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कैसे एक लेग स्पिनर बना टेस्ट क्रिकेट का महान बल्लेबाज, जिसने ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया

Bihari News

बदनामी से बादशाहत तक, जिसने बल्ले से लिखी कामयाबी की दास्तां…

21वीं सदी का दूसरा ब्रैडमैन जिसने सर डॉन ब्रैडमैन के अविश्वसनीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया

स्टीव स्मिथ जो ऑस्ट्रेलिया टीम के लिए सबसे बड़ा चीटर प्लेयर बना

भारत के खिलाफ काल बनकर मैदान पर उतरता है

कैसे एक लेग स्पिनर बना टेस्ट क्रिकेट का महान बल्लेबाज

क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे अदभुत और बड़े रिकॉर्ड दर्ज होते है जिसे तोड़ना राई का पहाड़ बनाने जैसा होता है। लेकिन अगर कोई बल्लेबाज उस रिकॉर्ड की बराबरी ही कर ले तो वह अविश्वसनीय ही माना जाएगा। और सोने पर सुहागा तब माना जाएगा जब अपने ही देश के महान क्रिकेटर के रिकॉर्ड की बराबरी की हो.. सर डॉन ब्रैडमैन ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट का वो चेहरा जिसने समूचे ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को गौरवान्वित करने का काम किया था। जब भी आप टेस्ट क्रिकेट की किताब खोलेंगे आपको पहले पन्ने पर सर डॉन ब्रैडमैन का टेस्ट क्रिकेट में औसत 99.99 लिखा नजर आयेगा। तब क्रिकेट के पंडितो ने कहा था कि इस औसत से कोई भी बल्लेबाज नहीं खेल पाएगा।
उन्हे कौन बताए कि रिकॉर्ड टूटने के लिए ही बनाए जाते है। और उसे कर दिखाया उसी देश के एक नायाब खिलाड़ी ने जो सही मायनो में टेस्ट क्रिकेट का बादशाह है स्टीव स्मिथ…

आज बात करने वाले हैं एक ऐसे खिलाड़ी कि जिसे क्रिकेट का दूसरा डॉन ब्रैडमैन कहा जाता है। लेकिन उसने क्रिकेट में कई ऐसे शर्मनाक काम किए है जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट की बदनामी हुई । और इस बदनामी से यह खिलाड़ी खुद को भी अछूता नहीं रख पाया। फिर भी आज वह बदनामी से बादशाह बन गया। कहानी स्टीव स्मिथ की .. जिसने ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को डुबाया है तो बचाया भी है। आज हम स्टीव स्मिथ के जीवन के कुछ अनसुने पहेलूओ की चर्चा करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि आखिर एक लेग स्पिनर कैसे बना टेस्ट क्रिकेट का महान बल्लेबाज..

