस खिलाड़ी के क्रिकेट बनने की कहानी भी बयां करते है

दोस्तों किसी चीज को पाने की हद क्या हो सकती है कितनी हो सकती है और वह हद कहां तक जा सकती है यह सच है कि दुनिया में अगर कुछ अलग करना हो या खुद की नई पहचान बनानी हो तो जिंदगी में रिस्क लेना ही पड़ता है । हद और रिस्क के बीच अगर कोई शब्द है तो वह मेहनत है। भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून जज्बा और उत्साह किस युवा में नहीं है। भारत में लाखों की संख्या में युवा क्रिकेट खेलते है और वह एक बार इंडियन टीम की नीली जर्सी पहनना चाहते है। लेकिन लाखों लोगों में 11 खिलाड़ियों को जगह मिलना वाकई चमत्कार जैसा है। लेकिन अगर किसी भारतीय खिलाड़ी ने नीली जर्सी पाने के लिए हद जुनून और रिस्क लिया है तो वो कोई और नहीं पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बाएं हाथ के तेज गेंदबाज इरफान पठान है। जिसने गुरबत भरी जिंदगी के बीच अगर किसी को जिया है तो वह क्रिकेट है …… इरफान पठान उन खिलाड़ियों में से है जिन्होंने बहुत जल्दी अपनी कड़ी मेहनत से टीम इंडिया में जगह बना ली। लेकिन इरफान पठान को ना जाने किसकी नजर लग गई । जितनी तेजी से इरफान पठान ने टीम इंडिया के दरवाजे पर दस्तक दी । उतनी ही तेजी से महज चंद सालों में उनका करियर खत्म हो गया।

आज हम आपके लिए इरफान पठान के क्रिकेटर बनने से लेकर उनके सफर के अंत की रोचक कहानी और किस्से लेकर आए है। इस कहानी में हम जानेंगे कि आखिर इरफान पठान अपने चमकते करियर को बर्बाद करने के खुद जिम्मेदार है या उनके पीछे किसी ने साजिश की थी। इरफान पठान बाएं हाथ का वो तेज गेंदबाज जिसने अपनी स्विंग गेंदबाजी से विरोधियों को खूब छकाया । जिसके खेल को देखकर क्रिकेट जगत ने भारतीय टीम का दूसरा कपिल देव कहने लगे थे…..

इरफान पठान का जन्म 27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के बड़ौदा में हुआ था। इरफान के परिवार में पिता महमूद खान मस्जिद में काम करते थे । मां हाउसवाइफ है। परिवार में एक छोटी बहन और बड़े भाई यूसुफ पठान है जो इरफान के साथ ही टीम इंडिया के लिए खेल चुके है। दोनो भाईयो को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। इरफान ने अपनी स्कूली शिक्षा मेस हायर सेकंडरी स्कूल बड़ौदा से की। इरफान पढ़ाई के साथ साथ क्रिकेट भी खेला करते थे। इरफान खाली समय में मस्जिद की साफ सफाई किया करते थे । परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी।इरफान का शुरुआती जीवन बहुत ही मुफलिस में गुजरा। वो कहते हैं ना अगर आप सिद्दत से किसी चीज को पाने की हसरत रखते हैं तो खुदा भी आपकी मेहनत को बेकार नहीं जाने देता । कुछ ऐसा ही हुआ इरफान पठान के साथ । उनकी क्रिकेटर बनने की जिद्द के आगे सभी मुश्किलों ने उनके सामने घुटने टेक दिए । इरफान पठान और यूसुफ पठान अपने पिता के साथ साइकल प्रैक्टिस के लिए ग्राउंड जाते थे। जितना संघर्ष इरफान ने किया उतना ही उनके पिता महमूद ने भी। कहते है इरफान पठान जब प्रैक्टिस करके आराम करते थे तो कई युवा लड़के लंच में अच्छा अच्छा पकवान खाते थे। लेकिन इरफान पठान गुड़ खाकर पानी पी लेते थे और फिर प्रैक्टिस करने लगते थे।

इरफान गेंदबाजी के साथ ठीक ठाक बल्लेबाजी भी कर लेते थे । इरफान पठान 13 साल की छोटी सी उम्र में जूनियर क्रिकेट में अपने कदम जमा लिए थे। उन्होंने उम्र से पहले ही अंडर 14, अंडर 15, अंडर 16, और अंडर 19 का प्रतिनिधित्व किया है। इन सभी फॉर्मेट में इरफान अच्छी गेंदबजी और बल्लेबाजी कर रहे थे। मैच दर मैच उनके खेल में निखार आ रहा था। इरफान को साल 2001 में बड़ौदा की रणजी टीम में जगह मिल गई। और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। उसी साल बड़ौदा ने रणजी का खिताब भी अपने नाम कर लिया। इरफान पठान ने अपना सबका ध्यान अपनी तरफ उस खींचा जब एशिया अंडर 19 क्रिकेट टूर्नामेंट में उन्होंने पाकिस्तान में एक ही पारी में 9 विकेट हासिल किए और अपनी धारदार स्विंग गेंदबाजी से विरोधियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया ।