स्टीव स्मिथ हमारे सदी के डॉन ब्रैडमैन का जन्म 2 जून 1989 को सिडनी के न्यू साउथ वेल्स में हुआ था। स्मिथ के पिता का नाम पीटर और मां का नाम गिलियन है। स्मिथ के पिता की लव मैरिज शादी हुई थी। क्योंकि स्मिथ की मां इंग्लैंड से है। स्मिथ अपने माता पिता की दूसरी संतान है स्मिथ की एक बहन भी है। केमेस्ट्री की डिग्री रखने वाले स्मिथ के पिता को जीवन में अलग अलग प्रयोग करने में बहुत मजा आता था। इसके अलावा पीटर क्रिकेट के भी बहुत दीवाने थे। ज्यादातर क्रिकेटरों की कहानी में देखने को मिलता है कि खिलाड़ी का रुझान बचपन से ही क्रिकेट से जुड़ा रहता है। स्मिथ उन्हीं में से एक है। जिन्हे क्रिकेट पसंद था। स्मिथ बपचन में सभी तरह के स्पोर्ट्स खेलते थे लेकिन क्रिकेट को लेकर उनके मन में एक अलग सा लगा था यही वजह है स्मिथ टीवी पर क्रिकेट देखते थे। स्मिथ ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मिनाई हाई स्कूल से की। स्मिथ स्कूली क्रिकेट में अपने हूनर की बदौलत खूब वाहवाही लूट रहे थे। स्मिथ तब एक बल्लेबाज कम लेग स्पिनर के तौर पर अपनी पहचान बना रहे थे। स्मिथ को पूरा साथ उनके कोच ट्रेंट वूड हिल से काफी मदद मिली। 17 साल की उम्र तक स्मिथ बहुत से टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके थे। स्मिथ ने अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था क्योंकि क्रिकेट के आड़े उनकी पढ़ाई आ रही थी। इसमें उनके कोच ने उनका साथ दिया। स्मिथ ने क्रिकेट में करियर बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर इंग्लैंड जाने का फैसला किया। जहां उन्होंने क्लब क्रिकेट खेली। क्लब क्रिकेट में अच्छा खेलने के बाद स्मिथ को सरे की टीम से खेलने का मौका मिला। स्मिथ के जीवन में अच्छी बात यह थी कि वह ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड दोनो जगह से खेल सकते थे। क्योंकि पिता ऑस्ट्रेलियन थे और मां इंग्लिश। लेकिन स्मिथ और उनके कोच ने एक राय बनाई कि वह ऑस्ट्रेलिया से ही खेलेंगे। स्मिथ तब अच्छा खेल रहे थे। उनके इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हे 2008 में ऑस्ट्रेलिया की अंडर 19 में चुन लिया गया। इस टूर्नामेंट में स्मिथ ने 4 मैचों मे 144 रन बनाए और 7 विकेट भी हासिल किए।

स्मिथ अपने बल्ले से कमाल कर रहे थे। लेकिन दुनिया उन्हे अभी भी एक लेग स्पिनर के तौर पर ही देखती थी।2007 को स्मिथ ने न्यू साउथ वेल्स की तरफ से अपना प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर का आगाज किया। इसके बाद स्मिथ साल 2009 में टी 20 में चैंपियन लीग का हिस्सा भी रहे। घरेलू क्रिकेट और चैंपियन लीग में अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर स्मिथ खुद को एक बल्लेबाज के रूप में स्थापित कर चुके थे। स्मिथ अपनी गेंदबाजी में धंस रहे थे। लेकिन शेन वार्न को उनकी गेंदबाजी पर भरोसा था। शेन वार्न स्मिथ को रोज अभ्यास कराते। उस दौर में ऑस्ट्रेलिया के अखबारों में स्मिथ और वार्न के लेग स्पिन की जुगलबंदी रोज सुर्खियां बन रही थी। इस बीच 2008 में बिग बैश लीग में स्मिथ ने अपनी लेग स्पिन का जादू पूरे टूर्नामेंट में दिखाया। और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने थे। स्मिथ की शानदार गेंदबाजी को देखते हुए टी 20 क्रिकेट में 5 फरवरी 2010 को पाकिस्तान के खिलाफ लेग स्पिनर के तौर पर टीम में चुना गया। इसके बाद इसी महीने में स्मिथ को 19 फरवरी 2010 को वेस्टइंडीज के खिलाड़ी एकदिवसीय क्रिकेट में डेब्यू करने का भी मौका मिला। तब स्मिथ 182 नंबर के ओडीआई खिलाड़ी बने। साल 2010 में स्मिथ को टी 20 विश्व कप में चुना गया। जहां उन्होंने 11 विकेट झटके थे। घरेलू क्रिकेट से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने खेल से सभी को आश्चर्यचकित करने वाले स्मिथ को दूसरा शेन वार्न कहा जाने लगा था। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गजों को लगने लगा था कि शेन वार्न के सन्यास के बाद उनकी जिम्मेदारी स्मिथ बखूबी निभा सकते हैं। लेकिन हुआ इसके उलट। किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