फिर क्या था इरफान की रातों रात स्टार बन गए। टीवी से लेकर अखबारों में इस युवा गेंदबाज की चर्चा होने लगी। और इनाम के तौर पर इरफान को उसी साल भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जा रही थी तो इरफान पठान को उस टीम का हिस्सा बना दिया गया। दिसंबर 2003 में इरफान ने 19 साल की उम्र में अपने करियर का पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एलिडेड ओवल में खेला। इस टेस्ट मैच में इरफान को मुख्य गेंदबाज जहीर खान के चोटिल होने के कारण मौका मिला। इस मैच में इरफान ने 150 रन खर्च कर महज एक विकेट मैथ्यू हेडन के रूप में मिला। इस मैच में इरफान पठान का प्रदर्शन ज्यादा अच्छा नही था लेकिन कप्तान सौरव गांगुली ने उनके अंदर छिपी प्रतिभा को पहचान लिया । नतीजा यह रहा की ऑस्ट्रेलिया भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेली जा रही त्रिकोणीय सीरीज में इरफान को फिर मौका दिया। इस त्रिकोणीय सीरीज में इरफान ने अपना करिश्मा दिखा दिया। इरफान ने 31 की औसत से 16 विकेट अपने नाम किए।

इरफान की गेंदबाजी के चर्चे भारत से ज्यादा विदेशी मुल्कों में होने लगे। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी जावेद मियांदाद ने इरफान को गली मोहल्ले वाला गेंदबाज बता डाला । फिर क्या था भारतीय टीम एक लंबे अर्से बाद साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर गई । और उन्होंने पाकिस्तान की पिचों में तहलका मचा दिया। इरफान ने सबसे ज्यादा 12 विकेट लिए थे। और सबसे ज्यादा मेडन ओवर डाले थे । इरफान के दम पर भारत ने पाकिस्तान में दो दशकों बाद सीरीज जीती थी। और उनका प्रदर्शन देखकर जावेद मियांदाद अपने बयान पर पछतावा करने लगे। इरफान ने गेंद के साथ बल्ले से भी करिश्मा दिखाया था। इरफान ने उसी साल आईसीसी इमेजिंग प्लेयर का खिताब जीता था।इसके बाद एशिया कप और आईसीसी चैंपियन ट्रॉफी में शानदार खेल दिखाया। बल्ले और गेंद के अद्भुत प्रदर्शन से इरफान भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल में जगह बनाते गए। टीम का चमकता सितारा इरफान पठान ने अपने छोटे से करियर में सिर्फ 24 साल की उम्र में अपना आखिरी टेस्ट खेला इसके बाद उन्हें टेस्ट में कभी मौका नहीं मिला। हालाकि पठान वनडे और टी 20 क्रिकेट खेलते रहे।

इरफान के निजी जीवन की दास्तान भी क्रिकेट जैसी ही है। । इरफान पठान के कई लड़कियों के साथ अफेयर चर्चा भी उस समय खूब सुनने को मिली। साथ ही उनके शादी का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। भारत जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी तब वहां भारतीय राजनायिक की बेटी शिवांगी से उनका अफेयर करीब 10 साल तक चला । शिवांगी इरफान के लिए भारत तक आ गई थी। और तीन साल तक बड़ोदरा में ही रहीं। दोनो शादी करना चाहते थे लेकिन इरफान यह भी चाहते थे कि उनके बड़े भाई युसुफ पहले शादी करें । शिवांगी शादी जल्दी करना चाहती थी। फिर कुछ समय बाद दोनो का रिलेशनशिप खत्म हो गया। इसके बाद इरफान ने साल 2016 में मक्का में सफा के साथ निकाह किया । साउदी की सफा इरफान से उम्र में 10 साल छोटी है। मौजूदा समय में इरफान का एक बेटा है जिसका नाम इमरान खान पठान है।
वर्तमान समय में क्रिकेट कमेंट्री की भूमिका निभाने वाले इरफान पठान ने अपने क्रिकेट करियर में 2003 से 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 129 टेस्ट खेले जिसमें 1305 रन और 100 विकेट हासिल किए है। इरफान ने एकदिवसीय मैच में 120 मैचों मे 1544 रन और 173 विकेट लिए है। टी 20 के 24 मुकाबलों में 172 रन बनाए साथ ही 28 विकेट भी लिए। इतना ही नही आईपीएल में पंजाब, हैदराबाद,दिल्ली,पुणे और गुजरात की टीम से खेलने वाले इरफान पठान ने कुल 103 मैचों मे 80 विकेट अपने नाम किए।

दोस्तों क्या इरफान पठान ने अपने क्रिकेट करियर में कपिल देव से अच्छी गेंदबाजी व प्रदर्शन किया किया है ? आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं .

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