13 जुलाई 2010 को स्मिथ को 415 नंबर की टेस्ट कैप थमाई गई। इसका मतलब ये था कि स्मिथ अब सफेद जर्सी में भी नजर आयेंगे। और यही हुआ, लॉर्ड्स के मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ स्मिथ ने अपना पहला टेस्ट क्रिकेट मैच खेला। पहले टेस्ट की पहली पारी में स्मिथ को गेंदबाजी नहीं मिली। लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने तीन विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया वो मैच 150 रन से जीत गया। दूसरे टेस्ट में स्मिथ ने गेंदबाजी के अलावा शानदार बल्लेबाजी भी की। स्मिथ ने 77 रन बनाए। उन्हे अब एक बल्लेबाज के तौर पर भी टीम देखने लगी थी। स्मिथ अब लीग क्रिकेट में भी धमाल मचा रहे थे। साल 2011 में स्मिथ को भारत दौरे पर गई ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम में जगह मिली। पहले दो टेस्ट मैच में बाहर बैठने के बाद तीसरे टेस्ट में शानदार 92 रन बनाए। चौथे मैच में भी स्मिथ ने अच्छा प्रदर्शन किया। इस दौरे पर ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज गवां दी थी लेकिन वो घर बैरंग नहीं लौटी। उस दौर में स्मिथ जैसा नायाब हीरा मिल गया था साल 2013 में खेली गई एशेज सीरीज में स्मिथ का बल्ला खूब गरजा। तब स्मिथ ने पहला टेस्ट शतक भी लगाया था। इसके बाद 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे क्रिकेट में अपना पहला शतक ठोक डाला। यहां से स्मिथ ऑस्ट्रेलिया टीम की दीवार बनकर उभरे थे। इसके बाद स्मिथ ने कई बेजोड़ पारियां खेली। 2015 में लॉर्ड्स में दोहरा शतक लगाने वाले स्मिथ दूसरे बल्लेबाज भी बने थे। इसी साल स्मिथ को ऑस्ट्रेलिया टीम का फुल टाइम कप्तान भी बनाया गया था। एक समय ऐसा भी आया जब स्मिथ की आईसीसी अवार्ड में धूम मची थी। ICC प्लेयर ऑफ द ईयर, icc टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर और एलान डोलाल्ड मेडल सहित कई उपलब्धियां अपने नाम की थी। इसके बाद स्मिथ रुके ही नहीं एक के बाद एक लाजवाब पारीयां स्मिथ को टेस्ट क्रिकेट का बादशाह बनाता गया। क्रिकेट पंडित अब इन्हें सदी का डॉन ब्रैडमैन कहने लगे थे।

उपलब्धियों और कीर्तिमानों की बुलंदियों में शुमार स्मिथ के लिए एक कभी ना भुलाने वाला बुरा दौर सामने आने वाला था। साल 2018 में साउथ अफ्रीका दौरे में स्मिथ पर बॉल टेंपरिंग का आरोप लगा। हुआ कुछ ऐसा कि पीटर हैंडस्कॉम्ब को गेंद पर सैंड पेपर से रगड़ते हुए देखा गया। इसके बाद क्रिकेट की दुनिया में भूचाल सा आ गया। इस शर्मनाक करतूत में स्मिथ के साथ वार्नर और हैंडसकोम्ब भी शामिल थे। वार्नर को उपकप्तानी और स्मिथ को कप्तानी से हटा दिया गया और अजीवन कप्तान ना बनने का तुगलकी फरमान भी जारी किया गया। एक साल का प्रतिबंध भी शामिल था। स्मिथ को आईपीएल में भी नहीं खिलाया गया। बुरे लम्हें से गुजरने के बाद अब स्मिथ एक बार फिर क्रिकेट में तहलका मचा रहे है। 66 टेस्ट 108 वनडे क्रिकेट खेलने वाले स्मिथ ने करीब 16 हजार रन बनाए है।

दोस्तों, स्टीव स्मिथ क्या वाकई में डॉन ब्रैडमैन से बड़े खिलाड़ी बन गए हैं ? आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं .

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